अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
राहुल गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा,पिछले चुनाव में मैंने आपसे दो-तीन वायदे किए थे, हर भाषण में मैं कहता था कि हमारी सरकार आएगी तो दो-तीन काम पक्के होंगे, गारंटी करके होंगे। सबसे बड़ा काम किसानों का कर्जा माफ़। वो कोई छोटी बात नहीं थी, उस समय बीजेपी के सब नेताओं ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी सच नहीं बोल रही है। हमने ये भी कहा था कि 2,500 रुपए प्रति क्विंटल किसान को धान के लिए रेट मिलेगा। बीजेपी के सब नेताओं ने कहा – ऐसा तो किया नहीं जा सकता, कांग्रेस ऐसे ही कह रही है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं – जो हमने वायदे किए थे, पूरे हुए (राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा)? (जनसभा ने एक स्वर में कहा – हाँ पूरे हुए)… कोई यहाँ पर कह सकता है कि नहीं, किसानों का कर्जा माफ़ नहीं हुआ। नहीं! 2,500 रुपए हमें धान के लिए नहीं मिलता, कोई कह सकता है यहाँ पर? कोई नहीं कह सकता, क्यों… क्योंकि जो मैं इस स्टेज से कहता हूं, मैं करके दिखाता हूं।आपका और मेरा दो-तीन महीने का रिश्ता तो है नहीं। आपका-मेरा रिश्ता पुराना रिश्ता है। आप इंदिरा गांधी जी को याद करते हैं, जवाहरलाल नेहरू जी को याद करते हैं… तो मेरा रिश्ता आपके साथ जो है, वो गहरा रिश्ता है, पुराना रिश्ता है। मैं यहाँ आकर आपसे झूठ नहीं बोलना चाहता।प्रधानमंत्री यहाँ आए, उन्होंने आप सबसे 15 लाख रुपए का वायदा किया था, कहा था – हर बैंक अकाउंट में 15 लाख रुपए डाल दूंगा, कर दिया ( राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा)? (जनसभा ने कहा – नहीं आया)… किसी के बैंक अकाउंट में नहीं आया। उन्होंने कहा था नोटबंदी से काला धन मिट जाएगा, मिट गया (राहुल गांधी ने जनसभा से फिर से पूछा)? (जनसभा ने कहा – नहीं)… कहा था किसान बिल से किसानों का फायदा होगा, किसानों ने स्वयं बिल को रद्द कर दिया। देश के सारे के सारे किसान खड़े होकर कहते हैं, प्रधानमंत्री झूठ बोल रहा है, हमें नहीं चाहिए ये बिल। तो आप जानते हैं सच कौन बोलता है, झूठ कौन बोलता है। हम वहाँ नहीं रुके, हमने आपसे कहा था कि धान के लिए 2,500 रुपए प्रति क्विंटल हम देंगे। आपको कहने की ज़रूरत नहीं पड़ी, वो आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ता गया… सही बोल रहा हूं? तो हमें बोलने की ज़रूरत भी नहीं है, मैं आपसे कह रहा हूं, हमने अनाउंस किया है कि 3,200 रुपए प्रति क्विंटल मिलेगा। लिख कर रख लो। पांच साल पहले मैंने 2,500 कहा था, अब मैं कह रहा हूं 3,200 से शुरुआत होगी…शुरुआत! मतलब 3,200 से शुरुआत होगी और उसके बाद ये बढ़ता जाएगा, बढ़ता जाएगा… जितनी ज़रूरत किसान को होगी, जो हम कर सकेंगे, हम करके दिखा देंगे। आपको कहने की ज़रूरत नहीं, आपको बताने की भी ज़रूरत नहीं कि भईया, हमें ज्यादा पैसा चाहिए, आप देखना वो बढ़ता जाएगा… बढ़ता जाएगा। आदिवासियों के लिए बीजेपी के समय तेंदूपत्ता के लिए कितना पैसा मिलता था, एक बोरी के लिए कितना मिलता था – 2,500 रुपए। कांग्रेस पार्टी के समय में कितना मिला आपको – 4,000 रुपए। अब आप लिख लीजिए, 4,000 रुपए नहीं, 6,000 रुपए आपको मिलेंगे। लिख कर रख लीजिए आप। 4,000 रुपए का आपको हर साल बोनस मिलेगा। 23,000 करोड़ रुपए हमने किसान न्याय योजना में आपको दिया। आपने मांगा नहीं, हमने कहा कि भईया, हम न्याय योजना लागू करना चाहते हैं… हमारा प्लान था देश में करने का… हम छत्तीसगढ़ में इसे टेस्ट करके दिखाएंगे और हमने करके दिखा दिया। आप मुझे एक बात बताओ, जब बीजेपी की सरकार यहाँ थी, कर्जा माफ़ किया उन्होंने (राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा)? (जनसभा ने कहा – नहीं किया)… धान के लिए सही रेट दिया क्या ( राहुल गांधी ने पुन: पूछा)? (जनसभा ने कहा – नहीं)… तेंदूपत्ता के लिए सही रेट दिया, बोनस दिया, मुफ्त में बिजली दी ( राहुल गांधी ने जनसभा से फिर से पूछा)? (जनसभा ने कहा – कुछ नहीं दिया)… तो क्या बात कर रहे हैं ये लोग, मतलब क्या बात कर रहे हैं? अब मैं आपको छोटी सी बात बताता हूं, जैसे मैंने पिछले चुनाव में कहा था किसान का कर्जा माफ़ होगा। पेन निकाल कर आप लिख लीजिए इस बार फिर किसान का कर्जा माफ़ होगा। पिछली बार हमने कहा था बिजली बिल हाफ़… इस बार जो 200 यूनिट बिजली के हैं, वो आपके माफ़ हो जाएंगे।अब इसका मतलब समझिए, कभी-कभी ये जो आंकड़े होते हैं, इनकी गहराई समझ नहीं आती। हमने कहा 200 यूनिट माफ़, इसका मतलब छत्तीसगढ़ में 40 लाख परिवार बिजली के लिए एक रुपया नहीं देंगे। ‘केजी टू पीजी’ आपने सुना है कि क्या है ये ‘केजी टू पीजी’? हिंदुस्तान का पहला स्टेट होगा, जहाँ पर केजी से लेकर पीजी तक सरकारी शिक्षा मुफ्त में मिलेगी।बीजेपी क्या करती है… सारे के सारे स्कूल प्राइवेटाइज़ कर देती है, कॉलेज प्राइवेटाइज़ कर देती है, अस्पताल प्राइवेटाइज़ कर देती है। आदिवासियों को वनवासी कहते हैं, सुना आपने? आदिवासियों को ये वनवासी क्यों कहते हैं, मुझे बताओ… कोई बता सकता है ‘वनवासी’ शब्द में और ‘आदिवासी’ शब्द में क्या फ़र्क है? (जनसभा में से किसी ने जवाब दिया)…. और वनवासी जंगल में रहने वाले हैं। अच्छा बताइए, आपका नाम क्या है (जनसभा में से एक व्यक्ति से श्री राहुल गांधी ने पूछा)… गोवर्धन जी, आपने वो जो बीजेपी का वीडियो था, जिसमें बीजेपी का एक नेता आदिवासी पर पेशाब कर रहा था मध्य प्रदेश में, वो आपने देखा… देखा आपने? आपने कभी बीजेपी के किसी नेता को किसी जानवर पर पेशाब करते हुए देखा है? तो बीजेपी के नेता जानवर पर पेशाब नहीं करते, मगर आदिवासी पर पेशाब कर रहे हैं। देखिए, ‘आदिवासी’ शब्द के अंदर गहराई में बहुत ज़रूरी चीज़ छुपी हुई है ………सबसे पहले जल, ज़मीन, जंगल के मालिक आदिवासी थे। भाइयों और बहनों, ‘आदिवासी’ शब्द के अंदर आदिवासियों का जो हक़ है… ज़मीन का हक़, जल का हक़, जंगल का हक़… वो छुपा हुआ है। ‘वनवासी’ का मतलब – वो लोग जो जंगल में रहते हैं। बीजेपी आपको ‘वनवासी’ कहते हैं, हम आपको ‘आदिवासी’ कहते हैं। बीजेपी आपके अधिकार छीनती है, हम आपको आपके अधिकार देते हैं। हम आपके गले लगते हैं, बीजेपी के नेता आपके ऊपर पेशाब करते हैं और फिर वीडियो वायरल कराते हैं कि पूरा देश देखे कि बीजेपी का नेता आदिवासी पर पेशाब कर रहा है… ये इनकी सोच है।अच्छा मैं आपसे सवाल पूछता हूं, आपको ‘वनवासी’ कहते हैं ना, जंगल कम हो रहा है कि ज्यादा (राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा)? (जनसभा ने कहा – कम हो रहा है)… कम हो रहा है ना। तो जब 15-20 साल में जंगल गायब हो जाएगा तो वनवासी कहाँ जाएंगे? कहाँ जाएंगे… सड़कों पर भीख मांगेंगे। बीजेपी के नेता कहते हैं – देखो, आदिवासियों को हिंदी सीखनी चाहिए, छत्तीसगढ़ी मत सीखिए, अंग्रेजी मत सीखिए। मगर आप किसी भी बीजेपी के नेता से पूछो कि आपका जो बच्चा है, वो इंग्लिश मीडियम में पढ़ता है या हिंदी मीडियम में पढ़ता है… तो आपको जवाब मिलेगा कि हमारा बेटा तो इंग्लिश मीडियम में पढ़ता है। अगर आपका बच्चा इंग्लिश मीडियम में पढ़ता है तो आदिवासी का बच्चा इंग्लिश मीडियम में क्यों नहीं पढ़ सकता है?अगर आपका बच्चा सपना देख सकता है तो आदिवासियों का बच्चा, दलितों का बच्चा, पिछड़ों का बच्चा सपना क्यों नहीं देख सकता… उनमें क्या कमी है? इसलिए हमने पूरे स्टेट में इंग्लिश मीडियम स्कूल… स्वामी आत्मानंद स्कूल का जाल बिछा दिया है और हम इसको बढ़ाते जाएंगे, बढ़ाते जाएंगे जब तक हर आदिवासी युवा अंग्रेजी में ना बात कर पाए। क्यों चाहते हैं, मैं बता देता हूं आपको – छत्तीसगढ़ में रहना है, छत्तीसगढ़ में काम करना है… छत्तीसगढ़ी बोलिए। यूपी में जाना है, बिहार में जाना है, दिल्ली में जाना हो काम करने के लिए… हिंदी बोलिए। विदेश जाना हो, कॉल सेंटर में काम करना हो, इंजीनियर बनना हो, डॉक्टर बनना हो… अंग्रेजी की ज़रूरत पड़ेगी, अंग्रेजी पढ़िए। वो कहते हैं – भईया, हिंदी पढ़ो, बाकी सब भूल जाओ। क्यों… क्योंकि वो चाहते हैं कि आपके बच्चे अंग्रेजी ना सीखें, कंपटीशन में ना आ जाए। बाहर से कोई आता है, अमेरिका से कोई व्यापारी आता है, बिज़नसमैन आता है… आपके बच्चे उससे बात ही ना कर पाएं, वो आपको नौकरी ना दे पाए। इसलिए वो आपसे कहते हैं कि आप ‘वनवासी’ हैं, आप बड़े सपने मत देखो, आप अंग्रेजी मत पढ़ो और हम कहते हैं आप ‘वनवासी’ नहीं हैं, ये शब्द आपका अपमान है। आप ‘आदिवासी’ हैं, आपको बड़े-बड़े से सपना देखना चाहिए, उसको पूरा करना चाहिए और पूरा करने में हम मदद करेंगे आपकी।
यहाँ पर पिछड़े वर्ग के लोग भी हैं, कुछ दिन पहले नरेंद्र मोदी जी ने बहुत अच्छी बात बोली… मैंने पहली बार सुनी है। हर भाषण में कहते हैं कि मैं ओबीसी हूं। हर भाषण में ओबीसी की बात करते हैं और जब मैंने जाति जनगणना की बात शुरू की, जब मैंने कहा कि जाति जनगणना होनी चाहिए… तो कहते हैं हिंदुस्तान में कोई जाति ही नहीं है। हिंदुस्तान में सिर्फ़ एक जाति है – ग़रीब, और कोई जाति ही नहीं नरेंद्र मोदी जी, अगर हिंदुस्तान में एक जाति है, उसका नाम ग़रीब है तो आप अपने आपको ओबीसी क्यों कहते हैं? और अगर एक जाति ग़रीब है तो अमीर कौन है? अमीर में कोई जाति ही नहीं है! सिर्फ़ एक जाति है हिंदुस्तान में और वो है ग़रीब! आपने चुनाव जीत लिया, रोज़ हवाई जहाज़ में उड़ते हैं, करोड़ों रुपए का सूट पहनते हैं… हर रोज़ नया सूट पहनते हैं मोदी जी। आपने कभी देखा है नरेंद्र मोदी जी को दो बार एक कपड़ा पहनते हुए? कभी देखा है आपने कि मोदी जी ने एक कपड़ा दो दिन के लिए पहन लिया… कभी देखा? एक दिन में तीन, चार, पांच कपड़े पहनते हैं मोदी जी। तो आपने चुनाव जीत लिया, करोड़ों के सूट पहन रहे हैं मगर जब ओबीसी को आपकी ज़रूरत पड़ी, ओबीसी युवाओं को आपकी ज़रूरत पड़ी जाति जनगणना कराने में तो आप कहते हैं एक ही जाति है – ग़रीब, ओबीसी तो हैं ही नहीं!भाइयों और बहनों, हिंदुस्तान को एमपी नहीं चलाते। हिंदुस्तान को 90 ऑफिसर चलाते हैं। उनको हम सेक्रेटरी टू गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया कहते हैं। आईएएस के ऑफिसर हैं और ये 90 लोग हिंदुस्तान का पूरा का पूरा पैसा जो है, उसको बांटते हैं। मनरेगा में कितना जाएगा, सेना को कितना मिलेगा, सड़क बनाने में कितना पैसा जाएगा, अस्पतालों में कितना जाएगा, शिक्षा में कितना जाएगा… ये सारे के सारे निर्णय ये 90 लोग लेते हैं। पार्लियामेंट हाउस में मैंने एक आंकड़ा रखा, मैंने कहा कि देखिए, 90 लोगों में से ओबीसी कितने हैं? भाइयों और बहनों, इन 90 लोगों में से कितने हैं भाई, खड़े होकर दिखाओ (श्री राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा) (जनसभा में से एक व्यक्ति ने हाथ उठाते हुए तीन का इशारा किया)… तीन। मोदी जी ओबीसी की बात करते हैं, 24 घंटे ओबीसी की बात करते हैं, जब मदद करने का समय आता है तो कहते हैं भईया, ओबीसी जाति ही नहीं है और जो 90 ऑफिसर इस देश को चलाते हैं, बजट का हर पैसा बांटते हैं… उनमें से तीन ओबीसी के हैं।अच्छा भईया, आपने पहले सवाल का जवाब दे दिया, दूसरे सवाल का जवाब दे दीजिए। जो ओबीसी ऑफिसर हैं, वो हिंदुस्तान के बजट का कितने प्रतिशत निर्णय लेते हैं… पांच प्रतिशत। मतलब 90 में से तीन ओबीसी और अगर हिंदुस्तान के बजट में 100 रुपए खर्च होते हैं तो पांच रुपए का निर्णय ओबीसी जाति के लोग लेते हैं। आदिवासियों की बात करते हैं। बजट में से अगर 100 रुपए का निर्णय लिया जाता है तो आदिवासी कितना निर्णय लेते हैं – 0.1%, मतलब आदिवासी ऑफिसर 100 रुपए में से 10 पैसे का निर्णय लेते हैं। अब सवाल ये है कि हिंदुस्तान में क्या ओबीसी की आबादी पांच प्रतिशत है? आदिवासी की आबादी 0.1 प्रतिशत है क्या? बिल्कुल नहीं। पूरा देश जानता है कि ओबीसी की आबादी कुछ भी होगी, पांच प्रतिशत तो नहीं है और पूरा देश जानता है कि आदिवासी की आबादी कुछ भी होगी, मगर 0.1 प्रतिशत तो नहीं है। मैं आपसे क्यों कह रहा हूं… क्योंकि देश को चलाने में आदिवासी, दलित, पिछड़ों की कोई भागीदारी नहीं है। अगर आप मुझे कहते कि भईया, देखो 90 ऑफिसर हैं, उनमें से 50 प्रतिशत ओबीसी हैं तो मैं कहूंगा हाँ भईया, बजट का 50 प्रतिशत ये लोग खर्च कर रहे हैं… तो भागीदारी है। अगर आप मुझे कहते कि देखिए, 15 प्रतिशत बजट का आदिवासी लोग निर्णय ले रहे हैं तो मैं कहता कि हाँ भईया, भागीदारी है। इसलिए मैं चाहता हूं… और ओबीसी के जो युवा हैं, आदिवासी युवा हैं, आप इस बात को उठाइए, ये आपके भविष्य की बात है। इसलिए मैं चाहता हूं कि जाति जनगणना हो। सबको पता लग जाएगा कि देश में आदिवासी कितने हैं, दलित कितने हैं, पिछड़े कितने हैं, जनरल कितने हैं… सबको पता लग जाएगा। एक बार सबके आंकड़े हमारे सामने होंगे तो हम कहेंगे कि ठीक है भईया, अब अगर 50 प्रतिशत आबादी है तो भागीदारी होनी चाहिए। 90 में से तीन ऑफिसर से काम होने वाला नहीं है… इसको हमें बदलना पड़ेगा।अब नरेंद्र मोदी जी के पास जाति जनगणना के आंकड़े पड़े हुए हैं। वो एक सेकंड में पब्लिक को दिखा सकते हैं। हमने किया था… जाति जनगणना हमने की, जब यूपीए की सरकार थी… तो सारे आंकड़े सरकार के पास है। अब हम नरेंद्र मोदी जी से कह रहे हैं भईया, इनको रिलीज़ करिए। छत्तीसगढ़ के ओबीसी युवाओं को बता दीजिए, ओबीसी की कितनी आबादी है… आदिवासियों को, दलितों को बता दीजिए कि भईया, आपकी इतनी भागीदारी होनी चाहिए। नरेंद्र मोदी जी नहीं बोल रहे हैं। अब कह रहे हैं कि भईया, ओबीसी की तो कोई जाति ही नहीं होती। दलित, आदिवासी तो जाति ही नहीं है। जाति जो हिंदुस्तान में सिर्फ़ ग़रीब हैं। तो यहाँ जो ओबीसी युवा हैं, अगली बार मोदी जी आएंगे, आप उनसे पूछना कि मोदी जी, पहले आप कहते थे कि आप ओबीसी हो, अब आप कहते हैं हिंदुस्तान में सिर्फ़ ग़रीब जाति होती है। आप जाति जनगणना प्लीज़ कर दो, हमारी जो सच्चाई है… ओबीसी जाति की जो सच्चाई है, वो हमें बता दो।
लंबे-लंबे भाषण करेंगे, एक घंटा बोलेंगे आपसे, मगर इस सवाल का जवाब नरेंद्र मोदी नहीं दे सकते, क्यों… क्योंकि रिमोट कंट्रोल अडानी के हाथ में है। सरकार को अडानी चला रहा है, नरेंद्र मोदी जी का चेहरा दिखाते हैं। देखो, हंस रहे हैं ये, मुस्कुरा रहे हैं (एक मीडिया वाले की ओर देखते हुए कहा)। क्या नाम है आपका भईया… नहीं मीडिया वाले जो हैं, जो मुस्कुरा रहे हैं। मुस्कुराहट चली गई, डर गए। तो 24 घंटे ये दिखाते हैं मोदी जी, मोदी जी, मोदी जी, क्यों… क्योंकि अडानी जी इनको कहते हैं – भईया दिखाओ। सौदा क्या है… मोदी जी की मार्केटिंग ये करते हैं और आपका जल, आपका जंगल, आपकी ज़मीन मोदी जी अडानी जी को दे देते हैं। सही बात है… सच्चाई ये है, ये पूरा देश जानता है। तो मैंने आपको शुरुआत में कहा, देखो भईया, जो मैं कह देता हूं, कर देता हूं। यहाँ पर मैंने कहा था 2,500 रुपए धान के लिए मिलेगा, मिल गया। मैं आपको यहाँ कह रहा हूं कि छत्तीसगढ़ में जैसे ही हमारी सरकार आएगी, जाति का सेंसस हम वहीं, उसी दिन शुरू कर देंगे और दिल्ली में मोदी जी करें या ना करें, हर आदिवासी युवा को ये समझ जाना चाहिए, आपके भविष्य की बात है, आपकी भागीदारी की बात है… मोदी जी करें ना करें, मैं नहीं जानता, दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की, ‘इंडिया’ की सरकार आएगी, पहला काम जाति जनगणना का होगा और जो आंकड़े हैं, उनको हम रिलीज़ करके आपके सामने रख देंगे और एक नई कहानी… ओबीसी युवाओं के लिए, आदिवासी, दलित युवाओं के लिए एक नई कहानी शुरू होगी। आज नरेंद्र मोदी जी की जो पॉलिसी है, नोटबंदी, जीएसटी… इसने जो हमारी रीढ़ की हड्डी है, हिंदुस्तान की रीढ़ की हड्डी को तोड़ दिया है। युवाओं को रोज़गार नहीं मिल सकता नरेंद्र मोदी जी की सरकार में… ये आप सब जानते हैं। तो रोज़गार देने का पहला कदम जाति जनगणना…. किसके पास कितना धन है, 90 ऑफिसरों में से ओबीसी कितने, दलित कितने, आदिवासी कितने और क्यों….और पिछड़ों की आबादी कितनी, ये सवाल है और इन सवालों के जवाब कांग्रेस पार्टी और मैं आपको दिलवा देंगे।आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद। देखिए, बीजेपी आपके पास आती है, झूठे वायदे कर जाती है। आपका पूरा का पूरा पैसा अडानी जी के यहाँ चला जाता है। आपका जल, जंगल, ज़मीन छीन कर वो ले जाते हैं, पैसा अमेरिका चला जाता है। हम आपकी जेब में पैसा डालते हैं, किसान की जेब में पैसा डालते हैं, मज़दूर की जेब में पैसा डालते हैं। मैं भूल गया, 7,000 मिलता है मज़दूर को.. अब 10,000 मिलेगा। गैस वाला भी बता देते हैं… 500 रुपए की सब्सिडी मिलेगी गैस सिलेंडर पर।अब हम चाहते हैं, देखिए सिंपल तरीके से मैं समझा देता हूं… हम चाहते हैं कि पैसा ग़रीब, किसान, मज़दूर, बेरोज़गार, युवा… इनकी जेब में जाए और ये इस पैसे को गांवों में, शहरों में खर्च करें और पूरे छत्तीसगढ़ की… गांवों की, शहरों की अर्थव्यवस्था आगे बढ़े। वो चाहते हैं कि पूरा का पूरा पैसा अडानी जी की जेब में चला जाए। अडानी जी पैसा कहाँ खर्च करते हैं, अडानी जी मतलब यहाँ गांव में पैसा खर्च करते हैं… नहीं, वो कर ही नहीं सकते। किसान यहाँ पर खर्च करेगा। हम किसान की जेब में पैसा डाल रहे हैं, मज़दूर की जेब में पैसा डाल रहे हैं। किसान छोटे दुकानदार के यहाँ जाकर माल ख़रीद रहा है तो छोटे दुकानदार की जेब में पैसा जा रहा है। तो पूरा जो आर्थिक सिस्टम है छत्तीसगढ़ का, वो चल रहा है। जैसे ही बीजेपी की सरकार आती है, वैसे ही ये किसानों का पैसा बंद कर देते हैं, मज़दूरों का पैसा बंद कर देते हैं, ज़मीन छीनने लग जाते हैं और पूरा का पूरा फायदा अडानी जी को पहुंचाना शुरू कर देते हैं। तो निर्णय आपका है, मैं जानता हूं कि छत्तीसगढ़ में भारी बहुमत से कांग्रेस पार्टी आने वाली है। जो मैंने यहाँ कहा, वो मैं आपके लिए पूरा करके दिखा दूंगा।
धन्यवाद। जय हिंद।