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गुडगाँव

गुरूग्राम की आरडब्ल्यूए सोसायटियों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में शिक्षित करने को होगा कार्यक्रम

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गरुग्राम: रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (आरडब्ल्यूए) को उनके रजिस्टेशन  से लेकर उनके अधिकारों व कर्तव्यों, रिहायशी सोसायटी के रख-रखाव में उनकी भूमिका, रीयल अस्टेट से जुड़े विभिन्न कानूनी प्रावधानों आदि के बारे में शिक्षित करने के लिए गुरूग्राम में 29 अप्रैल  को सेमीनार एवं वर्कशॉप एवं कांफ्रेंस  अर्थात् ‘सेवोकॉन’  का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम को हरियाणा रीयल अस्टेट अथॉरिटी (हरेरा) आयोजित कर रही है।

सेवोकॉन आयोजित करने को लेकर बुधवार को हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डॉ. के के  खंडेलवाल की अध्यक्षता में गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्रामगृह के सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में नगर निगम आयुक्त मुकेश आहूजा, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, डीसीपी मुख्यालय आस्था मोदी के अलावा नरेडको हरियाणा से प्रवीन जैन, मेकिंग मॉडल गुरुग्राम  की कन्वीनर गौरी सरीन, क्रेडाई से मनीष अग्रवाल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संपदा अधिकारी विकास ढांडा, हरेरा सचिव प्रताप सिंह, सीनियर लीगल ऑफिसर गीता राठी सिंह, व्हाइट लैंड कॉर्पोरेशन से विंग कमांडर सुमेर आदि ने भाग लिया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए डा. खण्डेलवाल ने कहा कि गुरुग्राम की आरडब्ल्यूए के लिए यह पहला सेवोकॉन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जो कष्ट निवारण का प्लेटफार्म ना होकर जागरूकता व शिक्षित करने का कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य आरडब्ल्यूए सदस्यों को विभिन्न कानूनी प्रावधानों की जानकारी देते हुए उनकी सोसायटी के प्रबंधन में उनकी भूमिका व जिम्मेदारियों के बारे में शिक्षित करना है। उन्होंने कहा कि रेरा कानून आने के बाद रियल एस्टेट से जुड़े पहले के कई अधिनियम अभिनिषेध हो गए हैं अर्थात् रेरा कानून उनसे उपर है, इसलिए उन पुराने कानूनी प्रावधानों की बजाय रेरा के प्रावधान मान्य हैं।
डा.खण्डेलवाल ने कहा कि जानकारी के अभाव में रिहायशी सोसायटियों में रहने वाले लोग तथा आरडब्ल्यूए सदस्य अपनी समस्याओं को लेकर विभिन्न सरकारी विभागों में चक्कर लगाते रहते हैं लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान  नहीं हो पाता। उन्हें अपनी किस  प्रकार की समस्या को लेकर कहां जाना है, किसके पास जाना है और उसके लिए प्रक्रिया क्या है, इसके बारे में सेवोकॉन कार्यक्रम में बताया जाएगा। यही नहीं, रिहायशी सोसायटियों में अलाटियों की एसोसिएशन कब बननी चाहिए, डिवलेपर से आरडब्ल्यूए को हैंडओवर करते समय किन-किन सावधानियों का आरडब्ल्यूए को ध्यान रखना है, इसके बारे में भी सेवोकॉन कार्यक्रम मेें एक सत्र में बताया जाएगा। इस कार्यक्रम में आरडब्ल्यूए के सामने सोसायटी के रखरखाव या अन्य विषयों का सामना करते हुए आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा होगी।उन्होंने कहा कि दिनभर चलने वाले इस कार्यक्रम को अलग-अलग सत्रो में विभाजित किया गया है। सत्र अलग-अलग विषयों पर होंगे। उदाहरण के तौर पर एक सत्र हरियाणा अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट पर होगा तो दूसरा सत्र रजिस्ट्रेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के बारे में होगा। इन विभिन्न सत्रों में जो मुद्दे सामने आएंगे उन पर समाधान के बारे में अनुशंसा मुख्यमंत्री  मनोहर लाल के समक्ष रखी जाएंगी जो उन पर अंतिम निर्णय लेंगे और सेवोकॉन कार्यक्रम के समापन समारोह में उनके बारे में घोषणा करेंगे।

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