अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम: हरियाणा रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा) गुरूग्राम ने आज सुनाए अपने ऐतिहासिक फैसले में पहली बार रीयल एस्टेट प्रोजैक्ट के लिए प्रमोटर अथवा बिल्डर को ऋण देने वाली फर्म अथवा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है। इस मामले में अथाॅरिटी द्वारा गुरूग्राम में निर्माणाधीन चार प्रोजैक्टों नामतः अराविले, बसेरा, ह्यूज एण्ड हिल टाउन में अलाटियों द्वारा जमा की गई करोड़ो रूप्ए की राशि के दुरूपयोग के आरोप में गुरूग्राम पुलिस आयुक्त को वित पोषण करने वाली तीन फर्मो अथवा कंपनियों नामतः मैसर्स इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, मैसर्स इंडस्ट्रियल फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड तथा मैसर्स पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करके उसकी जांच करने के आदेश दिए हैं।
इस फैसले के बारे में हरेरा गुरूग्राम के चेयरमैन डा. के के खण्डेलवाल ने गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्रामगृह के काॅन्फें्रस हाॅल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में देते हुए बताया कि देश में पहली बार हरेरा कानून के अंतर्गत किसी अथाॅरिटी ने रीयल एस्टेट प्रोजैक्ट को फंडिंग करने वाली फर्मो अथवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इनमें मैसर्स इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, मैसर्स इंडस्ट्रियल फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड तथा मैसर्स पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड शामिल हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गुरूग्राम पुलिस को आदेश दिए गए हैं। संवाददाता सम्मेलन में डा. खण्डेलवाल ने बताया कि मैसर्स सुपरटैक लिमिटिड द्वारा इन रीयल एस्टेट प्रोजैक्टो को बनाने के लिए मैसर्ज इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटिड से ऋण लिया गया था जिसकी अदायगी उन्होंने नहीं की। इस दौरान अलाटियों का जो 70 प्रतिशत पैसा हरेरा अकाउंट में जमा हुआ था, उस सारे पैसे को गलत ढंग से इंडिया बुल्स हाउसिंग फाईनंेस लिमिटिड द्वारा निकाल लिया गया जबकि यह पैसा रीयल एस्टेट प्रोजैक्ट को पूरा करने पर खर्च होना था। उन्होंने बताया कि प्रमोटर सुपरटैक लिमिटिड इस पैसे का ट्रस्टी था और यह पैसा हरेरा की निगरानी में प्रोजैक्ट पर खर्च होना था। बिल्डर अथवा प्रमोटर प्रोजैक्ट को पूरा करने की दिशा में उस द्वारा खर्च किए गए पैसे को ही इस अकाउंट से निकाल सकता था और वह भी इंजीनियर, आर्किटैक्ट तथा चार्टेेड अकंाउटेंट द्वारा प्रमाणित किए जाने के बाद ही संभव था।
डा. खण्डेलवाल ने बताया कि प्रमोटर अथवा बिल्डर तथा उसको ऋण देने वाली फर्मो अथवा कंपनियों को इस नियम का पता है, उसके बावजूद भी इंडिया बुल्स हाउसिंग फाईनेंस लिमिटिड द्वारा यह राशि अपनी ऋण राशि केे ऐवज में निकाली गई जोकि गलत है और अलाटी के पैसे का दुरूपयोग है। उन्होंने बताया कि इसे गंभीरता से लेते हुए हरेरा गुरूग्राम द्वारा पुलिस आयुक्त को इंडिया बुल्स हाउसिंग फाईनेंस लिमिटिड, उद्योग विहार फेज-5 गुरूग्राम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करके जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही निकाली गई राशि 30 दिन मंे वापिस जमा करवाने की हिदायत भी दी गई हंै अन्यथा उसकी रिक्वरी के लिए कार्यवाही की जाएगी। लैंडर अर्थात् ऋण प्रदाता इस राशि को तय समय-सीमा में वापिस जमा करवाए, यह बिल्डर को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि अथाॅरिटी द्वारा उस अकाउंट को भी अटैच कर दिया गया है ताकि उसमें से अलाटियों द्वारा भविष्य में जमा किए जाने वाले और पैसे को हरेरा की अनुमति के बगैर ना निकाला जा सके।
डा. खण्डेलवाल ने बताया कि बिल्डर अथवा प्रमोटर सुपरटैक लिमिटिड को भी कारण बताओ नोटिस भेजते हुए कहा गया है कि क्यों न उसके खिलाफ हरेरा एक्ट के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए दण्डात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि यह दण्डात्मक कार्रवाई 400 करोड़ रूप्ए तक जुर्माने के रूप में भी हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हरेरा अथाॅरिटी अधर में लटके प्रोजैक्टों को पूरा करवाने की दिशा में कार्यवाही कर रही है ताकि अलाटियों को उन द्वारा जमा करवाई गई धनराशि के ऐवज में फ्लैट अथवा अपार्टमेंट मिल सके। इसी प्रकार की गड़बड़ी मैसर्स इंडस्ट्रीयल फाईनेंस काॅर्पोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटिड तथा मैसर्स पीएनबी हाउसिंग फाईनेंस लिमिटिड द्वारा सैक्टर-68 में सुपरटैक लिमिटिड के निर्माणाधीन ह्यूज प्रोजैैक्ट में की गई है। अराविले प्रोजैक्ट सैक्टर-79 गुरूग्राम में तथा बसेरा प्रोजैक्ट सैक्टर 79 व 79 बी में मैसर्स सुपरटैक लिमिटिड द्वारा विकसित किए जा रहे हैं। इसी प्रकार हिल टाउन प्रोजैक्ट सोहना के सैक्टर-2 में सुपरटैक लिमिटिड बना रहा है। इस अवसर पर हरेरा गुरूग्राम के चेयरमैन डा. के के खण्डेलवाल के साथ हरेरा के सदस्य सुभाष चंद कुश, समीर कुमार तथा सचिव प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।