अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: राहुल गांधी ने आदिवासी सत्याग्राह रैली को संबोधित करते हुए कहा कि रघु शर्मा जी, जगदीश ठाकोर जी, सुखराम राठवा जी, मधुसूदन मिस्त्री जी, भरत सोलंकी जी, अर्जुन मोढवाडिया जी, सिद्धार्थ पटेल जी, शक्ति सिंह गोहिल जी, अमित चावड़ा जी, परेश धनाणी, हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी, हर्षित निनामा, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, प्यारे कार्यकर्ता, भाइयो और बहनों, प्रेस के हमारे मित्रों, आप सबका आज यहाँ बहुत-बहुत स्वागत, नमस्कार।
ये आज एक पब्लिक मीटिंग नहीं है, ये एक आंदोलन, एक सत्याग्रह की शुरुआत है। 2014 में नरेन्द्र मोदी जी हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री बने और उससे पहले वो गुजरात के चीफ मिनिस्टर थे। जो काम उन्होंने गुजरात में शुरु किया, वो आज हिंदुस्तान में कर रहे हैं, जिसको गुजरात मॉडल कहा जाता था।
आज दो हिंदुस्तान बन रहे हैं। एक अमीरों का हिंदुस्तान, उसमें चुने हुए लोग हैं, बड़े-बड़े अरबपति, ब्यूरोक्रेट, जिनके पास सत्ता है, धन है, अहंकार है और दूसरा हिंदुस्तान भारत की आम जनता, आम नागरिक का हिंदुस्तान। पहले ये गुजरात में टेस्ट किया गया और उसको हिंदुस्तान में अब लागू कर दिया है।
कांग्रेस पार्टी दो हिंदुस्तान नहीं चाहती है, हमें दो नहीं चाहिए। हमें एक हिंदुस्तान चाहिए और उस हिंदुस्तान में सबका आदर होना चाहिए, सबको अपॉर्चुनिटी मिलनी चाहिए, सबको शिक्षा मिलनी चाहिए, सबको अस्पताल, स्वास्थ्य की सेवाएं मिलनी चाहिए। जो बीजेपी का मॉडल है, दो हिंदुस्तान का, दो गुजरात का मॉडल, उसमें जनता का जो धन है, क्योंकि ये जो धन है, जंगल है, जमीन है, जल है, ये किसी उद्योगपति का नहीं है, ये आपका है, आदिवासियों का है, गरीबों का है, कमजोर लोगों का है, हिंदुस्तान के हर नागरिक का है। मगर इसका फायदा आपको नहीं मिलता है।
यूपीए की सरकार थी, तो हमने पूरी कोशिश की, जो हिंदुस्तान का धन है, जल, जंगल, जमीन, हमने पूरी कोशिश की कि इसका फायदा हिंदुस्तान के आम नागरिक को, दलितों को, आदिवासियों को, युवाओं को, सबको मिले और हमने बहुत बड़े कदम उठाए। ‘पेसा’ कानून लाए, जिसके माध्यम से आपकी जमीन, जो आपका हक है, आपको वापस मिले। मनरेगा दिया, 100 दिन काम की गारंटी। पूरे देश में उसको चलाया और करोड़ों लोगों को मनरेगा से फायदा मिला। ‘भूमि अधिग्रहण’ बिल लाए। पहले क्या होता था कि बिना आपसे पूछे, आपकी जमीन छीन ली जाती थी। कंपनसेशन नहीं दिया जाता था, कभी-कभी व्यक्ति को मालूम भी नहीं होता था कि उसकी जमीन छीन ली गई। अंग्रेजों के समय का कानून था, हमने उसको बदला। बिना पूछे आपसे जमीन नहीं ली जा सकती। अगर जमीन ली जाएगी, पूछ कर ली जाएगी और फिर आपको कंपनसेशन मिलेगा, मार्केट रेट से चार गुना ज्यादा कंपनसेशन मिलेगा। ये हमने करके दिखाया।बीजेपी आई, प्रधानमंत्री ने लोकसभा में पूरी दुनिया के सामने मनरेगा का मजाक उड़ाया। कहते हैं मैं इसको रद्द करना चाहता हूं, मगर नहीं करुंगा, क्योंकि मैं चाहता हूं कि देश को याद हो कि कांग्रेस पार्टी ने क्या किय़ा था और देखिए, कोविड के समय अगर मनरेगा नहीं होता, तो देश की हालत आपको मालूम है और उसी प्रोग्राम को बीजेपी आज चला रही है।प्रधानमंत्री आए, नोटबंदी की। आपकी जेब में से पैसा निकाला, आपको कहा कालेधन के खिलाफ लड़ाई है, बैंक के सामने आपको खड़ा कर दिया। पूरा देश बैंक के सामने खड़ा था। पूरे देश ने अपनी कमाई का पैसा बैंक में डाला। कालेधन के खिलाफ कुछ नहीं हुआ। अरबपतियों को फायदा हुआ। वही लोग जो अमीरों के हिंदुस्तान में जीते हैं, हवाई जहाज में उड़ते हैं, उनको फायदा हुआ, मगर आम नागरिक को कुछ नहीं मिला।उसके बाद जीएसटी लागू की, एक बार फिर ऐसी जीएसटी बनाई कि जो कमजोर व्यक्ति है, चाहे वो किसान हो, मजदूर हो, छोटा दुकानदार हो, उसको नुकसान हो और अरबपतियों को फायदा मिले। तो जो भी इन्होंने किया है, चाहे वो गुजरात में, चाहे वो हिंदुस्तान में, इन्होंने दो हिंदुस्तान बनाने के लिए किया है। एक अमीरों का हिंदुस्तान, जिसमें चुने हुए लोग कोई भी सपना देख सकते हैं, कुछ भी कर सकते हैं, उनके लिए कोई कानून नहीं, कुछ नहीं और दूसरा हिंदुस्तान, जिसमें लाखों-करोड़ लोग रहते हैं, गरीबी में रहते हैं।कोरोना के समय अस्पताल में जाते हैं, मानो मरने के लिए अस्पताल जाते हैं। ना उनको वहाँ ऑक्सीजन सिलेंडर मिलेगा, ना वेंटिलेटर मिलेगा। प्रधानमंत्री कहते हैं, थाली बजाओ, ताली बजाओ। उसके बाद कहते हैं मोबाइल फोन की लाइट जलाओ और हमारे मीडिया के मित्र ये सवाल नहीं उठाते कि गुजरात में 3 लाख लोगों ने दम तोड़ा है। ये नहीं कहते हैं कि गुजरात में 3 लाख लोग मरे हैं। ये नहीं कहते कि गंगा मां लाशों से भर गई थी। ये नहीं कहते कि हिंदुस्तान में 50- 60 लाख लोग मरे। ये कहते हैं, थाली बजाओ, लाइट जलाओ और फिर टीवी पर आपको किसी आदिवासी का चेहरा नहीं दिख सकता, कभी देखा आपने आदिवासी नेता का चेहरा टीवी पर? आपको गरीब व्यक्ति का चेहरा नहीं दिख सकता, किसान का चेहरा नहीं दिख सकता, छोटे दुकानदार का चेहरा नहीं दिख सकता, नरेन्द्र मोदी का चेहरा दिखेगा और इस देश में किसी और का चेहरा है ही नहीं। 24 घंटे एक ही चेहरा आपको दिखेगा।अब यहाँ क्या हो रहा है। गुजरात में आदिवासियों के साथ क्या हो रहा है – जो आपका धन है, जल, जमीन, जंगल ये आपका है, ये गुजरात की सरकार का नहीं है। ये आपके चीफ मिनिस्टर का नहीं है, ये गुजरात के चुने हुए बिजनेसमैन का नहीं है, ये आपका है और इस जल, जमीन और जंगल का फायदा आपको नहीं मिल रहा है और गुजरात का हर आदिवासी इस बात को गहराई से समझता है, क्योंकि उसको हर रोज इस बात का सामना करना पड़ता है।कोरोना आता है, आदिवासी भाई अस्पताल में जाता है, प्राइवेट अस्पताल में जाता है, उससे पैसा मांगते हैं, पैसा नहीं दे पाता है, वहाँ दम तोड़ देता है। कॉलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूल में जाना नामुमकिन है। सरकारी स्कूल, सरकारी कॉलेज सब बंद किए जा रहे हैं। एक के बाद एक, एक के बाद एक बंद करते जा रहे हैं और पूरा का पूरा प्राइवेटाइज कर देते हैं, उन्हीं 4-5 लोगों के हवाले कर देते हैं। वही बात अस्पतालों में। रोजगार की बात छोड़ दीजिए। रघु शर्मा जी ने भाषण में बहुत अच्छी बात बोली। इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की बात होती है। बड़ी इमारतें बनती हैं, सड़कें बनती हैं, पुल बनते हैं, हर ईंट पर आदिवासियों का हाथ लगता है। हर ईंट पर आपका हाथ लगता है। आप उठाते हो, आप रखते हो, आप सीमेंट लगाते हैं, आप पेंटिंग करते हो। मैं आपसे पूछता हूं, आपने गुजरात बनाया, गुजरात का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया, गुजरात की सड़के बनाई, आपको क्या मिला? आपको कुछ नहीं मिला। ना शिक्षा मिली, ना स्वास्थ्य मिला, ना रोजगार मिला, कुछ नहीं मिला। इसीलिए हम ये आंदोलन कर रहे हैं।
आपके दिल में जो आवाज है, जो गुजरात के हर आदिवासी के दिल में है। आपके दिल में, आपके अंदर बंद है। रोज ये आवाज आपके अंदर बंद रहती है। हम इस आवाज को, इस आंदोलन के माध्यम से सड़क पर उतारना चाहते हैं, बाहर निकालना चाहते हैं कि गुजरात की सरकार को जो आदिवासियों के दिल में है, जो आदिवासी चाहते हैं, वो सुनाई दे, क्योंकि ये सरकार आपकी आवाज को सुन नहीं रही है। कांग्रेस पार्टी आपके साथ मिलकर इस आवाज को इतना मजबूत बनाना चाहती है कि गुजरात, छोड़ो हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री को ये आवाज सुनाई दे जाए।राजस्थान में देखिए, छत्तीसगढ़ में देखिए, हमारी सरकारें हैं। हमने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव के समय गारंटी दी। हमने कहा, छत्तीसगढ़ में कहा कि देखिए किसानों का कर्जा माफ होगा और धान 2,500 रुपए में किसान बेचेगा, सरकार खरीदेगी। जैसे ही चुनाव खत्म हुआ, हमने जो कहा था, हमने करके दे दिया। तो हम यहाँ वायदे करने नहीं आए हैं, हम आपसे मिलकर समझना चाहते हैं कि आदिवासियों के लिए हमें क्या करना है। आंदोलन का लक्ष्य ये है कि आदिवासी क्या चाहता है और जब कांग्रेस पार्टी की सरकार आएगी, कांग्रेस पार्टी आदिवासियों को क्या गारंटी देगी। खोखले शब्द नहीं, गारंटी कि अगर हमारी सरकार आई, हम गारंटी करके शत-प्रतिशत ये काम हम आपको करके दे देंगे।राजस्थान में हमने स्वास्थ्य का मॉडल तैयार किया है। हर जगह हम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोल रहे हैं। 10 लाख रुपए मेडिकल इंश्योरेंस मिलता है राजस्थान में। 5 लाख रुपए एक्सीडेंट क्लेम इंश्योरेंस मिलता है। मुफ्त में दवाई मिलती है, मुफ्त में मेडिकल इन्वेस्टिगेशन होता है। सारी की सारी ओपीडी मुफ्त और सरकारी प्राइमरी हेल्थकेयर सेंटर सब जगह खोल रखे हैं। मगर यहाँ पर पूरा का पूरा प्राइवेटाइज किया जा रहा है और फायदा उन्हीं लोगों को होता है। दो-तीन लोगों को होता है। तो हम गुजरात के लिए स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहते हैं।दूसरा उदाहरण देता हूं। छत्तीसगढ़ में हमने इंग्लिश मीडियम स्कूल का पूरे प्रदेश में जाल बिछा दिया है। प्राइवेट स्कूल नहीं, सरकारी स्कूल, जिसमें गरीब से गरीब लोग अपने बच्चों को भेज कर अंग्रेजी सिखा सकते हैं। तो ये काम हम यहाँ करना चाहते हैं। यहाँ पर बड़े-बड़े प्रोजेक्ट बनते हैं, मूर्तियां बनती हैं, तापी रिवर लिंक प्रोजेक्ट बनता है। आपसे आपका पानी छीना जाता है। अरबपतियों को दिया जाता है, कोई फायदा नहीं होता है। मैं तो आपसे सीधा कह रहा हूं, कांग्रेस पार्टी यहाँ चुनाव जीतेगी, ये जो रिवर लिंक का प्रोजेक्ट है, इसको हम बंद कर देंगे, खत्म कर देंगे।संघर्ष का समय है। बिरसा मुंडा जी ने रास्ता दिखाया था, गुरु गोविंद सिंह जी ने रास्ता दिखाया था। अब गुजरात के आदिवासियों को, खासतौर से गुजरात के आदिवासी युवाओं को एक साथ मिलकर संघर्ष करना पड़ेगा, कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर संघर्ष करना पड़ेगा।बीजेपी की सरकार आपको कुछ नहीं देने वाली है। आपको लेना पड़ेगा। कुछ नहीं देंगे वो आपको, आपसे छीनेंगे जो आपका है, वो आपसे छीनेंगे। अब जो आपका है, वो आपको उनसे छीनना पड़ेगा और बिना डरे, यहाँ जिग्नेश बैठे हैं। पहली बार मैंने सुना आंदोलन करने के लिए परमीशन की जरुरत है, सिर्फ गुजरात में, दुनिया में और कहीं ऐसी जगह नहीं है, जहाँ पर आंदोलन करने के लिए परमीशन की जरुरत है। तीन महीने की जेल दे दी। मगर मैं जिग्नेश को जानता हूं, इसको आप 10 साल की जेल दे दो, कोई फर्क नहीं पड़ने वाला और ऐसे ही गुजरात में लाखों युवा है, जो सच्चाई को समझते हैं, जो जानते हैं गुजरात मॉडल क्या है, नरेन्द्र मोदी जी का मॉडल क्या है। जानते हैं, समझते हैं और मैं उनसे कहना चाहता हूं कि नया गुजरात बनाना पड़ेगा। आपके भविष्य की बात है, आप रोजगार चाहते हैं, शिक्षा चाहते हैं, स्वास्थ्य चाहते हैं, ये लोग आपको नहीं देने वाले हैं। ये लोग सिर्फ दो-तीन अरबपतियों को आपका भविष्य बेचना चाहते हैं।तो आपको गुजरात को, गुजरात के युवा को, चाहे वो आदिवासी हो, दलित हो, कोई भी हो, हर जाति का हो, आप सबको मिलकर खड़ा होना पड़ेगा। आपके भविष्य की लड़ाई है, हम इस लड़ाई में, कांग्रेस पार्टी और मैं, हम इस लड़ाई में आपके साथ खड़े हैं। 24 घंटे खड़े हैं और एक बार फिर हमारा जो पुराना मॉडल हुआ करता था, कॉपरेटिव मॉडल, जनता का मॉडल, अमूल का मॉडल, उस मॉडल को हम फिर गुजरात में लाना चाहते हैं, जहाँ पर जनता की आवाज, जो जनता के दिल में है, जनता की आवाज सरकार को चलाए। मिलकर, एक साथ मिलकर सरकार को चलाए।आज दो – तीन लोग सरकार को चलाते हैं, जनता चुप बैठी है, डरी हुई है। 24 घंटे मीडिया डिस्ट्रेक्ट करती रहती है, कुछ ना कुछ उल्टा-सीधा बोलते रहते हैं, नरेन्द्र मोदी जी की फोटो दिखा देंगे, किसी एक्टर का चेहरा दिखा देंगे, एक्ट्रेस का चेहरा दिखा देंगे। ध्यान उधर ले जाएंगे, मगर जो सच्चाई है, उसके बारे में ये कुछ नहीं बोलेंगे। सही बोला न? (जनता ने कहा- हाँ) तो अब जनता को, य़ुवाओं को एक साथ खड़ा होना पड़ेगा। आप सच्चाई जानते हो, समझते हो, पहचानते हो, अब उस सच्चाई के लिए लड़ना पड़ेगा, बिना डरे लड़ना पड़ेगा और पूरा भरोसा है कि आने वाले चुनाव में यहाँ पर गुजरात में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी और इस आंदोलन के बाद उस सरकार में आदिवासियों की आवाज होगी, आदिवासी एमएलए होंगे और जो आदिवासी चाहेगा, वो गुजरात की सरकार करेगी। आदिवासी का धन, आदिवासी का जल, जंगल और जमीन की रक्षा वो सरकार करके दिखाएगी।आपने आज मुझे यहाँ बुलाया, दूर-दूर से आप आए, आपको तंग करने के लिए पार्किंग को 5-6 किलोमीटर दूर रखा गया, मगर आप आए, इतने प्यार से आपने मेरी बात सुनी, इसके लिए मैं आप सबको दिल से धन्यवाद करता हूँ और आपकी जो लड़ाई है, ये जो आंदोलन है, इसमें मैं पूरी तरह शामिल होऊँगा। आपके साथ लड़ूँगा और जो आपका हक है, उसको हम लेकर रहेंगे।
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