अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस ने बाबा साहेब का अपमान करने वाले गृह मंत्री अमित शाह का बचाव करने पर प्रधानमंत्री मोदी से माफी की मांग की है। कांग्रेस ने गुरुवार को भाजपा सांसदों द्वारा इंडिया गठबंधन के सदस्यों के साथ की गई धक्का-मुक्की की सीसीटीवी फुटेज जारी करने की मांग की और हैरानी जताई कि इस मामले में कांग्रेस की शिकायत पर अभी तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है।नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई और राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि झूठी एफआईआर से राहुल गांधी और कांग्रेस पीछे नहीं हटने वाले हैं।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान से यह साबित हो गया है कि लोकसभा चुनाव में अगर भाजपा की 400 सीटें आई होती, तो अंबेडकर जी का संविधान नहीं रहता, फिर नरेंद्र मोदी और भाजपा का संविधान होता। उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि पहला पूरा हफ्ता सत्ता पक्ष ने सदन नहीं चलने दिया। गुरुवार को संसद को घेरकर एंट्री गेट बंद कर दिया गया। भाजपा सांसद अपने पोस्टरों में डंडे लगाकर आए और इंडिया गठबंधन की महिला सदस्यों को सदन में नहीं जाने दिया। धक्का-मुक्की की गई। 83 वर्षीय राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को गिरा दिया गया।तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि घटना वाली जगह की सीसीटीवी फुटेज को सील किया जाए और जारी किया जाए। उन्होंने हैरानी जताई कि इस मामले में भाजपा की एफआईआर तो लिख ली गई, लेकिन कांग्रेस की एफआईआर अभी तक नहीं लिखी गई है।वहीं, गौरव गोगोई ने कहा कि पूरे शीतकालीन सत्र में अडानी के मामले से मोदी सरकार भागती रही। प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर को लेकर अपने दो घंटे के भाषण में कुछ नहीं कहा। वहीं, जब संविधान पर चर्चा हो रही थी, तो गृह मंत्री ने बाबा साहेब के प्रति अपनी मानसिकता पूरी दुनिया को दिखा दी।गौरव गोगोई ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी सत्ता पक्ष के साथ अपमानजनक व्यवहार नहीं किया, लेकिन गुरुवार को सत्ता दल के सांसदों ने विपक्षी सदस्यों के साथ जो किया, वह बेहद दुखद था। गुरुवार की घटना पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी भेजी, जिसमें उनके साथ हुए व्यवहार का विवरण था। उन्होंने (गोगोई) भी लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर जांच की मांग की। इस मामले में कांग्रेस द्वारा लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखे जाने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया गया।गौरव गोगोई ने कहा कि अमित शाह इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे सकते थे। अमित शाह ने संसद में जैसे शब्दों का चयन किया और जिस वाणी में उनका उच्चारण हुआ, वह सही नहीं था। वे जितनी भी कोशिश कर लें, सदन में बाबा साहेब के अपमान करने वाले उन 12 सेकेंडों को छिपा नहीं सकते। उन्होंने पूछा, यह कैसी दोस्ती है कि जिससे विवश होकर नरेंद्र मोदी, अमित शाह को समर्थन दे रहे हैं।गौरव गोगोई ने कांग्रेस की मांग दोहराते हुए कहा कि अमित शाह माफी मांगें और इस्तीफा दें। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी ने अमित शाह का समर्थन किया। प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री को बर्खास्त करने की बजाय अंबेडकर के अपमान में बराबर की भागीदारी की है। इसलिए प्रधानमंत्री भी माफी मांगें।
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