अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के लिए एक अच्छा लक्ष्य यह होगा कि आज से 10 वर्षों में, हमारे 50 प्रतिशत मुख्यमंत्री महिलाएं हों। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को केरल महिला कांग्रेस के सम्मेलन ‘उत्साह’ को संबोधित कर रहे थे।महिला सम्मेलन में महिलाओं की विशाल उपस्थिति का हवाला देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि महिलाओं से भरा हाल देखकर उन्हें काफी खुशी हो रही है। अब यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस में हर स्तर पर महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी हो। उदाहरण के लिए यदि हम चाहते हैं कि एक महिला मुख्यमंत्री हो, तो हमें पंचायत स्तर और वार्ड स्तर पर महिलाओं को आगे लाना होगा। कांग्रेस के लिए एक अच्छा लक्ष्य यह होगा कि अगले दस वर्षों में हमारी 50 प्रतिशत मुख्यमंत्री महिलाएँ हों। कांग्रेस में कई महिला नेता हैं, जिनमें मुख्यमंत्री बनने के लिए योग्यताएं हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस महिलाओं को किसी भी तरह से पुरुषों से कमतर नहीं देखती है। महिलाएं कई मायनों में पुरुषों से बेहतर हैं। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक धैर्य है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के पास दीर्घकालिक दृष्टि है। महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील और दयालु होती हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य लड़ाई यह है कि महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए। कांग्रेस हर स्तर पर महिला सहभागिता चाहती है। स्वतंत्रता संग्राम की तस्वीरों में महात्मा गांधी जी को हमेशा महिलाओं के साथ खड़े देखा जा सकता है। आजादी की लड़ाई में महिलाएं सबसे आगे थीं। कांग्रेस में कई महिला अध्यक्ष रहीं। कांग्रेस में महिला प्रधानमंत्री रहीं। कांग्रेस मानती है कि महिलाओं को देश में सत्ता साझा करनी चाहिए। कांग्रेस की अधिकांश योजनाएं महिलाओं की सहायता के लिए बनाई गई। आरएसएस पर सीधा हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और कांग्रेस के बीच लड़ाई भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका को लेकर है। आरएसएस पूरी तरह से पुरुष संगठन है। आरएसएस ने कभी भी महिलाओं को अपने संगठन में नहीं आने दिया। आरएसएस में महिलाओं को सत्ता साझा करने की इजाजत नहीं है। आरएसएस की सोच है कि वे तय करें कि महिलाओं को क्या पहनना चाहिए और क्या करना चाहिए।महिला आरक्षण को दस साल बाद से लागू करने का कानून पास करने का मुद्दा उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने संसद में कभी ऐसा विधेयक पारित होते नहीं देखा, जिसे एक दशक बाद लागू किया जाएगा। महिला आरक्षण विधेयक एकमात्र विधेयक है, जिसे भाजपा 10 साल बाद लागू कर रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि आज का राजनीतिक माहौल नफरत और हिंसा से भरा हुआ है। किसी भी प्रकार की हिंसा से महिलाएं सबसे ज्यादा पीड़ित होती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि महिला कांग्रेस नफरत और हिंसा के माहौल से लड़े। उन्होंने कांग्रेस की ‘लाखों महिला कार्यकर्ताओं को हर दिन कांग्रेस की विचारधारा के लिए लड़ने के लिए धन्यवाद किया’।
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