अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्लीदिल्ली में शनिवार को अप्रत्याशित बरसात हुई| शहर में मात्र 12 घंटे में 126 मिलीमीटर बरसात हुई जो पिछले एक दशक में दिल्ली में किसी भी एक दिन में हुई सबसे ज्यादा बारिश है| दिल्ली में बरसात के पिछले रिकॉर्ड देखे तो मानसून के दौरान प्रतिदिन अधिकतम 25-30 मिमी बारिश होती है लेकिन शनिवार को हुई बारिश इससे भी 4 गुणा अधिक हुई| ऐसे में शहर में कई स्थानों पर जलजमाव की समस्या उत्पन्न हुई| ऐसे में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग मंत्री आतिशी ने रविवार को पीडब्ल्यूडी के अधिकारीयों के साथ कल जलजमाव से प्रभावित तिलक ब्रिज अंडरपास व जखीरा अंडरपास का दौरा किया। इस दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री ने तिलक ब्रिज व जखीरा अंडरपास स्थित पम्पिंग स्टेशन का भी निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने पीडब्ल्यूडी मुख्यालय स्थित मानसून कंट्रोल रूम का निरीक्षण कर शहर में जलजमाव की स्थिति का जायजा भी लिया।
इस मौके पर पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने कहा कि, दिल्ली में कल मात्र 12 घंटे में 126 मिमी बारिश हुई| और 24 घंटे में 150 मिमी से ज्यादा बारिश हुई| यानी कि दिल्ली में मानसून में होने वाली कुल बारिश का 20% पानी एक ही दिन बरसा है| उन्होंने साझा करते हुए कहा कि, पीडब्ल्यूडी इस सीजन में 100 मिमी बरसात से निपटने के लिए तैयार है लेकिन कल अप्रत्याशित तरीके से 150 मिमी बारिश हुई। लेकिन फिर भी विभाग ने मुस्तैदी से काम किया। अपने सभी पम्पिंग स्टेशनों को चालू रखा और बारिश रुकने के 2 से 3 घंटे के भीतर अधिकांश स्थानों से जलभराव को दूर करने का काम किया गया। उन्होंने साझा करते हुए कहा कि, भारी बारिश के बाद कल जिन जगहों पर जलभराव हुआ, मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर आज उसका निरीक्षण कर हम भविष्य में जलभराव को रोकने के लिए अतिरिक्त प्रबंध सुनिश्चित कर रहे है। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी की 100 मिमी बारिश से निपटने की तैयारी होती है लेकिन कल हुई बारिश को देखकर हम वाटर पम्पिंग की क्षमता को बढ़ा रहे है| और जिन जगहों लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। उनका आज निरीक्षण किया जा रहा है और उन सभी स्थानों पर आगे के लिए हर जरुरी कदम उठाये जायेंगे। पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने आगे कहा कि, मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कल रात सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि, रविवार होने के बावजूद कोई भी अधिअकरी छुट्टी पर नहीं रहेगा और प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया जायेगा। साथ ही सभी फील्ड स्टाफ चाहे दिल्ली जल बोर्ड,एमसीडी, पीडब्ल्यूडी ,बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग का हो सब फील्ड पर होंगे और आगे ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो उसके लिए जरुरी तैयारियां करेंगे। साथ ही इस बात का ध्यान भी रखा जा रहा है कि, यदि किसी भी जगह पर अफसरों की लापरवाही के कारण जलजमाव की समस्या उत्पन्न हुई है तो उनपर सख्त से सख्त कारवाई की जाएगी। रविवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय स्थित मानसून कण्ट्रोल रूम का दौरा भी किया| पीडब्ल्यूडी मंत्री ने यह मौजूद सभी उपकरणों की बारीकी से पड़ताल की. कण्ट्रोल रूम में पीडब्ल्यूडी मंत्री ने जलजमाव वाले क्षेत्रों को मॉनिटर किया और जलजमाव को दूर करने के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा उठाए जा रहे क़दमों की भी जाँच की। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने जिन जगहों से जलजमाव की समस्या आई वहां के इंजिनियरों से कॉल पर बात कर तत्काल स्थिति का जायजा भी लिया। साथ ही अधिकारीयों को जलजमाव की हर शिकायत पर कितने समय में क्या एक्शन लिया गया इसकी विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने साझा करते हुए कहा कि, अधिकारीयों ने बताया है कि हथिनीकुंड बैराज से 45,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके कारण 11 जुलाई को दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से उपर चला जायेगा। ऐसे में अधिकारीयों को निर्देश दिए गए है कि, वे अलर्ट पर रहे और यमुना के जलस्तर पर कड़ी नजर बनाए रखें| साथ ही वे स्वयं कल अधिकारीयों के साथ यमुना का निरीक्षण कर राहत और बचाव संबंधित सभी तैयारियों का जायजा लेंगी।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments