अजीत सिन्हा /नई दिल्ली
राहुल गांधी ने कहा कि आज काफी बड़ा रिसेप्शन यात्रा की शुरुआत में हुआ। टनल के बाद जो पुलिस अरेंजमेंट था, वो बिल्कुल कोलैप्स कर गया और जो पुलिस वाले क्राउड को कंट्रोल करते हैं, रस्सियों को मैनेज करते हैं, वो या तो चले गए, या दिखे नहीं। तो मेरी जो सिक्योरिटी डिटेल थी, उन्होंने हमें कहा कि हमें आगे नहीं चलना चाहिए, इसलिए हम नहीं चल पाए। एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी है कि जो क्राउड कंट्रोल होता है, पुलिस का रोल होता है, उसको गारंटी करें। मुझे मालूम नहीं क्यों हुआ, परंतु कल और परसों, ऐसा नहीं होना चाहिए।
जयराम रमेश ने कहा कि साथियों, जैसा कि अभी राहुल जी बोल कर गए हैं, आज उनको करीब 16 किलोमीटर चलना था, बनिहाल से यहाँ अनंतनाग तक, पर मुश्किल से वो 4 किलोमीटर चल पाए। पर भारत यात्री, 200 भारत यात्री, सभी ने आज 16 किलोमीटर पूरी की। जो हुआ आज बहुत दुर्भाग्य पूर्ण था। अभी-अभी राहुल जी की सिक्योरिटी टीम और प्रशासन के बीच में बातचीत चल रही है, ताकि कल ये दोहराया नहीं जाए और परसों भी जो यात्रा है, उसमें भी ये इस परेशानी का सामना हमें नहीं करना पड़े।
हम आज, कल और परसों कश्मीर में हैं, 29 को 3 बजे राहुल जी की प्रेस वार्ता है श्रीनगर में और 30 तारीख को हमारे पीसीसी ऑफिस जो लाल चौक में है, वहाँ तिरंगा फहराएंगे और 11:30 बजे स्टेडियम में जो विपक्ष की पार्टियों को निमंत्रण दिया गया है, लाइक-माइंडेड पार्टी, उनके नेता या नुमाइंदे वहाँ मौजूद होंगे और करीब डेढ़ घंटे के लिए वो समारोह होगा। ये अंतिम समारोह होगा, इस भारत जोड़ो यात्रा का। इसके साथ-साथ कल 26 जनवरी को कांग्रेस पार्टी संगठन की ओर से ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान की शुरुआत हुई है, सभी राज्यों में और इस अभियान के माध्यम से राहुल जी का संदेश, एक पन्ने का संदेश भारत जोड़ो यात्रा के बारे में और एक पेज की चार्जशीट मोदी सरकार की विफलताओं के खिलाफ, वो हमारे कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और घर-घर पहुंचाएंगे। ये अभियान कल शुरू हुआ है, 26 मार्च तक चलेगा, पर कुछ ऐसे राज्य हैं, जहाँ चुनाव हो रहे हैं फरवरी के महीने में, तो हो सकता है कि तीन – चार हफ्ते और लगेंगे, पर कुछ भी हो 26 अप्रैल तक सभी राज्यों में हमारे कार्यकर्ताओं की ओर से राहुल जी का संदेश भारत जोड़ो यात्रा के बारे में और जो चार्जशीट है मोदी सरकार की विफलताओं के बारे में वो घर-घर तक पहुंचाई जाएगी।
ये मैं समझता हूं कि हमारे संगठन के इतिहास में इतना बड़ा आउटरीच कार्यक्रम, संपर्क कार्यक्रम नहीं चलाया गया है और ये इसलिए जरूरी पड़ा ताकि हम सभी को भारत जोड़ो यात्रा का संदेश पहुंचा सकें। क्योंकि ये पहली प्रेस वार्ता है कश्मीर में, मैं कहना चाहता हूं कि जम्मू और कश्मीर में कई राजनीतिक मसले हैं, कई राजनीतिक मुद्दे हैं, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इस पर हम चर्चा नहीं कर रहे हैं। क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा विचारधारा को लेकर जो आज हमारे लोकतंत्र के सामने, समाज के सामने, देश के सामने खतरे हैं मोदी सरकार की नीयत और मोदी सरकार की नीतियों के कारण उसको जनता के बीच में ले जाने के लिए, हमारे समाज को उजागर करने के लिए निकाली गई है और मोटे तौर पर तीन ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें कांग्रेस पार्टी समझती है, सोचती है और प्रचार करती है कि हमारे समाज और लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा हुआ है।एक तो हमारे समाज में आर्थिक विषमताएं बढ़ रही हैं। हमारी आर्थिक नीतियों के कारण महंगाई, बेरोजगारी आप सब देख रहे हैं। कंसन्ट्रेशन ऑफ इकोनॉमिक पावर- एक ही उद्योगपति, एक ही पूंजीपति के…, सारे के सारे उद्योग उनके हाथ में सौंपे जा रहे हैं, उन्हीं को सारे पब्लिक सेक्टर, कंपनियां बेची जा रही हैं। तो एक तो आर्थिक विषमताओं के कारण हमारा लोकतंत्र खतरे में है।
दूसरी बात – आरएसएस और बीजेपी की हमेशा विभाजनकारी विचारधारा रही है। सामाजिक ध्रुवीकरण उनकी रणनीति है, चुनावी फायदे के लिए और ये सामाजिक ध्रुवीकरण धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, भाषा के नाम पर, प्रांत के नाम पर हमेशा किया जाता है और सामाजिक ध्रुवीकरण का ये नतीजा है। जैसा कि राहुल गांधी जी ने कहा- नफरत फैलती है, सद्भावना को चोट मिलती है और हमारा देश कमजोर हो जाता है।
तीसरा खतरा, जो आज देख रहे हैं हमारे लोकतंत्र के सामने, वो है राजनीतिक तानाशाही। आज हमारे देश में अनडिक्लेयर्ड इमरजेंसी है। एक ही व्यक्ति की हुकूमत है। पार्लियामेंट को नजरअंदाज किया जा रहा है, पार्लियामेंट में कोई बहस नहीं होती। मिसाल के तौर पर हमारी सीमा पर जो खतरे हैं, चीन को लेकर, उस पर ढाई साल हो गए, पर पार्लियामेंट में उस पर कभी बहस का मौका नहीं मिला। संविधान को नजरअंदाज किया जा रहा है। संवैधानिक संस्थाएं कमजोर की जा रही हैं और एक प्रयास किया जा रहा है, हमारे न्यायालय को खत्म करने के लिए। रोज बयान आते रहते हैं- न्यायालय को भी प्रधानमंत्री कार्यालय का एक अंग बनाने की कोशिश की जा रही है।
तो ये जो सवाल करते हैं कांग्रेस पार्टी से कि आप भारत जोड़ो यात्रा पर क्यों निकले हो, क्योंकि भारत को कोई तोड़ नहीं रहा है। हम कह रहे हैं कि भारत टूट रहा है, खतरे हैं और अगर हम कार्रवाई अब नहीं करेंगे, तो हमारे लिए और भी खतरा पैदा हो जाएगा। इसलिए आर्थिक विषमताओं के खिलाफ, सामाजिक ध्रुवीकरण के खिलाफ और राजनीतिक तानाशाही के खिलाफ हम आवाज उठा रहे हैं। जनता को जागरुक कर रहे हैं और आरएसएस-बीजेपी की विचारधारा को सीधे विचारधारा के मैदान में हम उसका मुकाबला कर रहे हैं।चुनावी रणनीति से भारत जोड़ो यात्रा का कोई लेना-देना नहीं है। इसका चुनाव पर क्या असर होगा जम्मू-कश्मीर में या अलग राज्यों में, 2024 में क्या असर होगा, इन सब सवालों पर बाद में सोचा जाएगा, उसका जवाब मिलेगा, पर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हमने इन मुद्दों पर सोचा ही नहीं है। जैसा कि मैंने कहा कि राहुल जी बार-बार कहते हैं, कांग्रेस पार्टी बार-बार कहती रही है कि हमारे समाज, हमारे देश और हमारे लोकतंत्र के सामने दो रास्ते दिखाई दे रहे हैं। एक रास्ता है आरएसएस-बीजेपी का और उस रास्ते में ‘एक व्यक्ति, एक तंत्र’ की तोप चला रहे हैं और दूसरा रास्ता है- सद्भावना का रास्ता, कांग्रेस का रास्ता, महात्मा गांधी जी का रास्ता, राहुल गांधी जी का रास्ता, जहाँ लोकतंत्र की शहनाई बजाई जा रही है। तो एक तरफ तो लोकतंत्र की शहनाई बज रही है और दूसरी तरफ एकतंत्र की तोप चलाई जा रही है। यही हमारे देश के सामने दो रास्ते दिखाई दे रहे हैं।तो भारत जोड़ो यात्रा की पृष्ठभूमि यही है। आपके मन में कई सवाल होंगे, आर्टिकल 370 का क्या होगा, गुपकार अलायंस का क्या होगा, इन सब राजनीतिक मुद्दों के लिए अलग मौके मिलेंगे। आज हम सिर्फ भारत जोड़ो यात्रा की सोच रहे हैं, विचारधारा के बारे में सोच रहे हैं और बार-बार जो राहुल जी समाज के हर वर्ग से मिल रहे हैं, किसान, महिला, दलित, पूर्व सैनिक, विस्थापित लोग सभी से मिल रहे हैं और उनसे जानने की कोशिश कर रहे हैं, उनका दर्द, उनकी पीड़ा, उनकी समस्याएं…, ताकि जब पार्लियामेंट में उनको मौका मिलेगा, उसको उठा सकें।
एक प्रश्न पर कि यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा भारत जोड़ो यात्रा में जो चूक हुई है या प्रशासन से चूक करवाई गई है, क्या कहेंगे, जयराम रमेश ने कहा- मैं एक चीज और कहूंगा इसके बारे में, जो राहुल जी ने भी इसका जिक्र किया, अंतिम क्षण तक राहुल जी चलना चाहते थे, अंतिम क्षण तक, पर उनको एक निर्णय लेना था, जो निर्णय उन्होंने लिया, उनके सुरक्षा सलाहकारों के आधार पर ही लिया। जो उन्हें कहा गया, सलाह दी गई, उसी के आधार पर उन्होंने निर्णय लिया, लेकिन अंतिम क्षण तक वो चाहते थे कि वो जो 12-13 किलोमीटर बाकी है वो चलें, पर सुरक्षा सलाहकारों ने कहा बिल्कुल नहीं चल सकते, आप और तभी वो गाड़ी में बैठकर निकल गए। हालांकि जो भारत यात्री हैं, वो चलकर आए।
एक अन्य प्रश्न पर कि कश्मीर में सिक्योरिटी लैप्स क्यों पाया गया और ऐसा आप क्यों समझते हैं कि कश्मीर में ही सिक्योरिटी लैप्स हुआ है,रमेश ने कहा- एक-दो जगह छोटे-मोटे लैप्स हुए हैं पर इतना बड़ा लैप्स नहीं हुआ है कहीं पर और एक बात मैं कह दूं- मेरे विचार में, मैं भी वहाँ था, मैंने देखा जो हो रहा है, तब मैं चलने लगा क्योंकि मैं राहुल जी के साथ चलता नहीं हूं, मैं आगे जाता हूं। मैंने जो देखा मेरे विचार में जिस मात्रा में क्राउड मौजूद था, उसका अनुमान पहले ही लगाना चाहिए था प्रशासन को और प्रशासन ने बहुत ढीले ढंग से लिया। जो सुरक्षा बल होने चाहिए थे, जिस मात्रा में, वो नहीं थे और इसीलिए राहुल जी को गाड़ी में आना पड़ा। तो ये प्रशासन से चूक है, ये प्रशासन की चूक है इसमें कोई दोराय नहीं हो सकती।
एक अन्य प्रश्न पर कि एमएचए की तरफ से ये आया है कि सीआरपीएफ और स्टेट पुलिस ने उचित सुरक्षा मुहैया कराई थी, कोई कोताही सुरक्षा में नहीं हुई है, क्या कहेंगे, रमेश ने कहा- मैं ये बॉल-बाई-बॉल कमेंट्री नहीं दूंगा। अभी-अभी हमारे जो सुरक्षा सलाहकार हैं, हमारे जो महामंत्री संगठन हैं वो प्रशासन के साथ बात-चीत कर रहे हैं, इसी मुद्दे पर।
एक अन्य प्रश्न पर कि क्या आप पॉलिटिकल मोटिव देखते हैं, इसके पीछे या ये एक एडमिनिस्ट्रेटिव एरर था, जो हुआ आज, रमेश ने कहा- ये सुरक्षा की ओर से एक बहुत बड़ी चूक है, ये बड़ा सिक्योरिटी लैप्स है, इस पर अभी बात-चीत चल रही है। हमारे जनरल सेक्रेटरी (संगठन) और राहुल जी की जो सुरक्षा टीम है उनकी, प्रशासन और सिक्योरिटी फोर्सेस के साथ बात हो रही है। इसके बारे में मैं एक बार फिर दोहराऊंगा- ऐसे गंभीर मुद्दों पर बॉल-बाई-बॉल कामेंट्री देना उचित नहीं है। जो कुछ कार्रवाई करनी है, प्रशासन की ओर से, हमें कल दिखाई देगा। हम उम्मीद करते हैं कि आज जो घटना हुई है, वो कल और परसों दोहराई नहीं जाएगी। भारत जोड़ो यात्रा में हुई सुरक्षा चूक को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री रमेश ने कहा कि 135 दिनों में या 136 दिनों में एसओपी का कहीं भी उल्लंघन नहीं हुआ, कहीं भी नहीं। दिल्ली में बड़ी सिक्योरिटी लैप्स हुई थी, जब हम दिल्ली आए थे 24 दिसंबर को। पंजाब जैसे संवेदनशील राज्य में एक भी सिक्योरिटी लैप्स हमें देखने को नहीं मिला, पर जम्मू और कश्मीर में अफ़सोस की बात है, खासतौर से कश्मीर में पहले ही दिन सुरक्षा चूक हमें अनुभव करनी पड़ रही है। हम उम्मीद करते हैं कि कल और परसों प्रशासन ऐसे कदम उठाएगा और जो कुछ वो एसओपी हमें बताएंगे, हम उसका पालन करेंगे, एसओपी का कभी उल्लंघन नहीं होता है।एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री रमेश ने कहा कि जब राहुल जी आए थे जम्मू में, आपको याद हो या नहीं, मैं नहीं जानता हूं। आपने सुना होगा, देखा होगा कि उन्होंने कहा जम्मू में, जो पहला कार्यक्रम था, उन्होंने कहा मेरे पूर्वज 150 साल पहले कश्मीर से इलाहाबाद चले गए और मैं 150 साल बाद चल-चलकर वापस उसी जगह आया हूं, जहां से मेरे पूर्वज इलाहाबाद के लिए निकले थे।