अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता करके नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर देश में अराजकता फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचारी परिवार पहले देश को लूटता है और फिर जांच एजेंसी को पालतू और इडियट कहते हैं। यह तो वही बात हो गयी कि
पहले चोरी, फिर सीना जोरी। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि ये लोग पहले देश को लूटेंगे और उसके बाद देश में अराजकता फैलाने का काम करेंगे। राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमर्यादित आचारण कर रहे हैं, जो कतई उचित नहीं है। आज कुछ राजनैतिक दलों द्वारा देश की जांच एजेंसी को डराया और धमकाया जा रहा है। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी यह जान लें कि वे कानून से उपर नहीं हैं। यह भी तथ्य सर्वविदित है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी भ्रष्टाचार के आरोप में बेल पर बाहर है। कांग्रेस पार्टी निरंतर अनर्गल बयान दे रही है, जैसे ईडी को पूछताछ के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घर जाना चाहिए।
कांग्रेस पार्टी के लिए उनके नेता संविधान से उपर है। हमारे देश का कानून कहता है उनसे पूछताछ भी होगी और जांचएजेंसी के मुख्यालय में ही पूछताछ होगी। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में कांग्रेस सरकार वाली वीवीआईपी कल्चर समाप्त हो गयी है। देश की जनता का भी यही चाहत है। भारतीय जनता पार्टी देश की जनता की ओर से सवाल पूछ रही है। कांग्रेस शब्दवीर नहीं बने बल्कि तथ्यवीर बनकर देश की जनता को जबाव दें।
पहला सवाल – 19 दिसम्बर 2015 को सोनिया गाँधी और राहुल गांधी को इस मामले में आरोपी मानते हुए निचली अदालत से बेल मिली। वे लोग दिल्ली हाईकोर्ट गए और कहा कि राजनैतिक विद्वैष से यह मामला दायर किया गया है। किन्तु दिल्ली हाईकोर्ट ने यह मामला रद्द नहीं किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सोनिया गांधी ने इस मामले को रद्द करने
की मांग की। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि हम हस्ताक्षेप नहीं करेंगे। क्या सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में सोनिया गांधी और राहुल गाँधी की आस्था नहीं है?
दूसरा सवाल -जब यंग इंडियन लिमिटेड के नियंत्रण करने का अधिकार सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास है तब मोती लाल बोहरा पर ठीकरा क्यों फोड़ा जा रहा है? जबकी गांधी परिवार के करीबी मोती लाल बोहरा इस दुनिया में नहीं है। इस मामले में मनी लॉंडिंग केस भी है। क्या यह सत्य नहीं है कि सोनिया गांधी और राहुल गाँधी के पास यंग
इंडियन लिमिटेड के 38-38 प्रतिशत शेयर होल्डिंग हैं। यानि वे दोनों 76 प्रतिशत शेयर के मालिक हैं। कानून के अनुसार जिसके पास 50 प्रतिशत से अधिक शेयर है उसका ही कंपनी पर नियंत्रण और निर्णय करने का अधिकार होता है।
तीसरा सवाल – क्यों डोटेक्स (Dotex) नामक कपंनी ने यंग इंडियन लिमिटेड को एक करोड़ रुपए का ऋण दिया? जबकि यंग इंडियन लिमिटेड के पास एक रुपए की संपत्ति नहीं है। इधर उधर की बात न कर, यह बता गांधी परिवार ने देश को क्यों लूटा?
चौथा सवाल – राहुल गांधी की जेब से एक रुपया नहीं लगा। डोटेक्स कंपनी की ऋण की पहली किस्त 50 लाख रुपए यंग इंडियन में आया। राहुल गांधी ने उस पहली किस्त 50 लाख रुपए एजेएल को दे दिया। इसके बाद एजेएल की 2000 करोड़ रुपए की संपत्ति यंग इंडियन में ट्रांसफर हो गया। बिना पैसे खर्च किए राहुल गांधी 2 हजार करोड़ रुपए के मालिक कैसे बन गए? कृपया करके राहुल गांधी इसका उत्तर दे।
पांचवा सवाल – एजेएल के पास दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति थी और एजेएल पर 90 करोड़ रुपए का ऋण था। यह अलग बात है कि एक राजनैतिक दल अपने कार्यकर्त्ताओं से चंदा लेकर दूसरी कंपनी को ऋण कैसे दे सकती है? जब एजेएल के पास दो हजार करोड़ रुपए की संपत्ति थी तब उसमें से कुछ संपित्त बेचकर 90 करोड़ रुपए का ऋण क्यों नहीं चुकाया गया? राहुल गांधी बार-बार कहते हैं कि मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नहीं डरता हूं। जबकि राहुल गांधी भ्रष्टाचारी परिवार से हैं जिस परिवार के तीन सदस्य बेल पर बाहर हैं। इस तरह का राजनीतिक परिवार देश में एक भी नहीं है। यह गांधी परिवार का ट्रैक रिकार्ड है। राहुल गांधी को भ्रष्टाचार करने और देश की जांच एजेंसी को धमकी देने में डर नहीं लगता है, लेकिन राहुल गांधी को कानून से डर लगता है। गांधी परिवार के समर्थक एवं नेता ईडी को इडियट बुलाते हैं। जबकि ईडी ने 1.05 लाख करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जब्त की है। देश को लूटने वाले को सजा दिलाने के लिए ईडी ने न्यायालयों में 992 चार्जशीट दायर किया है। उसने 400 गिरफ्तारी की है और 25 लोगों को दोषी करार कराते हुए सजा दिलायी है। यह ईडी का ट्रैक रिकार्ड है। राहुल गांधी अमेठी का चुनाव हार गए। उनके नकारापन इससे पता चलता है कि वे कांग्रेस पार्टी को 40 चुनाव हरवा चुके हैं। संसद में उनकी उपस्थिति महज 40 प्रतिशत है। यह उनका ट्रैक रिकार्ड है। इसी तरह शिवसेना के सांसद संजय राउत खुद पत्रा चाल घोटाला के एक आरोपी है और उनकी पार्टी भी राजनैतिक विद्वेष का मामला बताती है। जबकि न्यायालय ने संजय राउत को और चार दिनों के लिए ईडी रिमांड पर रखने का आदेश दिया है। वहीं, पश्चिम बंगाल में टीएमसी के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी के घरों पर ईडी की छापेमारी में गुलाबी नोटों का पहाड़ दिखा। दुर्भाग्य है कि देश को लूटने वालों से जब जांच एजेंसियां सवाल पूछती है तो वे लोग जांच एजेंसी को पालतू एवं इडियट कहते हैं।