अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा की कोतवाली दादरी पुलिस ने एक ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया है पुलिस ने इनके कब्जे से मृतक के कपड़ों का बैग कपड़े, आधार कार्ड डायरी और हत्या में इस्तेमाल किया गया जहरीला पदार्थ और खून से सनी चादर बरामद की है पुलिस के अनुसार मृतक की पहचान संजीव उर्फ संजू के रूप में हुई और उसकी हत्या अवैध संबंधों के चलते की गई थी। पुलिस की गिरफ्त में खड़े सत्य प्रकाश, कल्लू और बृजपाल ने संजीव उर्फ संजू की हत्या शराब में जहर मिलाकर उसे पिलाकर की थी। बाद में उसका सिर्फ पत्थरों से कुचल कर रूपवास गोल चक्कर के पास रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था जिसके कारण उसकी शिनाख्त नहीं हो पा रही थी पुलिस ने इस संबंध में जब पंपलेट छपवा कर बटवा या तब उसकी शिनाख्त हुई डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि 1 मार्च की रात को दादरी के रेलवे ट्रैक के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद हुआ था तो उसका सिर कुचला हुआ था जिसके कारण उसकी शिनाख्त नहीं हो पा रही थी दादरी पुलिस ने धारा 302 मुकदमा दर्ज कर मामले की तफ्तीश की तो मृतक की शिनाख्त संजीव उर्फ संजू पुत्र ओमपाल यादव रूप में हुई ।
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ पर जानकारी हुई कि अभियुक्त सत्यप्रकाश व कल्लू तथा मृतक एक ही गांव के रहने वाले है। दोनों का पडोस मे घर है। सत्यप्रकाश व कल्लू का सगा छोटा भाई जसबीर मृतक संजीव का अच्छा दोस्त था जिसके पास संजीव का काफी आना जाना था। जिस के अवैध सम्बन्ध जसबीर के भाई ओम शरण की पत्नी से हो गए थे। जिसकी जानकारी जसबीर को होने पर जसबीर ने संजीव को समझाया था। 5 फरवरी को गांव सराय पस्तोर मे ही संजीव व जसबीर व इनके धर्मेन्द्र व गंगा प्रसाद ने साथ-साथ शराब पी थी। उसी दिन जसबीर की मृत्यु हो गई थी तभी से जसबीर के भाई सत्यप्रकाश व कल्लू तथा पिता ब्रजपाल यह विश्वास कर रहे थे कि जसबीर को शराब मे कुछ मिलाकर संजीव ने मार दिया है। डीसीपी ने बताया कि इस बात की कोई शिकायत पुलिस को नही की गयी थी व जसबीर का अन्तिम संस्कार कर दिया गया था तभी से इन तीनों लोगों ने संजीव उर्फ संजू को मारने की प्लानिंग बना दी थी। अभियुक्त कल्लू व सत्यप्रकाश ने इस योजना को अपने गांव के रिश्ते के मामा नरेंद्र को भी बता दिया था और 28 मार्च को सत्य प्रकाश ने संजीव को कॉल करके तिलपता से दादरी दावत के बहाने बुलाकर अपने साथी नरेन्द्र व कल्लू की मदद से शराब मे जहर मिलाकर रूपवास गोल चक्कर के पास रेलवे लाईन पर ले जाकर पत्थर से हमला कर जान से मार दिया था एवं शव को रेलवे ट्रैक पर इस उद्देश्य से रख दिया था कि ट्रेन आने पर मृतक की मौत ट्रेन से कटकर होना साबित हो जायेगी परन्तु ट्रेन आने से पहले ही दादरी पुलिस को सूचना हो गई व शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्यवाही की गई तथा जिसके परिणाम स्वरूप मृतक की शिनाख्त हुई एवं तीन अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई । एक अन्य अभियुक्त नरेन्द्र अभी फरार है जिसकी गिरफ्तारी हेतु टीमे गठित कर दी गई है। पकडे गए अभियुक्त सत्य प्रकाश की निशानदेही से बचा हुआ जहरीला पाउडर व मृतक के कपड़ों का बैग एवं रक्त रंजित गर्म चद्दर तथा आधार कार्ड आदि बरामद किए गए है
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