नई दिल्ली/अजीत सिन्हा
राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा- आजकल मेरा परिवार दिल्ली में रहता है। दिल्ली से पहले, मेरा परिवार इलाहाबाद में रहता था और इलाहाबाद से पहले मेरा परिवार यहाँ रहता था। तो मैं ये कह सकता हूँ, ज्यादा समय मै यहां नहीं आया हूँ, मगर मैं ये कह सकता हूँ कि मैं आपको थोड़ा सा समझता हूँ। और पहले मेरे परिवार के लोगों ने भी झेलम का पानी पिया होगा। आपके जो कस्टम्स हैं, आपकी जो सोच है, जिसको हम कश्मीरियत कहते हैं, वो थोड़ी सी मेरे अंदर भी है। तो मुझे लगता है जब मैं फ्लाइट में यहाँ आता हूँ, तो मुझे लगता है कि मैं वापस आ रहा हूँ, घर आ रहा हूँ।
रजनी ने कहा कि स्टेट में इतनी लोकसभाएं नहीं हैं, बड़ा स्टेट नहीं है। बड़ा स्टेट नहीं था, अभी तो स्टेट ही नहीं है। मगर जम्मू-कश्मीर का बड़प्पन जो है, जो स्ट्रेंथ है, वो आपका जो भाईचारा है, जीने का तरीका है, एक दूसरे को इज्जत से, प्यार से देखने का तरीका है, वो आपकी स्ट्रेंथ है और जो हिंदुस्तान बना है,उसका फाउंडेशन, उसकी नींव में कश्मीरियत भी है। और मैं ये भी समझता हूँ, क्योंकि ये भावना मेंरे अंदर भी है, जो आप मुझसे प्यार से और इज्जत से करवा सकते हो, वो नफरत से और हिंसा से आप कभी नहीं करवा सकते और वो ही कश्मीरियत है। आपने जम्मू-कश्मीर के लोगों से प्यार से बात की, इज्जत से बात की, आप गले लगे, तो जो भी आप काम करवाना चाहते हो, कर सकते हो। मगर, अगर आपने जम्मू-कश्मीर को नफरत दिखाई, हिंसा दिखाई, इज्जत नहीं दिखाई, तो जो आप प्यार से निकाल सकते हो, वो आप नफरत से नहीं निकाल सकते, ये आपकी रियलिटी है।आज सिर्फ जम्मू और कश्मीर पर आक्रमण नहीं हो रहा है, आज आक्रमण पूरे हिंदुस्तान पर हो रहा है। गुलाम नबी आजाद ने कहा- कि पार्लियामेंट में हमें उठाना चाहिए, मगर पार्लियामेंट में हमें बोलने नहीं देते, पार्लियामेंट में हमें दबा देते हैं, पार्लियामेंट में मैं पेगासस के बारे में, राफेल के बारे में, जम्मू-कश्मीर के बारे में, भ्रष्टाचार के बारे में, बेरोजगारी के बारे में नहीं बोल सकता और हिंदुस्तान के सभी इंस्टीट्यूशन पर ये लोग आक्रमण कर रहे हैं। जुडिशियरी पर आक्रमण कर रहे हैं, विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा पर आक्रमण कर रहे हैं।
मैंने कहा कि हमारे प्रेस के मित्र हैं, मगर जो सच्चाई इनको लिखनी चाहिए,ये नहीं लिखते हैं। इनको दबाया जाता है, धमकाया जाता है। पूरे हिंदुस्तान में ये डरे हुए हैं, पता नहीं कुछ लिख देंगे, नौकरी चली जाएगी, तो मित्रों, जो कहता हूँ, मगर जो इनकी जिम्मेदारी है, उसको ये पूरा नहीं करते है। तो ये पूरे देश पर आक्रमण है। जम्मू-कश्मीर पर, तमिलनाडु पर, बंगाल पर, हिंदुस्तान का जो कॉन्सेप्ट है, लोकतांत्रिक, जो हमारा ढांचा है, कॉन्स्टीट्यूशन है, उस पर आक्रमण चल रहा है। बाकी हिंदुस्तान पर इनडायरेक्ट, जम्मू-कश्मीर पर डायरेक्ट और हमने, जो गुलाम नबी आजाद जी ने और बाकी नेताओं ने कहा है, हमने अपनी पोजीशन बड़ी क्लियर की है। यहाँ पर फुल स्टेटहुड वापस मिलना चाहिए और तो लोकतांत्रिक प्रोसेस है, जिसको हम इलेक्शन कहते हैं, फ्री एंड फेयर इलेक्शन होना चाहिए। हमने, जब हमारी सरकार थी, हमने बहुत कोशिश की थी। अलग-अलग प्रोग्राम हमने चालू किए थे। पंचायत कि चुनाव कराए, उड़ान का प्रोग्राम था, हम हिंदुस्तान के सबसे बड़े उद्योगपतियों को यहाँ यूनिवर्सिटी में लाए। कश्मीर के नौजवानों को हमने दूसरे स्टेट में नहीं जाने दिया और हम जोड़ने का काम कर रहे थे, प्यार से, भाईचारे के साथ, इज्जत के साथ और उन्होंने उस प्रोसेस को चोट मारी है, और मैं जानता हूँ, कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को दुःख हुआ है, दर्द हुआ है, मगर मैं आपको यहाँ मेन मैसेज ये देना चाहता हूँ कि मैं आपके साथ इज्जत का रिश्ता, प्यार का रिश्ता चाहता हूँ।
मैं नरेन्द्र मोदी के खिलाफ लड़ता हूँ और हम लड़ेंगे और नरेन्द्र मोदी को और जो उनकी विचारधारा है, हिंदुस्तान को बांटने की विचारधारा, हिंदुस्तान को तोड़ने की विचारधारा, हिंसा की विचारधारा के खिलाफ हम लड़ेंगे और उनको हम हराएंगे। क्योंकि ये हमारे देश का कल्चर है। ये सिर्फ जम्मू और कश्मीर का कल्चर नहीं है, ये पूरे हिंदुस्तान का कल्चर है। मगर मेरा मैसेज आपको ये है कि मैं यहाँ इज्जत और प्यार लेकर आया हूँ। मैं ये चाहता हूँ कि जो जम्मू और कश्मीर का स्टेटहुड है, वो जल्दी से जल्दी आपको वापस मिले और जो लोकतांत्रिक प्रोसेस है, वो फिर से चालू हो। मेरा प्लान यहाँ हमारे जम्मू के भी लोग बैठे हैं। अभी मैं श्रीनगर आया हूँ मगर मेरे दो और दौरे भी लगेंगे, एक जम्मू का लगेगा और उसको बाद लद्दाख का लगेगा। तो ये मेरा मैसेज था। ये जो हमारा ऑफिस अभी बना है, ये एक नई शुरुआत है और आप हमारी सेना हो। आपके दिल में, देखिए, हमारे बीच में और हम में औऱ बाकी पार्टियों में क्या फर्क है? रजनी ने कहा, आप अलग-अलग चीजों से लड़ते हो, किसानों का मुद्दा है, आपके स्टेटहुड की बात है, बेरोजगारी इन चीजों के लिए लड़ते हैं। मगर मैं सच्चाई में सिर्फ एक चीज के खिलाफ लड़ता हूँ, मैं नफरत के खिलाफ लड़ता हूँ और डर के खिलाफ मैं लड़ता हूँ। जहाँ भी मैं जाता हूँ, मेरी लड़ाई नफरत से है। तो हम में और बाकी पार्टियों में क्या फर्क है- हम किसी से नफरत नहीं करते हैं, हम किसी पर हिंसा का प्रयोग नहीं करते हैं, हम तमीज से बात करते हैं, हम प्यार से काम करते हैं और ये कांग्रेस पार्टी जो है, ये प्यार की सेना है, ये अहिंसा की सेना है। मैं आपको आज बधाई देना चाहता हूँ कि आपका बहुत समय बाद ये ऑफिस खुल रहा है, मैं आपको कॉन्ग्रेचुलेशन्स देना चाहता हूँ। मैंने पहले आने की कोशिश की थी, कोविड से पहले भी मैंने आने की कोशिश की थी, मगर मुझे एयरपोर्ट पर ही रोक दिया था, एयरपोर्ट से बाहर नहीं आने दिया था और मैं आज आया हूँ और जल्दी ही मैं वापस आऊँगा।
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