अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुरुग्राम में 8 लेन द्वारका एक्सप्रेस-वे के 19 किलोमीटर लंबे हरियाणा खंड का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की भीड़-भाड़ को कम करने के लिए 60 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह एक्सप्रेस-वे भारत के पहले एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेस-वे का अहम भाग है। इससे मौजूदा नेशनल हाईवे-48 पर भी ट्रैफिक में कमी आएगी और दिल्ली व गुरुग्राम के बीच यातायात सुगम होगा। प्रधानमंत्री ने आज जिला गुरुग्राम में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय समारोह में गुरुग्राम के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों के लिए करीब एक लाख करोड़ रुपये की 114 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सहित अन्य मंत्रीगण, सांसद एवं विधायक गण मौजूद रहे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री द्वारा दी गई विकास योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास पर उनका आभार जताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुग्राम से हरियाणा प्रदेश को चार बड़ी विकास परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने 4890 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले शामली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग की नींव- (पैकेज 1, 2 और 3) रखी, जिसकी लम्बाई 43 किलोमीटर रहेगी। वहीं 1330 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले भिवानी-हांसी रोड (जिसमें 4 बाईपास और चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण शामिल है), का शिलान्यास भी किया। साथ ही, 4087 करोड़ रुपये की लागत से तैयार द्वारका एक्सप्रेस-वे के पैकेज 3 व 4 भाग वाली दो योजनाओं का उद्घाटन भी किया। 8-लेन एक्सेस कंट्रोल द्वारका एक्सप्रेस-वे का 10.2 किमी लंबा पैकेज-3 दिल्ली-हरियाणा सीमा को हरियाणा में गांव बसई से जोड़ता है। इस पैकेज में 34 मीटर की चौड़ाई के साथ 8.6 किमी का एलिवेटेड सेक्शन है और यह “सिंगल पियर” पर निर्मित भारत की पहली आठ-लेन एलिवेटेड रोड का हिस्सा है। 8-लेन मुख्य कैरिज वे के अलावा, इस पैकेज में सर्विस रोड की चौड़ाई 4 लेन से 14 लेन तक है। एक्सप्रेस-वे में ट्रैफिक सिग्नल-मुक्त लेन, चार वाहन अंडरपास और पांच प्रमुख जंक्शनों पर एलिवेटेड सर्विस रोड भी हैं, जो निर्बाध यातायात को गति प्रदान करते हैं।इसके अलावा, पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए दोनों तरफ 12 सब-वे, फुटपाथ और साइकिल ट्रैक उपलब्ध कराए गए हैं। एक्सप्रेस-वे पर स्थानीय यातायात के लिए एक प्रवेश/निकास बिंदु प्रदान किया गया है। पूरे खंड पर वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण के साथ-साथ जल निकासी की सुविधा भी प्रदान की गई है।8-लेन द्वारका एक्सप्रेस-वे का 8.7 किमी लंबा पैकेज-4 गांव बसई को खेड़की दौला क्लोवरलीफ इंटरचेंज से जोड़ता है। इस पैकेज में 34 मीटर की चौड़ाई के साथ 3.7 किमी का एलिवेटेड खंड है और यह “सिंगल पियर” पर निर्मित भारत की पहली आठ-लेन एलिवेटेड रोड का हिस्सा है। सर्विस रोड की चौड़ाई 4 लेन से 10 लेन तक है। इस खंड में 16 लेन के साथ भारत के सबसे चौड़े रेलवे-ओवरब्रिज के साथ-साथ 125 मीटर लंबाई का सबसे लंबा “बो स्प्रिंग स्टील ब्रिज” भी शामिल है। खेड़की दौला में क्लोवरलीफ इंटरचेंज 2 किमी से अधिक परिधि लंबाई के साथ देश में सबसे बड़े इंटरचेंज में से एक है। क्लोवरलीफ एनएच-48 पर मौजूदा दिल्ली-जयपुर राजमार्ग के साथ सभी दिशाओं में निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करता है। सभी सड़कें ट्रैफिक सिग्नल मुक्त हैं और निर्बाध यातायात आवाजाही के लिए तीन वाहन अंडरपास प्रदान किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। जिन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें 9.6 किलोमीटर लंबी छः लेन वाली शहरी विस्तार सड़क-II (यूईआर-II) – नांगलोई-नजफगढ़ रोड से दिल्ली में सेक्टर-24 द्वारका खंड तक, उत्तर प्रदेश में 4,600 करोड़ रुपये की लागत से लखनऊ रिंग रोड के तीन पैकेज शामिल हैं। आंध्र प्रदेश राज्य में एनएच-16 का आनंदपुरम-पेंडुरथी-अनाकापल्ली खंड 2,950 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। हिमाचल प्रदेश में एनएच-21 का किरतपुर से नेरचौक खंड (2 पैकेज) लागत 3,400 करोड़ रुपये, कर्नाटक में डोबास्पेट-हेसकोटे खंड (दो पैकेज) की लागत 2,750 करोड़ रुपये है। साथ ही देशभर के अलग-अलग राज्यों में 20,500 करोड़ रुपये की 42 अन्य योजनाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुग्राम से देश भर में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। परियोजनाओं में आंध्र प्रदेश में बेंगलुरु-कडप्पा-विजयवाड़ा एक्सप्रेस-वे के 14 पैकेज शामिल हैं, जिनकी लागत 14,000 करोड़ रुपये है। कर्नाटक में एनएच-748ए के बेलगाम-हुंगुंड-रायचूर खंड के छः पैकेज, जिनकी लागत 8,000 करोड़ रुपये है। हरियाणा में शामली-अंबाला हाईवे के तीन पैकेज, जिनकी लागत 4,900 करोड़ रुपये है। पंजाब में अमृतसर-बठिंडा कॉरिडोर के दो पैकेज, जिनकी लागत 3,800 करोड़ रुपये है। साथ ही देशभर के अलग-अलग राज्यों में 39 अन्य परियोजनाओं जिनकी लागत 32,700 करोड़ रुपये है, शामिल हैं। ये परियोजनाएं राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगी और साथ ही सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और देश भर के क्षेत्रों में व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने में मदद करेंगी।
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