अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:आज के दौर में कोरोना से स्वयं का बचाव करना ही पर्यावरण का संरक्षण हैं। स्वयं को संरक्षित करते हुए ‘ऊर्जा समिति’ द्वारा आगामी 5 जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाएगा। महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार विश्व पर्यावरण दिवस वर्ष -2021 की नई थीम “पारिस्थितिक तंत्र पुनर्बहाली” ‘Ecosystem Restoration’ है। इसे पारिस्थितिकी तंत्र बहाली भी कहा जाता है। इसका मतलब है, पृथ्वी को एक बार फिर से अच्छी अवस्था में लाना। पारिस्थितिक तंत्र की बहाली कई रूप में हो सकती है, जैसे- पेड़ उगाना, शहर को हरा-भरा करना, बगीचों को फिर से बनाना, तालाब, नदियों और तटों की सफाई करना, पोखर को प्रदूषित न करना, जल का दुरुपयोग नहीं करना, बिजली का अनावश्यक उपयोग नहीं करना, इस्तेमाल के बाद बल्ब, पंखे या अन्य उपकरणों को बंद रखना, कूड़ा-कचरा को डस्टबीन में फेकना और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करना, प्लास्टिक पॉलिथिन का उपयोग बंद करना, उसके बदले कागज के बने झोले या थैले का उपयोग करना, पशु-पक्षियों के प्रति दया भाव रखना, नजदीकी कामों के लिए साइकिल का उपयोग करना आदि।
हर किसी को इस दिन पर्यावरण की बहाली का संकल्प लेना चाहिए।पारिस्थितिकी तंत्र को कई तरह से बहाल किया जा सकता है। पेड़ लगाना पर्यावरण की देखभाल के सबसे आसान और सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। पारिस्थितिक तंत्र को अनुकूलित और पुनर्स्थापित करने के लिए हर परिदृश्य में कार्य करना है। लोगों को पर्यावरण पर दबाव को भी खत्म करने की जरूरत है।उन्होंने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे हर साल आगामी 5 जून को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को 1972 में मनाया गया था। इसके बाद से हर वर्ष 5 जून को यह मनाया जाता है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी प्रकृति के लिए समय निकालें और इस गर्मी में केवल अपने सुरक्षित परिसर,प्रांगण व स्थान पर ही पौधे लगाएं, जहां पर उसकी संभाल कर सकें। इस दिन आप पेड़-पौधे घर के आसपास, घर की छत पर, घर की बालकनी में, गार्डन आदि में लगा सकते हैं। उन्होंने अपील की कि कोरोना से स्वयं को सुरक्षित रखते हुए विश्व पर्यावरण दिवस मनाएं।पर्यावरण की समस्या से निपटने के लिए जनभागीदारी की भूमिका जरुरी है। हमने वर्तमान हालात में देख भी लिया है कि इस बात से बिल्कुल इंकार नहीं किया जा सकता कि संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर ही निर्भर है। इसलिए हमें समय रहते एक स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण की कल्पना करनी चाहिए। प्रकृति को बचाने के लिए सिर्फ एक अकेला व्यक्ति काफी नहीं है, ऐसे में हम सब को मिलकर कुछ संकल्प लेने होंगे जिनसे हम अपने पर्यावरण को फिर से हरा-भरा कर सके। हर किसी को वर्ष में कम से कम दो बार पौधे जरूर लगाने चाहिए और उनकी देखरेख भी करनी चाहिए। आप स्वयं लोगों को अपने संदशों आदि के जरिए पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। ऑनलाइन सोशल मीडिया के जरिए उन्हें पर्यावरण के बारे में बता सकते हैं। उन्हें बता सकते हैं कि पेड़ लगाना क्यों जरूरी है ताकि आपके आसपास पेड़ों की संख्या बढ़ाई जा सके, जो आज के दौर में बेहद जरूरी है। कोरोना महामारी में प्राकृतिक चीजों का सम्मान करना जरूरी हो गया है।
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