अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
बिहार: पिछले कुछ हफ्तों से हाथी दुखद कारणों से चर्चा में हैं लेकिन बिहार में एक शख्स ने कुछ ऐसा किया, जिसको सुनकर आपका दिल खुश हो जाएगा. उन्होंने दो हाथियों – मोती और रानी को अपनी आधी संपत्ति देने का फैसला किया है. अख्तर इमाम ने समाचार एजेंसी को बताया,”जानवर इंसानों के विपरीत वफादार होते हैं. मैंने कई सालों तक हाथियों के संरक्षण के लिए काम किया है.मैं नहीं चाहता कि मेरी मौत के बाद मेरे हाथी अनाथ हो जाएं.” उनका कहना है कि हाथी उनके बच्चों की तरह हैं और वह उनके बिना नहीं रह सकते.मोती 15 साल का है और रानी 20 साल की है. वे हमेशा अख्तर इमाम के साथ रहे हैं, जो हाथियों के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन चलाते हैं. इमाम कहते हैं कि उन्होंने हाथियों को अपनी जमीन देने का फैसला किया, जिसकी कीमत कुछ करोड़ रुपये है, क्योंकि उनका मानना है कि उनकी मृत्यु के बाद गैर-लाभकारी समूह द्वारा उनकी देखभाल की जाएगी.
रिपोर्टों में कहा गया है कि हाथियों ने कई मौकों पर उन्हें स्थानीय गुंडों के हमलों से बचाया था. अख्तर इमाम ने कहा, ‘एक बार, मुझ पर हत्या का प्रयास किया गया था. उस समय हाथियों ने मुझे बचा लिया था.’ उन्होंने आगे बताया, ‘जब पिस्तौल के साथ कुछ लोगों ने मेरे कमरे में घुसने की कोशिश की तो मेरे हाथी ने मुझे सचेत किया और फिर मैं जान बचाने में कामयाब रहा.’केरल के पलक्कड़ में विस्फोटकों के साथ कुछ पदार्थ खाने के बाद पिछले महीने एक गर्भवती जंगली हाथी की मौत पर लगातार गुस्से और शोक के बीच हृदय-विदारक कहानी सामने आई है. 15 वर्षीय हथिनी गंभीर रूप से मुंह की चोटों के साथ इधर-उधर भटकती रही और 27 मई को एक सप्ताह बाद वेल्लियार नदी में जाकर खड़ी हो गई और उसकी मौत हो गई. सार्वजनिक रूप से नाराज होने पर, केरल सरकार ने जांच शुरू की और घटना से शामिल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया.