अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा: नोएडा की कोतवाली फेस 1 पुलिस ने नोएडा के सेक्टर 3 से अपडेट किए जा रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए दो युवतियों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। यह लोग विदेशी नागरिकों को डेढ़ सौ से 200 डॉलर के वार्षिक शुल्क पर 8000 टीवी चैनल उपलब्ध कराने के नाम पर ठगी कर रहे थे, जबकि आरोपी इसके लिए अधिकृत नहीं थे, ना इनके पास चैनल उपलब्ध कराने का कोई लाइसेंस था। ना ही इन लोगों के पास कॉल सेंटर के रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज थे, इस कॉल सेंटर का सरगना फरार बताया जा रहा है। पुलिस के गिरफ्त में खड़े आशीष शर्मा, वारेपन, सचिन सिंह, प्रखर मिश्रा, विनेश पाल, स्वाति, सुरमला को सेक्टर-3 के डी 29 में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर पर पुलिस ने छापा मार कर गिरफ्तार किया है। यह सभी कॉल सेंटर में काम करते थे, जबकि इस कॉल सेंटर का सरगना फरार बताया जा रहा है।
एसीपी अरविंद कुमार ने बताया कि सूचना मिली की सेक्टर तीन में अप्रवासी भारतीयों के साथ ठगी करने वाले कॉल सेंटर का संचालन हो रहा है। जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी की गई है. ये लोग इंटरनेट से कॉलिंग के माध्यम से अमेरिका क़े नागरिकों से सम्पर्क कर बताते थे, कि उनकी कंपनी आईपी टीवी, के पास 8000 चैनल है जिसमें अमेरिका के लोकल और भारत के चैनल उपलब्ध हैं, उनकी कंपनी डेढ़ सौ से दो सौ डॉलर पर उपलब्ध कराती है, इसके लिए उनकी कंपनी चैनलों को देखने के लिए 3 से 5 आईडी और पासवर्ड देती है. इनको चलाने के लिए टीवी, फोन, टैब, पर एंड्राइड के लिए VUIP एप और एप्पल के लिए IP Tv smatrers एप डाउनलोड करना होगा. ये लोग पेमेंट खातों में जमा कर लेते थे, लेकिन कोई सर्विस नहीं दी जाती थी और अपना सम्पर्क भी तोड़ लेते थे। एसीपी अरविंद कुमार ने बताया कि चैनल उपलब्ध कराने का आरोपियों के पास लाइसेंस नहीं मिला है। न ही आरोपी इसके लिए अधिकृत हैं। न ही विदेशी लोगों को कॉल करने का लाइसेंस आरोपियों के पास है। कॉल सेंटर के रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज भी आरोपी नहीं उपलब्ध करा सके हैं। जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है सभी कर्मचारी हैं। गोरखपुर निवासी कॉल सेंटर का सरगना फरार है। इसी साल जनवरी में सरगना ने सेक्टर तीन में कॉल सेंटर खोला था और 12 से 20 हजार प्रतिमाह की सैलरी पर कई युवकों और युवतियों को हायर किया था। कई अन्य शहरों में भी सरगना द्वारा कॉल सेंटर खोलने की बात सामने आई है। आरोपी अमेरिका में रहने वाले भारतीयों से ठगी करते थे। सरगना प्रतिमाह आठ से दस हजार अमेरिकी डॉलर चैनल उपलब्ध कराने के नाम पर कमा लेता था। पुलिस पीड़ितों से भी संपर्क करने का प्रयास कर रही है।
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