अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे जो प्रधानमंत्री हैं, उनके जो महंगे शौक हैं,उससे हम सब वाकिफ हैं। महंगी गाड़ी, महंगे कपड़े, महंगा चशमा, महंगे मशरूम, महंगे विमान, ये तो हम सब जानते हैं, लेकिन अब प्रधानमंत्री के ये जो महंगे शौक हैं, ये देश के लिए महंगे पड़ रहे हैं। जो राफेल डील में हुआ, वही अब प्रीडेटर ड्रोन्स की खरीद में भी दोहराया जा रहा है। जिस ड्रोन को बाकी मुल्क 4 गुना कम कीमत में खरीदते हैं, उसी ड्रोन को हम 110 मिलियन डॉलर यानी कि 880 करोड़ प्रति ड्रोन, 880 crores per Drone. हम खर्च कर रहे हैं। आपको ये प्रेस रिपोर्टस दिख रही हैं, जिसमें कीमत भी दिख रही है 3 बिलियन डॉलर्स, 25,000 करोड़ रुपए के हम 31 ड्रोन्स खरीद रहे हैं। जो जॉइन्ट स्टेटमेंट प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन का आया था, उसमें पॉइंट नंबर- 16 आप अगर देखेंगे तो उसमें आपको इन ड्रोन्स के बारे में जिक्र मिलेगा।
तो जब जॉइन्ट स्टेटमेंट में कोई बिन्दु आ जाता है तो आप समझ सकते हैं कि किस स्तर तक वो बात पहुंच चुकी होगी। आप वापस से कीमत जानना चाहते हैं। 4 गुनी कीमत पर हम खरीद रहे हैं, इससे 4 गुनी कम कीमत पर बाकी देशों ने यही ड्रोन, इसी कंपनी से खरीदा, वो भी मेरी प्रेस रिलीज में आपको हर देश के बारे में लिखा है मैंने कि यूके ने कितने में लिया, ऑस्ट्रेलिया ने महंगा सौदा किया और फिर वो सौदा रद्द कर दिया, स्पेन ने कितने में खरीदा, ताइवान ने कितने में खरीदा, इटली ने कितने में खरीदा।तो प्रक्रिया पर आ जाते हैं अब। हमने सुना था प्रधान मंत्री ने सीना ठोककर बोला था, एक अकेला सब पर भारी, यहां पर भी वो एक अकेला सब पर भारी हो गया। सीसीएस की कोई बैठक नहीं हुई, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की कोई बैठक नहीं हुई, इस बैठक के बगैर एक अकेला सब पर भारी ने जाकर अपना एक और महंगा शौक पूरा किया। आपके दोस्त हिन्दुस्तान से पैसा लेकर भाग जाते हैं बाहर, ये तो पिछले 9 साल में हमने देखा, अब आप खुद हिन्दुस्तान का पैसा बाहर जाकर देकर आ रहे हो, वो काम भी आपने खुद ले लिया। हमें मालूम है प्रधान मंत्री जी कि इंडिया में क्या चल रहा है, ये आपको खबर होती नहीं है, नड्डा जी से पूछते फिरते हो। रक्षा सौदों में क्या हो रहा है, पूरा विश्व कितने में ये ड्रोन खरीद रहा है, ये जानकारी भी आपको नहीं है, फिर अगर हम कुछ कहते हैं तो आपको बुरा लग जाता है। अरे साहब प्रधान मंत्री के लिए कैसे कह दिया? अरे जब आप ही सारे निर्णय लेंगे तो आप ही को तो पूछेंगे, आप ही से कहा जाएगा। इसलिए हम आप ही से सवाल पूछते हैं और आप प्रेस कॉन्फ्रेंस करते नहीं हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं तो आपकी आईटी सेल पूरा मटिया मेट कर देती है, पानी फेर देती है आपकी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर, अब समझ में आता है कि आप क्यों नहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हो? आप कितना डरते हो प्रेस कॉन्फ्रेंस से, हमें नहीं मालूम, आपकी पार्टी कितना डरती है आपकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से वो
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