अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
राहुल गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि – जय आई असोम (Jai Ma Asaam) नमस्कार। रिपुन बोरा, सैकिया, जितेंद्र सिंह, भूपेश बघेल जी , स्टेज पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेतागण, हमारे प्यारे कार्यकर्ता साथियों, भाइयों और बहनों, प्रेस के हमारे मित्रों, आप सबका यहाँ बहुत-बहुत स्वागत। आप मेरी बात सुनने आए, दूर-दूर से आए, इसके लिए मैं आप सबका धन्यवाद करना चाहता हूं। जब मैं यहाँ आ रहा था, मैं तरुण गोगोई जी को याद कर रहा था। जब भी मैं असम आता था, तरुण गोगोई जी से बात करने का मौका मिलता था और शायद आपको ये बात नहीं समझ आती, मगर जो असम के बाहर से आता है, उसके लिए असम बहुत काम्प्लेक्स प्रदेश है।
अलग-अलग धर्म, अलग जातियां, भाषाएँ और जब मैं आता था, हर विजिट पर तरुण गोगोई जी मुझे कुछ ना कुछ असम के बारे में ज्ञान देते थे और मेरी जो असम के बारे में जानकारी थी, एक प्रकार से तरुण गोगोई जी बढ़ाते थे और मुझे लगता था, हर बार जब मैं वापस जाता था, तब मुझे लगता था, मैं कुछ नया सीख कर गया। एक बार गाड़ी में उन्होंने मुझे बताया, जब यहाँ हिंसा का समय था। मुझे बताया, पब्लिक मीटिंग में जाते थे और पता नहीं होता था कि वापस आएंगे या नहीं। मतलब ये नहीं मालूम था कि ये इसके बाद पब्लिक मीटिंग होगी, इसके बाद जिंदा रहेंगे, ये तक नहीं मालूम था, मगर कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता, रिस्क लेकर मीटिंग में जाते थे। और हमारी जो टीम थी, उसमें हमारे बड़े-बड़े नेता हैं, वो जो टीम थी, उसने असम को जोड़ने का काम किया। अहिस्ता-अहिस्ता जो नफरत फैल गई थी, गुस्सा फैल गया था, उसको खत्म करने का काम इस टीम ने किया और उसी तूफान में से हमारे नेता तरुण गोगोई जी तैयार हुए।
आज मुझे बताया गया कि जो पुरस्कार असम के सिपाही को दिया गया, तरुण गोगोई जी को दिया गया। उस व्यक्ति को, जिसने इस प्रदेश को जोड़ा, उस व्यक्ति को जिसकी पूरी जिंदगी इस प्रदेश की रक्षा करने के लिए गई, और मैंने देखा कि उसी लिस्ट में जिसमें तरुण गोगोई जी का नाम था, उसी लिस्ट में पीएम ऑफिस के एक ब्यूरोक्रेट का नाम था। और मुझे दुख हुआ कि हिंदुस्तान की सरकार ने तरुण गोगोई जी का और इस प्रदेश का अपमान किया है। एक तरफ एक व्यक्ति जिसने अपनी पूरी जान दी, जिंदगी दे दी, असम को जोड़ा, भारत के झंडे की रक्षा की और दूसरी तरफ,पीएम ऑफिस के एक ब्यूरोक्रेट, जिन्होंने सिर्फ एक काम किया, नरेन्द्र मोदी जी की हाहाकारी, दोनों को आप एक अवार्ड देते हो? तो एक प्रकार से तरुण गोगोई जी मेरे गुरु थे और मुझे अच्छा नहीं लगा, मुझे लगा कि ये सही बात नहीं की, इन लोगों ने।
मैंने असम को जोड़ने की बात की। जोड़ा कैसे गया, पूरे असम को एक साथ लाकर, बातचीत करके, असम अकोर्ड (समझौता), जो एक प्रकार से असम का प्रोटेक्टर (रक्षक) है, आपकी रक्षा करता है। औजार वही है, शांति का औजार वही है। तो मैं पहली बात आपको कहना चाहता हूं, असम अकोर्ड के प्रिंसिपल को मैं और कांग्रेस पार्टी के सब नेता डिफेंड करेंगे, प्रोटेक्ट करेंगे और एक इंच उससे पीछे हम नहीं हटने वाले। इलीगल इमिग्रेशन का मुद्दा है, मगर असम की जनता में वो कॉन्फिडेंस है, वो कैपेबिलिटी है कि मिलकर, बातचीत करके इस मामले को रिजोल्व किया जा सकता है। ये आपमें कैपेबिलिटी है। मगर, अगर ये प्रदेश फिर से बंट गया, जो बीजेपी और आर.एस.एस. रोज करते हैं, तो फिर बीजेपी का और आर.एस.एस. का नुकसान नहीं होगा, नरेन्द्र मोदी जी का नुकसान नहीं होगा, आपके चीफ मिनिस्टर का नुकसान नहीं होगा, असम का नुकसान होगा और जितना असम का नुकसान होगा, उतना हिंदुस्तान का नुकसान होगा, क्योंकि आप अपनी जगह समझो। आप छोटे प्रदेश नहीं हो। आप हिंदुस्तान के गुलदस्ते के एक सुंदर फूल हो और देश को जितनी आपको देश के लिए, ये बात आप कभी मत भूलिए जो मैं बोल रहा हूं, जितनी आपको देश की जरुरत है, उतनी देश को आपकी जरुरत है।
तो असम में हिंसा आएगी, असम बंटेगा, तो हिंदुस्तान को चोट पड़ेगी और असम को चोट पड़ेगी और ये हम नहीं चाहते हैं और ये हम नहीं होने देंगे। हमने ये गमच्छा पहना है, ये मैं आपको दिखा देता हूं। इस पर लिखा है CAA और इस पर हमने क्रोस लगा रखा है। मतलब चाहे कुछ भी हो जाए, चाहे कुछ भी हो जाए, ये देखो सबने पहन रखा है (स्टेज की तरफ सब कांग्रेस नेताओं की तरफ इशारा करते हुए श्री राहुल गांधी ने कहा), ये देख रहे हो। चाहे कुछ भी हो जाए, CAA नहीं होगा। हम दो – हमारे दो। हम दो- हमारे दो, अच्छी तरह सुन लो, नहीं होगा, कभी नहीं होगा। अब मैं आपको बताता हूं। अब मैं आपको बहुत सुंदर तरीके से समझाता हूं कि बीजेपी असम अकोर्ड को खत्म क्यों करना चाहती है, हिंसा क्यों लाना चाहती है, सीएए क्यों लाना चाहती है, मैं बहुत सुंदर तरीके से आपको समझाऊंगा। ये देखिए, ये है, 100 रुपए का नोट, (अपने हाथ में 100 रुपए का नोट दिखाते हुए श्री राहुल गांधी ने कहा), ये है 50 रुपए का नोट, ये है कितने का है, 10 का है और ये दो सिक्के, 7 रुपए के, मतलब 167 रुपए। है ना, ठीक है! अब आप मुझे समझाइए कि 167 रुपए टी(चाय) वर्कर को मिलता है। भईया इससे क्या खरीदा जाता है, क्या मिलता है इससे? तो टी वर्कर को 167 और गुजरात के व्यापारियों को टी-गार्डन! चाय के वर्कर को 167 और गुजरात के व्यापारियों को टी गार्डन, इसलिए ये असम को बांटना चाहते हैं। क्योंकि ये जानते हैं कि अगर असम से चोरी करनी है, तो असम को डिवाइड करना ही पड़ेगा, क्योंकि अगर असम को डिवाइड नहीं किया, तो असम से कोई भी शक्ति चोरी नहीं कर सकती। अब हमने साफ कह दिया है, देखिए, 167 रुपए ये हुआ। ये क्या है भइया, 200 (अपने हाथ में 200 रुपए