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गुडगाँव राष्ट्रीय हरियाणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के दौसा से एक्सप्रेस के 246 किलोमीटर लंबाई वाले पहले सेक्शन का किया लोकार्पण

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: आजादी के अमृत काल में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के पहले चरण में दिल्ली-दौसा-लालसोढ सेक्शन के शुभारंभ से सडक़ों के ढांचागत तंत्र के विकास में नया अध्याय जुड़ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हरियाणा के गुरुग्राम, पलवल व नूंह जिला से होकर गुजरने वाले देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे के पहले चरण में 12,150 करोड़ रुपए की लागत से तैयार 246 किलोमीटर लंबे सेक्शन का लोकार्पण किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक्सप्रेस वे पर प्रदेश की सीमा में स्थित हिलालपुर टोल प्लाजा से वीडियो कांफ्रेंसिंग से दिल्ली-दौसा-लालसोढ सेक्शन के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत) वी के सिंह और हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी इस दौरान उपस्थित रहे।         

इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इंफ्रास्ट्रक्चर के इतने बड़े प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हरियाणा की ढाई करोड़ जनता की ओर से धन्यवाद किया। उन्होंने इस सौगात के लिए केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे एक बड़ी सौगात है। दिल्ली से मुंबई तक लगभग 1380 किलोमीटर लंबे 8 लेन के इस एक्सप्रेस वे का हरियाणा में 129 किलोमीटर हिस्सा गुजरेगा। यह राजमार्ग केवल दिल्ली और मुंबई अथवा 5 राज्यों को जोड़ने वाला मार्ग ही नहीं है बल्कि यह राजमार्ग हमारी आर्थिक स्थिति को आगे बढ़ाने वाला है। वहीं यह हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान को मुंबई के आधुनिकीकरण के साथ साथ महाराष्ट्र की संस्कृति के साथ भी जोड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस एक्सप्रेस वे के पहले चरण का उद्घाटन जहां से हो रहा है, यह नूंह जिला हरियाणा का एस्पिरेशनल जिला है। इस एक्सप्रेस वे के नूंह से गुजरने से यहां उद्योग आएंगे जिससे इस क्षेत्र का विकास और यहां के लोगों को रोजगार के नाते से बहुत बड़ा लाभ होगा।
मनोहर लाल ने कहा कि देशभर में जिस प्रकार से सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, इन सब से देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, यह उल्लेखनीय है। इस प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर से हमारे देश की आर्थिक प्रगति होगी और निश्चित रूप से प्रधानमंत्री का भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने में सभी राज्य योगदान देंगे। लेकिन हरियाणा पहले से ही इस दिशा में विशेष योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों से केंद्र सरकार ने जितने प्रोजेक्ट हरियाणा को दिए हैं, चाहे वह राजमार्गों के हों या रेलवे के, उन सब के माध्यम से हम हरियाणा की और अधिक प्रगति करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक लैंडलॉक्ड राज्य है  और हमारा प्रदेश इस एक्सप्रेस वे के माध्यम से समुद्री पोर्ट से जुड़ेगा तो हम निश्चित रूप से राज्य के एक्सपोर्ट को भी बढ़ाएंगे। हरियाणा में बनने होने वाले उत्पादों को देश की बंदरगाहों तक लेकर जाना सुगम बनाएंगे।उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस ऐतिहासिक दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे के पहले हिस्से का आज उद्घाटन होने से इस इलाके के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होने से विकास को गति मिलेगी और आने वाले वक्त में ई कॉमर्स व्यापार के बढ़ने से गुरुग्राम, नूंह और फरीदाबाद को काफी फायदा मिलेगा।उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क तंत्र को मजबूत करने के लिए 3 परियोजनाओं की नींव रखी जा रही है। सोहना, नूंह, अलवर की कनेक्टिविटी के लिए भी कार्य किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य आईजीआई एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने का है।उद्घाटन से पहले केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने गुरुग्राम जिला के सोहना के समीप दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर आटोमेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत बनाए गए ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर स्थित कंट्रोल रूम का अवलोकन किया।
भारत माला परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से वड़ोदरा होते मुंबई तक 1386 किलोमीटर लंबाई वाले एक्सप्रेस वे के तैयार होने से दिल्ली और मुम्बई के बीच सफर का समय 24 घण्टे से घटकर 12 घण्टे रह जाएगा। साथ ही यात्रा दूरी में 12 प्रतिशत की कमी आएगी और सडक़ की लंबाई 1,424 किलोमीटर से कम होकर 1,242 किलोमीटर रह जाएगी। दुनिया में सबसे तेजी से बन रहे इस एक्सप्रेस वे के सभी सेक्शन वर्ष 2024 में चालू हो जाएंगे। जल संरक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए एक्सप्रेस वे पर 500 मीटर की दूरी पर 2000 से अधिक वाटर रिचाॢजंग प्वाइंट्स भी बनाए गए है। एक्सप्रेस वे के निर्माण के के दौरान 10 हजार वृक्षों को बचाया गया और दोनों ओर से 20 लाख से अधिक पौधारोपण भी किया गया है। यह एक्सप्रेस-वे हरियाणा सहित दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा तथा कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे मुख्य शहरों को जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे 93 पीएम गति शक्ति आर्थिक संकुलों, 13 बंदरगाहों, आठ प्रमुख हवाई अड्डों और आठ बहुविध लॉजिस्टिक पार्कों को भी सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा जेवर एयरपोर्ट, नवी मुंबई एयरपोर्ट और जेएनपीटी पोर्ट जैसी निर्मित होने वाली ग्रीनफील्ड अधोसंरचनाओं को भी फायदा पहुंचेगा। इस एक्सप्रेस-वे से आसपास के सभी क्षेत्रों की विकास-दिशा पर निर्णायक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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