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फरीदाबाद

पुलिस कमिश्नर के. के. राव के समक्ष ग्रीन फिल्ड कालोनी का ग्रीन बेल्ट की करोड़ों की जमीन कब्ज़ा करने का मामला पहुंचा।  

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद:ग्रीन फिल्ड कालोनी में ग्रीन बेल्ट की करोड़ों की जमीनों पर मंदिर निर्माण के नाम पर कब्ज़ा करने का सनसनी खेज मामला अदालत के बाद, अब पुलिस कमिश्नर के. के राव के दरबार में पहुंच गया हैं। मामला पहुँचाने वाली महिलाओं को पुलिस कमिश्नर के. के राव ने उन्हें आश्वस्त किया कि यूआईसी के अधिकारियों से इस मामले में बातचीत करेंगें। क्यूंकि इनके मिलीभगत के बगैर  ग्रीन फिल्ड कालोनी में कोई भी शख्स जमीनों पर कब्ज़ा नहीं कर सकता हैं।  इस मामले में पुलिस कमिश्नर के. के. राव से उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया पर उन्होनें व्यस्ता के कारण अपना फोन नहीं उठाया। इस प्रकरण में  डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार का कहना हैं कि इस क्रम में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को अपने जई को मौका देखने के लिए कर दिया जाएगा।  

अधिवक्ता पारुल बाबा का कहना हैं कि पुलिस कमिश्नर के. के. राव से आज उन्होनें साढ़े ग्यारह बजे मिलने का समय लिया हुआ था पर उनसे उनकी मुलाकात पौने बारह बजे के करीब हुई थी, के दौरान उनको ग्रीन फिल्ड कालोनी में एक एनजीओ के द्वारा ग्रीन बेल्ट की करोड़ों की जमीनों पर मंदिर निर्माण के नाम पर कब्ज़ा करने हेतु जमीन के चारों तरफ चार दीवारी करके निर्माण की कोशिश कर रहा था का कालोनी के निवासियों ने विरोध करना शुरू कर दिया।

उन्होनें इस मामले को अदालत में ले गए और अदालत ने यूआईसी, डीटीपी इंफोर्स्मेंट व पर्यावरण व फॉरेस्ट विभाग को नोटिस भेज दिया। इसके बाद मीडिया आने के बाद कब्ज़ा करने वाले एनजीओ ने चल रहे निर्माण कार्य को तुरंत बंद दिया। सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि इस मामले को वह जिला प्रशासन के पास ले जाते, तो उस समय तक इस ग्रीन बेल्ट की जमीन पर  काफी हद तक निर्माण कर चुके होते। इसके बाद डीटीपी इंफोर्स्मेंट एक जेसीपी मशीन लेकर आता और हल्का फुल्का तोड़फोड़ की कार्रवाई करके चलता बनता और निर्माणकर्ता एनजीओ अपना निर्माण कार्य करने के बाद अदालत से स्टे ले आता. के बाद चाहे कितने भी शिकायतें उनसे इस बारे में करते रहों। कुछ भी नहीं होता। 



उनका कहना हैं कि पुलिस कमिश्नर के. के. राव ने आज उनकी बातें बारीकी से सुनी और उन्होनें कहा कि इस बारे वह यूआईसी के महाप्रबंधक प्रवीण चौधरी और निदेशक स्तर के अधिकारियों से बात करेंगें,क्यूंकि कंपनी के अधिकारीयों की मिलीभगत से ही कोई शख्स जमीन कब्ज़ा नहीं कर सकता हैं। उन्होनें उन सभी अधिकारियों के मोबाइल फोन के नंबर उनसे लिए हैं।

इस मामले में यूआईसी के महाप्रबंधक प्रवीण चौधरी से उनका पक्ष जाने के लिए फोन पर अथर्व न्यूज़ ने उनसे संपर्क किया पर उन्होनें अपना फोन नहीं उठाया। इसी तरह से पुलिस कमिश्नर के. के. राव को फोन किया पर उन्होनें व्यस्ता के कारण फोन नहीं उठाया। इसके बाद डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार का कहना हैं कि अदालत से नोटिस तो मिला हैं पर मामले की सही जानकारी के लिए शुक्रवार को अपने जई को मौका देखने के लिए भेजेंगें। इसके बाद जो भी आवश्यक  कार्रवाई होंगी वह जरूर किया जाएगा ।      

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