अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: झूठी शिकायत देकर पुलिस को गुमराह करने तथा पुलिस तथा अदालत का कीमती समय बर्बाद करने के मामले में झूठी शिकायत देने वालों के खिलाफ पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा द्वारा सख्त कार्रवाई करने के दिशा- निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए थाना सेक्टर- 58 प्रभारी अनूप कुमार व उनकी टीम ने ट्रक लूट की झूठी शिकायत देने वाले दो आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है। फरीदाबाद पुलिस द्वारा बीते 6 महीनों में झूठी शिकायत देने वाले 36 आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 182 के तहत करवाई की जा चुकी है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि गत 21 जून को पुलिस को इशराक नाम के शख्स ने सूचना दी कि दो व्यक्ति उसका ट्रक लूटकर ले गए हैं। पुलिस थाना सेक्टर- 58 प्रभारी व उनकी टीम सूचना मिलते ही तुरंत बांके बिहारी चौक पर पहुंचे जहां पर इशराक से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसका ट्रक दो व्यक्ति लूट कर ले गए हैं जिसके बारे में पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। पुलिस जांच में आगे कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ट्रक को गांव धौज से बरामद कर लिया और ट्रक ले जाने वाले व्यक्ति इकबाल से ट्रक के बारे में पूछताछ की तो इकबाल ने बताया कि वह ट्रक लूटकर नहीं लाया बल्कि यह ट्रक उसी का है और इसकी आरसी भी इकबाल के नाम पर ही है। ट्रक की आरसी को चेक किया गया तो वह इकबाल के नाम पर पाई गई। जब शिकायतकर्ता ट्रक ड्राइवर इशराक से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसने ट्रक लूट की झूठी सूचना पुलिस को दी थी और उसने यह सब शब्बीर के कहने पर किया है। दरअसल इकबाल आरोपित शब्बीर का साला है। इकबाल ने अपना ट्रक शब्बीर को चलाने के लिए दे रखा था जिसने इशराक को ट्रक का ड्राइवर रखा हुआ था। इकबाल ने शब्बीर से पैसे लेने थे परंतु शब्बीर आनाकानी कर रहा था। शब्बीर ने योजना बनाई की ट्रक वापस इकबाल को दे देते हैं और पुलिस को झूठी सूचना देकर इकबाल को झूठे मुकदमे में फंसा देंगे। यही सोच कर शब्बीर ने इशराक से कहा कि वह पुलिस को फोन करके झूठी सूचना दे कि उसके ट्रक को लूटा गया है। सारी सच्चाई सामने आने के पश्चात पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों के खिलाफ कलंदर दर्ज किया है जिसे अदालत में प्रस्तुत करके आरोपितों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पुलिस आयुक्त द्वारा झूठी शिकायत देकर किसी निर्दोष को सजा दिलाने वाले तथा पुलिस तथा अदालत का वक्त बर्बाद करने वालों के खिलाफ कानून के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। झूठी शिकायत देने की वजह से पुलिस निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ जांच करती है और काफी लंबी जांच के बाद सामने आता है कि दी गई शिकायत झूठी है और जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है वह निर्दोष है। इस प्रकार की झूठी शिकायतों की वजह से निर्दोष व्यक्ति को बहुत सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है और उसे कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं। किसी निर्दोष व्यक्ति को इसकी वजह से हानि न पहुंचे तथा समय की बर्बादी न हो इसीलिए झूठी शिकायत देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में अब तक 6 महीनों में झूठी शिकायत देने वालों के खिलाफ 36 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं पुलिस आयुक्त ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि कोई भी व्यक्ति अपने फायदे के लिए इस प्रकार की हरकत ना करें अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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