अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा-यह यात्रा 4 महीने पहले हमने कन्याकुमारी में शुरू की थी, बहुत कुछ सीखने को मिला। हम काफी यात्री हैं, उनमें से शायद कोई भी ये न कह पाए शुरुआत में कि हमें इतना हिन्दुस्तान की जनता से सीखने को मिलेगा। हर प्रदेश ने कुछ न कुछ नया सिखाया किसानों ने, मजदूरों ने,छोटे व्यापारियों ने,माताओं-बहनों ने, बच्चों ने अपने दिल की बात रखी, अपना दर्द रखा,किसानों ने हमें देश की पॉलिसियों के बारे में बताया, छोटे व्यापारियों ने जीएसटी के बारे में, नोटबंदी के बारे में, कोविड में क्या हुआ, क्या होना चाहिए था, सबकुछ हमें बताया, समझाया। अलग-अलग भाषाएं हैं, अलग विचार हैं, अलग हिस्ट्री है, अलग इतिहास है, मगर सब एक साथ मिलकर मोहब्बत के साथ इस देश में रहते हैं। जैसे मैंने कहा नफ़रत के बाजार में हम मोहब्बत की दुकान खोलने निकले थे और देखने को मिला कि लाखों-करोड़ों लोगों ने इस देश में मोहब्बत की दुकानें खोली हैं, हर प्रदेश में सड़कों पर बारिश में, गर्मी में, सर्दी में हमें ये देखने को मिला।
देश के सामने कठिनाईं जरूर हैं। लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है, उस बात को आप सबसे बेहतर समझते हो। यात्रा से पहले हमने पार्लियामेंट में मुद्दे उठाने की कोशिश की, लोकसभा में, राज्य सभा में हमने भाषण देने की कोशिश की नोटबंदी पर, गलत जीएसटी पर, किसान बिल पर, जो चीन हिन्दुस्तान की 2000 स्क्वेयर किलोमीटर जमीन पर कब्जा किए बैठा है, मगर हमें लोकसभा में बोलने नहीं दिया, जैसे ही हम बोलने की कोशिश करते थे, माइक ऑफ कर दिया जाता था।
मैंने भाषण की शुरुआत में आप सबसे कहा प्रेस के हमारे जो मित्र हैं, उनका यहां मैंने स्वागत किया, मगर इनका भी काम लोकतंत्र की रक्षा करने का होता है टीवी पर, अखबारों में, मैगजीन्ज़ में सच्चाई रखने का इनका काम होता है। पिछले प्रेस कांफ्रेंस में मैंने प्रेस वालों से सवाल पूछा, आमतौर से ये पूछते हैं, मैंने पूछा भईया एक बात बताओ आप नरेन्द्र मोदी जी का चेहरा 24 घंटे दिखाते हो, आप ऐश्वर्या राय जी की बात करते हो, अक्षय कुमार की बात रखते हो, आप महंगाई की बात क्यों नहीं रखते हो, आप बेरोजगारी की बात क्यों नहीं रखते हो। जो जम्मू-कश्मीर में गरीब लोगों से उनकी जमीन जो छीनी जा रही है वो हमें मीडिया में क्यों नहीं दिखाई देता, जो कश्मीरी पंडितों के साथ यहाँ सरकार अन्याय कर रही है।
आज सुबह मुझसे मिलने एक डेलीगेशन आया और उन्होंने अपनी बात रखी, मैं हैरान हो गया, उन्होंने कहा और मैं मीडिया के सामने ये कहना चाहता हूं, उन्होंने मुझसे कहा कि जब उनका डेलीगेशन लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास गया तो लेफ्टिनेंट गवर्नर ने उनसे कहा कि तुम्हें भीख नहीं मांगनी चाहिए। ये देखिए लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कश्मीरी पंडितों के डेलीगेशन को कहा कि आपको भीख नहीं मांगनी चाहिए, लेफ्टिनेंट गवर्नर जी ये भीख नहीं मांग रहे हैं, ये अपना हक मांग रहे हैं और अगर आपको कुछ करना चाहिए तो आपको इनसे माफी मांगनी चाहिए।यहां पर जम्मू-कश्मीर में मैं आया, अभी जम्मू में चल रहा हूं और यहां पर आपके लोग मुझसे मिल रहे हैं। माताएं-बहनें, युवा, बच्चे, किसान, सब मिल रहे हैं। यहाँ आते हैं, सड़क पर आते हैं, मेरे साथ चलते हैं और अपने दिल की बात रखते हैं। दो-तीन चीजें जो वो मुझे कह रहे हैं, मैं आपको कहना चाहता हूं। वो आप जानते हैं, मगर मैं दोहरा देता हूं। सबसे पहले मुझे कहते हैं कि जम्मू में जो पहले, (अभी आता हूं बेरोजगारी के बारे में बोलता हूं) कहते हैं कि जो पहले जम्मू के लोग व्यापार करते थे, जम्मू-कश्मीर को जम्मू-कश्मीर के लोग चलाते थे, आज बाहर के लोग जम्मू और कश्मीर को चला रहे हैं और हमारा जो हक है, हमारी जो आवाज है, उसको एडमिनिस्ट्रेशन सुनता नहीं है। सारा का सारा ट्रेड बाहर के लोग कर रहे हैं, जम्मू-कश्मीर के लोग देखते रह गए, पहली बात।
दूसरी बात, हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा बेरोजगारी जम्मू-कश्मीर में है और जम्मू में है। तो यहाँ पर स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं, कोई इंजीनियर बनना चाहता है, माता-पिता शिक्षा के लिए पैसा देते हैं। कोई डॉक्टर बनना चाहता है, कोई लॉयर बनना चाहता है, कोई आर्मी में जाना चाहता है। पढ़ाई करने के बाद पता लगता है कि इस प्रदेश के लोग, प्रदेश के युवा, लॉयर, डॉक्टर, इंजीनियर नहीं बन सकते हैं। पहले एक और रास्ता था, आर्मी का रास्ता था, वो भी आज बंद कर दिया है। बीजेपी के लोग नई योजना लाए हैं – अग्निवीर योजना लाए हैं और आर्मी की जो इथोस है, इनको वही समझा नहीं आई।
देखिए, किसी भी काम में, किसी भी काम को सीखने में कम से कम 7-8 साल लगते हैं, सही बात है, सही। आप खाना पकाती हैं (जनसभा में एक महिला से श्री राहुल गांधी ने पूछा), आपको कितने साल लगे, खाना पकाने में, सीखने में, एक्सपर्ट बनने में कितने साल लगे, आपको? मतलब 7-8 साल में बनी। तो किसी भी काम में 7-8 साल लगते हैं। आर्मी जो है, एक परिवार है, जो सेना लड़ती है, वो रिश्ते के बल पर लड़ती है। सैनिकों के बीच में जो रिश्ता है, उसके बल पर लड़ती है। वो रिश्ता एक-दो साल में बनता ही नहीं है। उस रिश्ते को बनने के लिए, मजबूत होने के लिए कम से कम 7-8 साल लगते हैं। ये जो बीजेपी के लोग हैं, इनको ये बात समझ नहीं आई। ये सोचते हैं कि आर्मी की ट्रेनिंग 6 महीने में हो जाएगी। जो सिखना है वो 6 महीने में हो जाएगा, बिल्कुल नहीं। आर्मी में सालों लगते हैं एक सैनिक को तैयार करने में। सालों लगते हैं उस सैनिक और दूसरे सैनिकों के बीच में रिश्ता बनाने के लिए। तो ये अग्निवीर योजना जो है, ये हिंदुस्तान की सेना को कमजोर करने की योजना है और ये बेचारे हमारे जो आर्मी के लोग हैं ये कह नहीं सकते हैं। मगर मैं जानता हूं, अगर इनसे पूछा जाए तो ये सारे के सारे कहेंगे कि ये अग्निवीर योजना के खिलाफ हैं, अग्निवीर योजना गलत है। तो वो रास्ता जो था, वो भी बंद कर दिया इन लोगों ने।पहले युवा आर्मी में जाता था, 15 साल की उसकी सर्विस होती थी, उसके बाद उसको पेंशन मिलती थी। अग्निवीर योजना में 4 साल की सर्विस होगी, उसके बाद सैनिकों को घर भेज दिया जाएगा, उनको कोई पेंशन नहीं मिलेगी। तो ये जो देश का आर्मी के साथ रिश्ता है, इससे खिलवाड़ कर रहे हैं। देश ने कहा था, देश हर सैनिक से कहता है कि हम आपसे 15 साल मांगते हैं, उसके बाद हम आपकी पूरी जिंदगी आपको पेंशन देंगे, आपकी इज्जत करेंगे, आपकी रिस्पेक्ट करेंगे, आपकी रक्षा करेंगे। तो ये अग्निवीर योजना जो पहले युवाओं के लिए एक रास्ता था, वो भी इन्होंने बंद कर दिया।बेरोजगारी क्यों आ रही है, क्योंकि सरकार चुने हुए दो-तीन उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। ये देखो, यहाँ पर आपका पूरा का पूरा व्यापार, जो भी आप करते हैं, सारा का सारा उन्हीं दो-तीन उद्योगपतियों के हाथ चला जाएगा। सच्चाई ये है और नरेंद्र मोदी जी ने आपसे कहा था कि देखिए, नोटबंदी कालेधन के खिलाफ योजना है। काला धन मिट गया क्या- नहीं मिटा ना। भाइयों और बहनों नोटबंदी और गलत जीएसटी योजनाएं नहीं हैं, ये हथियार हैं। ये छोटे व्यापारियों को, स्मॉल और मीडियम साइज बिजनेस वालों को मारने के, खत्म करने के हथियार है और सच्चाई ये है कि इस देश को रोजगार सिर्फ ये लोग दे सकते हैं। ये जो दो-तीन बड़े उद्योगपति हैं, ये देश को रोजगार दे ही नहीं सकते, कितनी भी कोशिश कर लें, ये नहीं दे सकते हैं।
तो इन्होंने क्या किया, नरेंद्र मोदी जी और बीजेपी ने क्या किया – जो हिंदुस्तान की रीढ़ की हड्डी है, जो रोजगार देने वाली रीढ़ की हड्डी है, छोटे व्यापारी, स्मॉल और मीडियम बिजनेस, इस रीढ़ की हड्डी को इन्होंने तोड़ दिया है। इसलिए आज पूरे देश में सिर्फ जम्मू-कश्मीर में नहीं, पूरे देश में बेरोजगारी फैल रही है। आप दूसरा सवाल पूछेंगे, महंगाई इतनी क्यों बढ़ रही है, वही कारण है। पूरा का पूरा धन हिंदुस्तान का दो-तीन उद्योगपतियों की जेब में जा रहा है। पहले पेट्रोल का दाम क्या होता था (जनसभा ने कहा 40 रुपए, 50 रुपए) आज कितना है 100 रुपए। तो जब आपकी जेब में से जो 50 रुपए निकल रहे हैं, वो कहाँ जा रहे हैं, हवा में तो गायब नहीं हो रहे, कहीं ना कहीं तो जा रहे होंगे। क्या वो छोटे व्यापारियों की जेब में जा रहे हैं- नहीं। किसानों की जेब में जा रहे हैं क्या- नहीं। बेरोजगारी युवाओं की जेब में जा रहे है क्या – नहीं। गैस सिलेंडर का दाम बढ़ रहा है, उसका पैसा कहाँ जा रहा है, वो भी तीन-चार लोगों के पास। अभी यहाँ पर आपके सेब आते हैं, सेब बिकते हैं। फायदा किसको जाएगा, देख लेना। तो पूरा का पूरा धन, देश का पूरा का पूरा धन तीन-चार लोगों के हाथ में जा रहा है और बाकी हिंदुस्तान बेरोजगारी, महंगाई का सामना कर रहा है। इसलिए हमने ये यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक शुरु की और इसमें आपने हमारी जबरदस्त मदद की है। आप ये मत सोचिए कि 3500 किलोमीटर चलना आसान है। ये आसान काम नहीं है। जब हमने शुरु किया था, हमने सोचा कि ये देखो काफी मुश्किल काम है। मगर चलने के बाद लगा कि ये तो आसान है, कोई मुश्किल नहीं है इसमें। इतनी मदद आपने की हमारी, मैं आपको बता रहा हूं। सुबह हम उठते, 5 बजे सुबह उठते थे, अभी यहाँ पर सिक्योरिटी वालों ने कहा है कि 7 बजे निकलना है। मैं चाहता था कि 6 बजे निकल जाना चाहिए, मगर इन्होंने कहा नहीं, 7 बजे निकलेंगे, चिट्ठी लिख दी। तो मैंने एक्सेप्ट कर ली बात। मगर हम निकलते थे सुबह, पूरा दिन चलते थे। 25-27 किलोमीटर बाद ऐसे लगते थे कि पहला किलोमीटर चल रहे हैँ। थकान ही नहीं होती थी बिल्कुल। पूरा आपने, पूरी मदद की, पूरी शक्ति डाली। प्यार दिया यात्रा को। किसी को चोट लगती थी, आप एकदम उठा लेते थे, मदद करते थे। काफी लोगों को चोट लगी, अस्पताल जाना पड़ा, आपने एक दम मदद की। हमारे यात्री चलते हैं, रेस्टोरेंट में, ढाबे में खाना खाने जाता हैं, उनसे कहते हैं भइया हम आपसे पैसे नहीं लेंगे, आप भारत जोड़ रहे हैं, हमें आपका पैसा नहीं चाहिए। ये देखो, ये कह रहे हैं आज नहीं लिया। पूरे देश में तमिलनाडु से, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, जहाँ भी हम जा रहे हैं, हमारे यात्रियों से आप पूछिए, रेस्टोरेंट में, ढाबे में उनको पैसा नहीं देना पड़ता। ये प्रेस वाले पूछते हैं, राहुल गांधी टी-शर्ट में क्यों हैं। आप इतना प्यार दे रहे हैं, इतनी मोहब्बत दे रहे हैं कि मुझे ठंड नहीं लग रही। भइया इनको बात नहीं समझ आएगी, आ ही नहीं सकती। मैं आपको बता रहा हूं मुझे पसीना आ रहा है अभी। तो ये मुद्दे हैं और सबसे बड़ा मुद्दा अंत में जो आपका स्टेटहुड का मुद्दा है, उससे बड़ा कोई मुद्दा ही नहीं है। तो आपका पूरा का पूरा हक इन्होंने छीन लिया। तो एकदम कांग्रेस पार्टी पूरा समर्थन आपको जो आपका स्टेटहुड है, उसको रीइंस्टेट करने में पूरा हम दम लगा देंगे।
आपने इतना प्यार दिया। दिल से आपका मैं धन्यवाद करना चाहता हूं और अभी हम आपके साथ और चलेंगे, आपसे मिलेंगे। इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।अच्छा, अंत में ताराचंद जी, पीरजादा जी, मूलाराम जी और जो नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) से यहाँ लीडर आए हैं, उनका भी मैं स्वागत करता हूं।