अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:वायनाड से सांसद और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ हो रही हिंसा के मुद्दे को लोकसभा में उठाते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।प्रियंका गांधी ने विजय दिवस के अवसर पर संसद में बोलते हुए 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के शहीदों, सैनिकों और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नमन किया। उन्होंने कहा कि उस समय बांग्लादेश के साथ भारत अकेला खड़ा था। पूरे विश्व ने कोई सुनवाई नहीं की। बांग्लादेश के हमारे भाई-बहनों की आवाज कोई नहीं सुन रहा था।
उस समय देश की जनता एकजुट होकर अपनी सेना, देश के नेतृत्व और अपने उसूलों के साथ खड़ी हुई। भारत ने उस युद्ध में जो विजय पाई, वह जनता के सहयोग के बिना नहीं हो सकती थी। प्रियंका गांधी ने इंदिरा गांधी को महान शहीद बताते हुए कहा कि उन्होंने कठिन परिस्थितियों में ऐसा साहस और नेतृत्व दिखाया, जिससे देश विजयी हुआ।
भाजपा सदस्यों की टोका-टोकी के बीच प्रियंका गांधी ने कहा कि बांग्लादेश की लड़ाई उसूलों की लड़ाई थी, आज वह इस संदर्भ में दो मुद्दे उठाना चाहती हैं। बांग्लादेश में जो हिंदुओं, ईसाइयों व अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, उसके विरुद्ध सरकार को आवाज उठानी चाहिए। सरकार को बांग्लादेश के साथ बातचीत करनी चाहिए और जिनपर अत्याचार हो रहा है, उन्हें पूरा समर्थन देना चाहिए।प्रियंका गांधी ने नई दिल्ली स्थित सेना के मुख्यालय से भारत के सामने पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण करने वाली तस्वीर को हटाने का मुद्दा भी संसद में उठाया। उन्होंने कहा कि सेना मुख्यालय से ढाका में पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की ऐतिहासिक तस्वीर को हटाना वीर सैनिकों का अपमान है। उन्होंने मांग की कि इस ऐतिहासिक तस्वीर को तुरंत सेना मुख्यालय में उसकी मूल जगह पर बहाल किया जाए।
संसद भवन के बाहर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों जैसेअल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि वह विजय दिवस के अवसर पर अपनी बात रखना चाहती थीं, लेकिन उन्हें भाषण पूरा करने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि वह बताना चाहती थीं कि बांग्लादेश युद्ध के दौरान इंदिरा गांधी की सरकार ने किस प्रकार देश का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा कि आज बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं और ईसाइयों पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह इन अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार से बातचीत करे।
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