अजीत सिन्हा की रिपोर्ट /नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा आज, गुरुवार को,बिहार के दरभंगा में हायाघाट स्थित आनंदपुर पब्लिक स्कूल और जाले स्थित क़ाज़ी अहमद डिग्री कॉलेज के प्रांगण में आयोजित विशाल रैली को संबोधित किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजा जनक, माँ सीता की पावन भूमि और कविराज विद्यापति की धरती मिथिलांचल को नमन करते हुए कहा कि बिहार की जनता ने तय कर लिया है कि उन्हें विकास चाहिए, जंगलराज नहीं। हाइवे चाहिए, अपहरण उद्योग नहीं। इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में श्री नीतिश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनाने का निर्णय पहले ही ले लिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को विकास का एक ऐसा मंत्र दिया है कि अब मजबूरी में, बिहार में महागठबंधन को भी विकास की बात करनी पड़ रही है, अन्यथा ये विनाश की ओर ले जाने वाले लोग हैं। जंगलराज वाले आज बिहार की
जनता को 10 लाख नौकरियां देने का झूठा आश्वासन दे रहे हैं।
जंगलराज के युवराज पहले बिहार की जनता को जवाब दें कि लालू जी के राज में 25 लाख से ज्यादा लोग बिहार से पलायन करने को क्यों विवश हुए? जंगलराज के युवराज तेजस्वी यादव जी जब विधान सभा में विपक्ष के नेता बनकर आते हैं तो प्रजातंत्र को धिक्कारते हुए बजट सत्र से लेकर पूरे साल
विधान सभा से नदारद रहते हैं तब ये 10 लाख नौकरियां देने की बात किस मुंह करते हैं.विधान सभा में विपक्ष के नेता का पूरे साल गायब रहना बिहार की जनता के साथ धोखा नहीं तो और क्या है? राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में बिहार के विकास के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया था जिसका विपक्ष ने मजाक उड़ाया था लेकिन लेकिन मैं इस पैकेज का पाई-पाई का हिसाब देने आया हूँ। हम अपनी सरकार के विकास कार्यों का हिसाब इसलिए देते हैं, क्योंकि हम रिपोर्ट कार्ड देने की ताकत रखते हैं। नरेन्द्र मोदी जी वो नेता हैं- जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में किसानों के लिए 3,094 करोड़ रुपये, शिक्षा के लिए 1,000 करोड़ रुपये, स्किल डेवलपमेंट पर 1,550 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य के क्षेत्र में 600 करोड़ रुपये जबकि एम्स और बेतिया के मेडिकल कॉलेज के लिए अलग से 550 करोड़ रूपये दिए गए. बिजली के लिए 13,000 करोड़ रुपये, सड़क के लिए 13,8200 करोड़ रुपये, पेट्रोलियम गैस के विस्तार के लिए 21,000 करोड़ रुपये गए हैं। हाइवे के लिए 54 हजार करोड़ रुपये, रेलवे के लिए 8,870 करोड़ रूपये दिए गए जिसकी वजह से रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण इलेक्ट्रिफिकेशन संभव हो पाया. पेट्रोलियम एवं गैस के लिए 21 हजार करोड़ रुपये, ग्रामीण सड़क के निर्माण के लिए 14 हजार करोड़ रुपये, दरभंगा एअरपोर्ट के लिए 2,700 करोड़ रुपये, पर्यटन के लिए,जिसमें रामायण सर्किट और बाल्मीकि नगर का टाइगर रिज़र्व भी आता है, कौशल विकास के लिए 1550 करोड़ रुपये और डिजिटल बिहार के लिए 450 करोड़ रुपये दिए गए जिसके तहत गांव-गांव ऑप्टिकल फाइबर बिछाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विगत छः वर्षों में बिहार में 11 नए मेडिकल कॉलेज खुले। नए मेडिकल कॉलेज खोलने का मतलब है कई मेडिकल दवाइयों की दुकानों का खुलना, कोचिंग इंस्टीटयूट का खुलना और स्वास्थ्य सुविधोँ में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ बड़ी मात्रा में रोजगार का भी सृजन होना।