अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज मंगलवार को तारापीठ और झारग्राम से पार्टी के राज्यव्यापी ‘परिवर्तन यात्राओं को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की परिवर्तन यात्रा पांच चरणों में हो रही है जो राज्य की सभी 294 विधान सभाओं से होकर गुजरेगी। सर्वप्रथम वे प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक तारापीठ मंदिर गए और पूजा-अर्चना की। तारापीठ से निकलने वाली परिवर्तन यात्रा बीरभूम ,कटवा, बर्धमान, आसनसोल, विष्णुपुर, बांकुरा और पुरुलिया से होकर गुजरेगी। ममता सरकार पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार ने पश्चिम बंगाल की महान संस्कृति को बर्बाद कर के रख दिया है। जो पश्चिम बंगाल अपनी संस्कृति, सभ्यता और विकास के लिए जाना जाता था, आज वहां तृणमूल कांग्रेस भाई को भाई से लड़ा रही है, बाहरी-भीतरी की राजनीति कर रही है, भ्रष्टाचार की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। इसलिए हमने परिवर्तन यात्रा निकलने का तय किया है।
हमारी परिवर्तन यात्रा का एक ही लक्ष्य है पश्चिम बंगाल की पुरातन संस्कृति को प्रतिस्थापित करने का, सोनार बांग्ला का निर्माण करना। उन्होंने एक
बार फिर नारा देते हुए कहा कि “अनेक होइछे ममता, परिवर्तन चाहे छे जनता।” राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ममता दीदी आरोप लगाती हैं कि कभी प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल आते हैं तो कभी गृह मंत्री तो कभी भाजपा अध्यक्ष। ममता दीदी, आप नहीं चाहती कि पश्चिम बंगाल का विकास हो, इसलिए आप ऐसा बोल रही हैं। अभी 07 फरवरी को भी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पश्चिम बंगाल आये थे उन्होंने 4,700 करोड़ रुपये के रिफाइनरी के प्रोजेक्ट्स का श्रीगणेश किया था। प्रधानमंत्री कभी खाली हाथ पश्चिम बंगाल नहीं आते क्योंकि उनके दिल में पश्चिम बंगाल का विशेष स्थान रहा है। आप भी वर्षों तक केंद्रीय मंत्री रहीं लेकिन क्या कभी भी आपने पश्चिम बंगाल में रिफाइनरी की चिंता की? सड़क की चिंता की? यहाँ के विकास की चिंता की? प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पश्चिम बंगाल आयेंगे, बारंबार पश्चिम बंगाल आयेंगे क्योंकि वे पश्चिम बंगाल के विकास के लिए कटिबद्ध हैं। उन्हीं की देख रेख में लगभग 85,000 करोड़ रुपये की लागत से ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण होने वाला है। अभी-अभी बजट में 25,000 करोड़ रुपये की लागत से 625 किमी लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की घोषणा की गई है। उनकी प्रेरणा से पश्चिम बंगाल में कई ब्रिज का निर्माण हुआ है, सोशल सिक्योरिटी पेंशन की योजना से राज्य के 21 लाख लोगों को जोड़ा गया है और डीबीटी के माध्यम से राज्य के लगभग साढ़े तीन करोड़ लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाई गई है। चाहे डेडिकेटेड फ्रेट हो या ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर या फिर भुसावल से लेकर खड़गपुर तक का कॉरिडोर, हर जगह विकास की नई कहानी लिखी जा रही है। चाय बगान में काम करने वाली बहनों के लिए भी प्रधानमंत्री जी ने 1,000 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन इस बजट में किया है। जल-जीवन मिशन के तहत राज्य के 20 लाख लोगों तक शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने का काम मोदी सरकार कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पश्चिम बंगाल की जनता के दिल में रहते हैं ममता दीदी, आप चाह कर भी पश्चिम बंगाल की जनता के दिल से प्रधानमंत्री को निकाल नहीं सकती। पश्चिम बंगाल प्रधानमंत्री जी के दिल में है तो ममता दीदी, आपको इससे डर क्यों लग रहा है?नड्डा ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के समय पिछले वर्ष मार्च से लेकर नवंबर तक देश के लगभग 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई लेकिन पश्चिम बंगाल में गरीब लोगों के लिए मोदी सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गए अनाज टीएमसी कार्यकर्ताओं के घर से मिले। इसी तरह अम्फान रिलीफ के लिए प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए 2700 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता को भी तृणमूल सरकार के कार्यकर्ता हड़प गए। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता जानती है कि चावल चोर कौन है,तिरपाल चोर कौन है? भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति अत्यंत दयनीय है। सबसे ज्यादा ह्यूमन ट्रेफिकिंग के केस यहाँ से आते हैं। पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार में अभिव्यक्ति की आजादी बिलकुल ख़त्म कर दी गई है। ममता सरकार की आलोचना करने वालों के ऊपर झूठे केस डाल दिए जाते हैं, उन्हें उठाकर जेल में बंद कर दिया जाता है। महिलाओं के खिलाफ डोमेस्टिक वायलेंस के केस में 35% की वृद्धि हुई है। ममता दीदी ने अब तो एनसीआरबी को डेटा उपलब्ध कराना भी बंद कर दिया है लेकिन जब तक एनसीआरबी के डेटा उपलब्ध करवाए गए तब ममता सरकार में हत्या में पश्चिम बंगाल देश में चौथे स्थान पर था जबकि वायलेंट क्राइम में तीसरे स्थान पर। तृणमूल सरकार ने स्थानीय प्रशासन का राजनीतिकरण कर दिया है, राजनीति का अपराधीकरण कर दिया है और भ्रष्टाचार को संस्थागत बना दिया है। ममता सरकार में हमारे लगभग 130 से अधिक कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या कर दी गई है। मैंने स्वयं पश्चिम बंगाल के पार्टी पदाधिकारियों के साथ पार्टी के 100 कार्य कर्ताओं का तर्पण किया था। ममता दीदी, पश्चिम बंगाल की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से आपको करारा जवाब देने का मन बना लिया है। तृणमूल सरकार का जाना और भाजपा का आना तय है। तृणमूल कांग्रेस पर करारा हमला करते हुए नड्डा ने कहा कि ममता दीदी ने नारा तो माँ, माटी, मानुष का दिया था लेकिन ममता दीदी को न तो माँ की इज्जत है, न माटी से प्यार है और न ही मानुष की फ़िक्र। माँ, माटी, मानुष के नारे की जगह तृणमूल और ममता दीदी का नारा बन गया है – तानाशाही, तोलाबजी और तुष्टिकरण। ममता दीदी ने कट मनी को तृणमूल कांग्रेस का सूत्र बना दिया है। चिंता मत कीजिये ममता दीदी, मई महीने में पश्चिम बंगाल की जनता आपको सत्ता से कट कर देगी। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ममता दीदी पश्चिम बंगाल की संस्कृति की बात करती हैं लेकिन मेरे नाम के आगे चार- पांच विशेषण लगाती हैं, क्या ये है पश्चिम बंगाल की संस्कृति? ये तो पिशी का हाल है तो भाइपो की तो बात की क्या की जाय! दो दिन पहले मेदिनीपुर में भाइपो ने सुवेंदु अधिकारी के पिताजी के लिए जिन अपशब्दों का प्रयोग किया, वो तो आपके सामने बोला भी नहीं जा सकता। भाइपो, दम था तो सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ बोलते, उनके पिता के बारे में अनर्गल प्रलाप करते शर्म भी न आई? सरकारें आती हैं, जाती हैं लेकिन जुबान तो संभाल कर रखो भाइपो लेकिन क्या किया जाय, बिगड़े बेटों की हालत ही ऐसी होती है। ये सत्ता का नशा है जो सर चढ़ कर बोल रहा है। पिशी-भाइपो ने पश्चिम बंगाल की महान संस्कृति को कलंकित किया है। मैं डायमंड हार्बर गया, भबानीपुर गया तो इसमें गलत क्या है। ये हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। डायमंड हार्बर और भबानीपुर किसी की जागीर नहीं है। मैं बार-
बार जाउंगा और जनता को बताउंगा कि तानाशाही, तुष्टिकरण और तोलाबजी क्या होती है। पिशी-भाइपो ने पश्चिम बंगाल की जनता के साथ धोखा किया है, पश्चिम बंगाल के विकास के बारे में सोचा है तो केवल और केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने सोचा है। आपकी सत्ता जाने वाली है ममता दीदी, तृणमूल कांग्रेस की संस्कृति जायेगी और महर्षि अरबिंदो, गुरुवर रबीन्द्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वामी
विवेकानंद की संस्कृति प्रतिष्ठित होगी।
नड्डा ने कहा कि दुर्गापूजा और सरस्वती पूजा मनाने की इजाजत देने से तो ममता बनर्जी रोकती हैं लेकिन मुहर्रम मनाने की आजादी होती है। मुहर्रम मनाने से हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन दुर्गापूजा और सरस्वती पूजा मनाने की भी आजादी होनी चाहिए। पिछले वर्ष श्रीराम जन्मभूमि का शिलान्यास हो रहा था तो ममता दीदी ने पशचिम बंगाल में कर्फ्यू लगा दी थी लेकिन इसके पांच दिन पहले ही मुहर्रम मनाने की आजादी दे दी गई। ओबीसी भाइयों के रिजर्वेशन के अधिकार को भी किसी और समुदाय को ट्रांसफर क्यों किया जाता है पश्चिम बंगाल में ममता दीदी? आखिर ऐसा तुष्टिकरण क्यों ममता दीदी? राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ममता सरकार खुद तो काम करती नहीं लेकिन नक़ल करने में माहिर है। स्वच्छ भारत योजना को निर्मल भारत योजना , प्रधानमंत्री आवास योजना को बांग्ला बाड़ी और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को बांग्ला ग्रामीण सड़क योजना का नाम देकर ममता दीदी ने इसे अपना लेबल दे दिया। ममता दीदी, आप योजनाओं के नाम तो बदल सकती हो लेकिन पश्चिम बंगाल की जनता के दिल को कैसे बदलोगी जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी बैठे हुए हैं। ममता दीदी मोदी सरकार द्वारा भेजे गए अनाज को भी गरीबों को देने की व्यवस्था नहीं करती और भूख से लोग मर जाते हैं, कैसी दयनीय स्थिति बना कर रख दी है ममता दीदी ने पश्चिम बंगाल में। नड्डा ने कहा कि ममता दीदी ने राज्य के गरीबों और किसानों के साथ विश्वासघात किया। तृणमूल सरकार ने पश्चिम बंगाल में न तो आयुष्मान भारत योजना लागू होने दिया और न ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की सहायता राशि ही किसानों तक पहुँचने दी। यदि आयुष्मान भारत योजना पश्चिम बंगाल में लागू हुई होती तो राज्य के 4.67 करोड़ गरीबों को सालाना पांच लाख रुपये तक के मुफ्त स्वास्थ्य खर्च की आजादी मिल चुकी होती। इसी तरह यदि पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू हुई होती तो अब तक राज्य के 70 लाख से अधिक किसानों में से प्रत्येक को चौदह-चौदह हजार रुपये प्राप्त हो गए होते। मैं पश्चिम बंगाल की जनता से आह्वान करता हूँ कि आप पश्चिम बंगाल में बदलाव लाइए, कमल खिलाइये, पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू होगी और पश्चिम बंगाल की जनता को इसके तहत आर्थिक सहायता मिलने के साथ-साथ राज्य के हर किसान को पिछले 14 हजार रुपये की बकाया राशि भी मिलेगी। आयुष्मान भारत योजना हमारी सरकार आने के साथ लागू करेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तृणमूल सरकार ने तो अम्फान में कफन के पैसे की भी चोरी कर ली। अम्फान रिलीफ के तौर पर प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल को 2700 करोड़ रुपये दिए लेकिन ये पैसे भी तृणमूल कार्यकर्ताओं के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। हाईकोर्ट ने इस घोटाले की सीएजी से ऑडिटिंग कराने का निर्णय सुनाया लेकिन ममता दीदी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई। यदि ममता दीदी सच्चाई पर रहती तो एक-एक पैसे का हिसाब देती लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर यह स्पष्ट कर दिया कि तृणमूल कार्यकर्ताओं ने अम्फान रिलीफ फंड में भी कट मनी खाया है। तृणमूल कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी बन चुकी है,पश्चिम बंगाल की जनता ऐसे लोगों को करारा जवाब देगी। नड्डा ने कहा कि मैं जहां भी सभा करने पश्चिम बंगाल में पहुंचता हूँ, तृणमूल कांग्रेस हमारे पोस्टर हटाकर पिशी और भाइपो के पोस्टर लगा देती है। मैं जैसे ही सभा स्थल पहुंचता हूँ तो पिशी और भाइपो के ‘नमस्ते वाले पोस्टर दिखाई पड़ते हैं और जाते वक्त धन्यवाद के भी पोस्टर लग जाते हैं। मैं उनका अभिवादन भी स्वीकार करता हूँ और धन्यवाद भी। मैं भी उन्हें धन्यवाद देता हूँ। चावल चोर जायेंगे, तिरपाल चोर जायेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में बदलाव तय है।