अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज शुक्रवार को नई दिल्ली से तेलंगाना के कंडी, संगारेड्डी, जनगमा,वारंगल, भुपालपल्ली, महबूबाबाद और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर एवं चित्तूर जिला भाजपा कार्यालयों का वर्चुअल उद्घाटन किया और कार्यालय को भाजपा का संस्कार केंद्र बताया। कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार, जी किशन रेड्डी, राज्य सभा सांसद के लक्ष्मण, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, राष्ट्रीय महामंत्री एवं तेलंगाना के प्रभारी श्री तरुण चुघ, पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरलीधर राव एवं अरविंद मेनन उपस्थित थे जबकि आंध्र प्रदेश से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सोमवीर राजू, पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती डी पुरंदेश्वरी सहित कई वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे। नड्डा ने आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि ये सभी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए आनंद का विषय है कि एक साथ तेलंगाना के छह और आंध्र प्रदेश के दो जिला भाजपा कार्यालयों का उद्घाटन आज हो रहा है। 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय कार्यालय के साथ-साथ पार्टी के अपने प्रदेश कार्यालय और जिला कार्यालयों के निर्माण का संकल्प रखा था।
तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस कार्य को मिशन मोड में शुरू किया। राष्ट्रीय कार्यालय, प्रदेश कार्यालय और जिला कार्यालय मिला कर कुल 887 कार्यालयों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था 507 जिला कार्यालयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, 108 का निर्माण कार्य जारी है और शेष कार्यालयों पर भी कार्य अग्रसर है। ये कार्यालय केवल भवन नहीं हैं, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं के सपनों का विस्तार है, पार्टी की विचारधारा का विस्तार है, सेवा ही संगठन के सकल्प का विस्तार है। मैं आज के दिन अपने उन मनीषी कार्यकर्ताओं को भी नमन करता हूँ जिन्होंने अपने त्याग, तपस्या और बलिदान से पार्टी को सींचा है। एक पार्टी के लिए पांच ‘क’ का होना अत्यंत जरूरी है। ये हैं कार्यकर्ता, कार्यक्रम, कार्यकारिणी, कोष और कार्यालय। आज हमारे पास ये सब हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जनोपयोगी कार्यों में तेलंगाना की केसीआर सरकार बहुत सारी बाधाएं उत्पन्न कर रही हैं। टीआरएस ने अपना नाम बदलकर बीआरएस तो कर लिया है लेकिन उनके काम में कोई परिवर्तन नहीं आया है। बीआरएस का मतलब है – ‘बी’ से भ्रष्टाचार, ‘आर’ से रिश्वत और ‘स’ से सरकार। मतलब, बीआरएस सरकार का मतलब है –
भ्रष्टाचारी रिश्वत सरकार। यही तेलंगाना की केसीआर सरकार की इमेज है। जब आंध्र से तेलंगाना अलग हुआ था, तब यह स्टेट सरप्लस था लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज यह लगभग 3.29 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है। बीआरएस बनाते वक्त बड़ी-बड़ी बातें की गई लेकिन नाम बदलने से कुछ नहीं होता, काम करना पड़ता है और नीयत बदलनी पड़ती है जो उनके पास नहीं है। घर की छत पर हांडी टांगी नहीं जाती और सपने आसमान छूने के देख रहे हैं! आज लिकर स्कैम में ईडी के. कविता से पूछताछ कर रही है। आज हर जगह केसीआर सरकार के भ्रष्टाचार के कारनामों की चर्चा हो रही है। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं है। केसीआर ने ‘टीआरएस’ का नाम बदल कर तो ‘बीआरएस’ कर दिया लेकिन तेलंगाना की जनता उनसे ‘वीआरएस’ लेने को कह रही है। तेलंगाना की केसीआर सरकार घोटालों की सरकार है। किस तरह कालेश्वरम लिफ्ट इरिगेशन परियोजना को तेलंगाना की केसीआर सरकार ने भ्रष्टाचार का एटीएम बना डाला है, इसे सब जानते हैं। जो सिंचाई परियोजना केवल 40 हजार करोड़ रुपये की थी जो बढ़ कर 1.40 लाख करोड़ रुपये की हो गई है।
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