अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद मॉडल कोर्ट ऑफ कंडक्ट लागू हो गया है. तमाम पॉलिटिकल पार्टियों के होर्डिंग चुनाव चिन्ह और पार्टी कार्यकर्ताओं के बोर्ड को ढक दिया गया है या फिर उनकी जगह से हटा दिया गया है. मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत बसपा सुप्रीमो की मूर्ति को कवर कर दिया गया है। लेकिन वही अभी भी दलित प्रेरणा स्थल में मौजूद हाथियों की मूर्तियों को अभी भी नहीं ढका गया है, अधिकारियों का कहना है कि बिल्कुल बसपा चुनाव चिन्ह हाथी को भी ढका जाएगा। मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत दलित प्रेरणा स्थल के अंदर मौजूद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति को ढका गया है।
तस्वीरों में काले रंग के पॉलीथिन से ढकी हुई यह मूर्ति उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की है.मायावती की मूर्ति को काले रंग के पालिथिन कवरने पर बसपा के कार्यकर्ताओं में रोष है. पूर्व में चुनाव चिन्ह को ढका गया था उस समय हाथियों की मूर्तियों को पीले रंग से और मायावती के बुत को सफेद रंग के कपड़े से ढका गया था. हाल ही में चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा की जिसके बाद से पूरे प्रदेश में आचार संहिता को लागू किया गया है. एडीएम वित्त के आदेश पर एडीएम (ई) नितिन ने नोएडा प्राधिकरण को राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में लगी बसपा सुप्रीमो मायावती की दोनों मूर्ति को कवर करने को कहा। इसके लिए पूरी टीम राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर पहुंची, और मूर्तियों को ढकना शुरु कर दिया. पहले दलित प्रेरणा स्थल के अंदर मौजूद मायावती की मूर्ति को ढका गया है दलित प्रेरणा स्थल के अंदर मौजूद हाथियों की मूर्तियों को नहीं ढका गया है. दलित प्रेरणा स्थल का निर्माण 80 एकड़ जमीन पर किया गया है इस स्मारक में अंबेडकर और कांशी राम के अलावा मायावती की मूर्ति और बसपा के प्रतीक चिन्ह हाथी की 20 मूर्तियां स्थापित की गई है
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