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जनता ने दिए सुझाव: ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्री, माॅल-बाजार, रेस्त्रां खुले, स्कूल-काॅलेज गर्मी की छुट्टी तक बंद रहे, कंटेनमेंट जोन में न दी जाए ढील: अरविंद केजरीवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: दिल्ली के लोगों ने लाॅकडाउन-4 में दी जाने वाली ढील को लेकर सिर्फ 24 घंटे के अंदर ही 5 लाख से अधिक सुझाव दिए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता ने सुझाव दिया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराते हुए ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्री, माॅल, बाजार, रेस्त्रां, होम डिलीवरी को खोल देना चाहिए, लेकिन स्कूल-काॅलेज व शैक्षिक संस्थाएं गर्मी की छुट्टियों तक बंद रखने चाहिए। कंटेन्मेंट जोन में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता से 17 मई को खत्म हो रहे लाॅकडाउन-3 के बाद किन क्षेत्रों में कितनी ढील दी जानी चाहिए, उस पर सुझाव मांगे गए थे। सिर्फ 24 घंटे के अंदर ही पौने पांच लाख वाट्सएप मैसेज, 10700 ई-मेल और 39 हजार लोगों ने फोन करके अपना सुझाव दिया है। इसमें काफी सुझाव बहुत अच्छे और रचनात्मक हैं। आज शाम एलजी के साथ स्टेट डिजाॅस्टर मैनेजमेंट अथाॅरिटी की होने वाली बैठक में लोगों से मिले सुझावों पर विचार किया जाएगा। इसके बाद आज ही दिल्ली के लोगों का प्रस्ताव बना कर केंद्र सरकार को सौंप दिया जाएगा। केंद्र सरकार से मिले निर्देश के मुताबिक 18 मई (सोमवार) से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दिल्ली के अंदर अलग-अलग गति विधियां शुरू की जाएंगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दो दिन पहले मैंने दिल्ली के लोगों से सुझाव मांगे थे कि 17 मई को लाॅकडाउन खत्म हो रहा है। 17 मई के बाद क्या लाॅकडाउन खत्म कर देना चाहिए? क्या लाॅकडाउन में कुछ ढील देनी चाहिए? अगर ढील देनी चाहिए, तो कितनी देनी चाहिए? मैने 12 मई की शाम को सुझाव मांगा था और एक ही दिन का समय दिया गया था। वह इसलिए, क्योंकि सोमवार को प्रधानमंत्री जी ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से कहा था कि आप 17 मई के बाद अपने राज्य में कितनी ढीलाई चाहते हैं, इसके लिए आप अपने सुझाव 15 मई तक हमें भेज दीजिए। आज 14 मई है और हम अपना प्रस्ताव आज ही शाम तक बना कर प्रधानमंत्री जी को भेजना चाहते हैं। सभी राज्य अपने-अपने प्रस्ताव भेजेंगे और फिर केंद्र सरकार निर्णय लेगी कि कहां-कहां, कितना- कितना लाॅकडाउन करना है? दिल्ली के अंदर कितनी ढीलाई दी जानी चाहिए? इस पर मैने तय किया कि यह सुझाव किसी एसी कमरे में बैठ कर तय नहीं होने चाहिए। जनता से पूछना चाहिए। एक्सपर्ट और डाॅक्टर से पूछना चाहिए कि आगे क्या होना चाहिए। इसीलिए मैने जनता से सुझाव मांगे। दिल्ली की जनता को कल शाम 5 बजे तक का समय था। इन 24 घंटे में पौने पांच लाख वाट्सएप मैसेज आए, 10700 ईमेल आए और 39 हजार लोगों ने फोन करके अपना सुझाव दिया। इस तरह हमारे पास 5 लाख से अधिक सुझाव आए हैं। लोगों ने बहुत अच्छे और राचनात्मक सुझाव भेजे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अधिकतर लोगों ने सुझाव दिया है कि स्कूल, काॅलेज और शैक्षिक संस्थाएं अभी नहीं खोलना चाहिए। गर्मी की छुट्टियों तक इसे बंद रखना चाहिए। इसके बाद खोलने पर विचार करना चाहिए। कुछ लोगों ने यह भी कहा है कि खुलने चाहिए। अधिकतर लोगों ने कहना था कि होटल अभी नहीं खुलना चाहिए, लेकिन रेस्त्रां खोल देना चाहिए। खाने की होम डिलीवरी और टेक-अवे को अनुमति दे दीजिए, ताकि लोग खरीद कर वहां से चले जाएं। वहीं, इस पर लगभग सभी लोगों की सहमति है कि अभी नाई की दुकान नहीं खुलनी चाहिए। वहां पर ज्यादा भीड़ होती है और कोरोना के ज्यादा फैलने का डर होता है। इसी तरह स्पाॅ, सैलून, सिनेमा हाॅल और स्वीमिंग पूल भी अभी नहीं खुलने चाहिए। लोगों ने यह पूछा है कि सुबह 7 से शाम 7 बजे तक घर से लोगों को बाहर नहीं निकलने पर लगी रोक का क्या मतलब है। शाम के वक्त लोग के बाहर निकलने से कोरोना का क्या लेना देना है। लोगों का कहना है कि इस पर समय की पाबंदी नहीं होनी चाहिए, लेकिन सभी का कहना है कि अभी बुजुर्गों को घर से नहीं निकलना चाहिए। जितने हार्ट, दमा, शुगर, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और कैंसर के मरीज हैं, ऐसे लोगों के लिए कोरोना जानलेवा है और इन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसे लोगों पर ज्यादा से ज्यादा सख्ती होनी चाहिए। इस बात पर लगभग सभी की आम सहमति है कि जितना भी ढील दी जाए, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालना होना चाहिए और जो लोग भी मास्क नहीं पहनें, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए। लोगों ने यह भी कहा कि सुबह पार्क में जाने की अनुमति देनी चाहिए, ताकि लोग वाॅक कर सकें। वाॅक, योगाभ्यास और व्यायाम करने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढे़गी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई लोगों ने ट्रांसपोर्ट पर अपने सुझाव दिए हैं। कुछ का कहना है कि आॅटो और टैक्सी खुलने चाहिए। आॅटो और ई-रिक्शा में एक और टैक्सी में दो यात्री के बैठने की अनुमति होनी चाहिए। हर सवारी के बाद आॅटो को डिस-इंफेक्ट करना चाहिए। अधिकतर लोगों ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बसें खुलनी चाहिए। बसों में 20-25 से अधिक सवारियां नहीं होनी चाहिए। लोगों का कहना है कि पिछले सप्ताह लाॅकडाउन-3 के दौरान सरकारी कार्यालयों को खोलने की इजाजत दे दी गई, लेकिन लोग कैसे कार्यालय जाएंगे? सभी के पास निजी वाहन नहीं है। लोगों का कहना है कि कम सवारियों के साथ कुछ हद तक बसें चलाने की अनुमति देनी चाहिए। कुछ लोगों का कहना है कि मेट्रो को भी सीमित दायरे में खोलना चाहिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई मार्केट एसोसिएशन का सुझाव है कि मार्केट कॉम्प्लेक्स खुलने चाहिए। इनका कहना है कि भले ही इन्हें आॅड ईवन करके खोला जाए। एक दिन आधी और दूसरे दिन आधी दुकानें खोल दी जाए। कई लोगों ने सुझाव दिया कि माॅल्स की एक तिहाई या आधी दुकानें खोल दें और शाॅपिंग माॅल्स भी धीरे-धीरे खुलने की तरफ बढ़ने चाहिए। हमारे पास कई इंस्ट्रीज एसोसिएशन के भी सुझाव आए हैं। कई का कहना है कि इंडस्ट्रीयल एरिया खुलने चाहिए। वैसे तो वर्तमान में इंस्ट्रीयल एरिया खोलने की अनुमति है। कंस्ट्रक्शन गतिविधियों में अभी फिलहाल जो अनुमति दी गई है, उसमें वहीं आसपास रहने वाले मजदूर को ही काम करने की अनुमति है। लोगों ने सुझाव दिया है कि मजदूर दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर रहते हैं। इसलिए दिल्ली में रहने वाले मजूदरों को अनुमति हो, ऐसी व्यवस्था की जाए। लेकिन कंटेनमेंट ज़ोन के अंदर किसी भी तरह की गतिविधि की अनुमति नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 24 मार्च को लाॅकडाउन लगा था। करीब डेढ़ महीना हो गया है। इस डेढ़ महीने के अंदर पूरा देश लगभग बंद था। पूरी दिल्ली लगभग बंद थी। सब बंद करना तो आसान था, लेकिन अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। आने वाला समय और अधिक कठिनाई भरा है। आपके सुझावों के आधार पर आज शाम 4 बजे एलजी साहब के साथ हमारी स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथाॅरिटी की बैठक है। आप लोगों ने जितने भी सुझाव भेजे हैं, बैठक में उसकी चर्चा की जाएगी। उसके बाद दिल्ली में कितनी ढिलाई दी जाए, हम अपना प्रस्ताव बना कर केंद्र सरकार को भेजेंगे। केंद्र सरकार पूरे देश के बारे में निर्णय लेगी कि किस राज्य के अंदर कितनी ढिलाई देनी है। इस वक्त पूरे देश के अंदर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू हैं। जिसके अंदर केंद्र सरकार को काफी अधिकार है। वह राज्य सरकार को सीधे निर्देश देती है कि कौन से राज्य को क्या काम करना है। अगले दो-तीन दिन में केंद्र सरकार जो आदेश देगी, उसके आधार पर सोमवार से दिल्ली के अंदर अलग-अलग गतिविधियां शुरू होंगी। जो भी गतिविधियां शुरू हों, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है। हमेशा घर से मास्क पहन कर निकलना है। अपने बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों का खासतौर से ख्याल रखना है।

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