अजीत सिन्हा /नई दिल्ली
जयराम रमेश में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि साथियों, राहुल जी का स्वागत है। ये प्रेस वार्ता करीब 35 मिनट तक चलेगी और प्राथमिकता कश्मीरी मीडिया को देंगे, पहले दो-तीन मिनट राहुल जी बोलेंगे और बाद में आपके सवाल लेंगे।
राहुल गांधी ने कहा- थैंक्यू जयराम जी। तो भारत जोड़ो यात्रा आज श्रीनगर में समाप्त हुई, चलना खत्म हुआ, कल मुख्य फंक्शन है, हमारा। मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ समझने को मिला। लाखों लोगों से मिला, बातचीत की। मेरे पास शब्द नहीं हैं आपको समझाने के लिए। यात्रा का लक्ष्य भारत को एक करने का था, जोड़ने का था। जो नफरत फैलाई जा रही है, हिंसा फैलाई जा रही है, उसके खिलाफ हमने यात्रा की और जबर दस्त रिस्पॉन्स मिला है। सच बताऊं तो कोई एक्सपेक्ट नहीं कर रहा था कि ऐसा प्यार भरा रिस्पॉन्स मिलेगा। हिंदुस्तान की जनता का जो रेजिलियंस है, जो स्ट्रैंथ है, वो डायरेक्टली देखने को मिली। महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे हमने उठाए और जो अलग-अलग सेक्शन पर दबाव पड़ रहा है, चाहे वो किसान हों, मजदूर हों, बेरोजगार युवा हों, छोटे व्यापारी हों, उनकी आवाज हमें सुनने को मिली। मेरे लिए पर्सनली बहुत अच्छा एक्सपीरियंस रहा, शायद मैं कह सकता हूं मेरी जिंदगी का सबसे गहरा और सबसे सुंदर एक्सपीरियंस रहा है।
मैं सबको धन्यवाद देना चाहता हूं देश की जनता को, आपको, जो हमारे साथ चले, भारत यात्री, बाकी लोग, सीआरपीएफ के लोग, पुलिस के लोग, जिन्होंने हमारी मदद की, सबको मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। अब आप सवाल पूछिए।एक प्रश्न पर कि आपको क्या लगता है कि आपकी यात्रा से कश्मीर की पॉलिटिक्स और नेशनल पॉलिटिक्स में कितना बदलाव या असर पड़ेगा? श्री राहुल गांधी ने कहा कि हमारी यात्रा हमारी नहीं, ये भारत की यात्रा है, क्योंकि ये कांग्रेस पार्टी की यात्रा नहीं रही, फ्रैंकली बोलूं, इसमें कांग्रेसियों से ज्यादा आम जनता चली है। तो ये एक प्रकार से भारत की यात्रा है, हमारी नहीं है। हम इसमें जरूर शामिल हुए। इस यात्रा ने एक अल्टरनेटिव विजन दिया है, बीजेपी-आरएसएस ने एक विजन दिया है, नफरत भरा, अहंकार से भरा। हमारा विजन, जैसा मैंने कहा नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान वाला, भाईचारे का विजन,
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