अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: ग्रामीणों और पुलिस के बीच पथराव और लाठीचार्ज । मामला फरीदाबाद के खोरी का है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 6 हफ्ते के अंदर खाली कराने के आदेश दिए हैं । आज खोरी गांव में इसके विरोध में महापंचायत बुलाई गई थी जहां पुलिस के रोकने पर लोगों ने पुलिस पर पथराव किया जिसके बाद पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी । इस मौके पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी फरीदाबाद पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें खोरी गांव में नहीं घुसने दिया । ये काफी बड़ा सवाल हैं कि जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने काफी पहले खोरी गांव में धारा 144 लगाईं हुई हैं, के बाद 4 -5 से ज्यादा लोग कैसे इकठ्ठे हो गए जबकि खोरी गांव में भारी पुलिस बल मौजूद हैं, ऐसे में आयोजित पंचायत में लोग इकठ्ठे कैसे हो गए। का जवाब आम जनता को अवश्य देना होगा। अगर खोरी गांव में भीड़ एकत्रित नहीं होती तो ये लाठीचार्ज और पथराव की स्थिति कतई उतपन्न नहीं होती।
दिखाई दे रहा है यह नजारा फरीदाबाद के गांव खोरी का है जहां आज पुलिस और इलाके के लोगों के बीच जमकर पथराव और लाठीचार्ज हुआ। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने खोरी गांव को 6 हफ्ते के अंदर खाली कराने के आदेश दिया है जिसके बाद जिला प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा है । इसी बीच आज खोरी गांव के लोगों के द्वारा एक महापंचायत का आयोजन किया गया, इस महापंचायत में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को भी शामिल होना था । महापंचायत को देखते हुए पुलिस पूरी तरह सतर्क थी और उन्होंने सूरजकुंड रोड पर लोगों का आना जाना प्रतिबंधित कर दिया था।
इसी बीच महापंचायत स्थल पर लोगों ने जुड़ना शुरू किया पुलिस ने जब उन्हें इससे रोका तो लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया जिसके बाद पुलिस ने लोगों पर जमकर लाठियां भाजी और लोगो को तितर बितर कर दिया । इस बीच किसान नेता गुरनाम सिंह चन्नी भी फरीदाबाद पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें खोरी गांव में घुसने से रोक दिया जिसके बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने लाठीचार्ज को बेहद गलत बताया है ।
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