अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली राहुल गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा: एक साल हो गया, मैं कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4,000 किलोमीटर आपके साथ, देश की जनता के साथ पैदल चला। बारिश में,गर्मी में, बर्फ में हजारों लोग एक साथ भारत जोड़ो यात्रा में चले। बहुत सारे लोगों से बातचीत हुई, लाखों युवाओं से मिला, किसानों से मिला, मजदूरों से मिला , छोटे व्यापारियों से मिला और जब भी मैं किसी युवा से मिलता था, मैं उससे दो सवाल पूछता था, क्या पढ़े हो और क्या करने जा रहे हो या क्या कर रहे हो? जवाब मिलता था, इंजीनियरिंग कर रहा हूं, इंजीनियरिंग पढ़ी, डॉक्टरी पढ़ी, कोर्ट में काम करने के लिए लीगल स्टडी की और फिर जब मैं पूछता था, क्या कर रहे हो, आजकल क्या कर रहे हो? जवाब मिलता था, राहुल जी हम तो बेरोजगार हैं। जहाँ भी मैं गया, जहाँ भी बीजेपी की सरकार थी, सारे के सारे युवा, हम तो बेरोजगार हैं। देखना चाहते हैं, तो मैं दिखाता हूं। यहाँ पर बेरोजगार युवा जो हैं, हाथ उठाइए (राहुल गांधी ने जनसभा से कहा) (जनसभा में बैठे हजारों युवाओं ने हाथ उठाया)। ये देखिए हो गया काम। तो प्रदेश में जहाँ भी देखो, बेरोजगार युवा आपको मिलेंगे और जब मैं उनसे पूछता था…
रेलवे स्टेशन पर मुझे एक युवा मिलता है। कुली जो कपड़े पहनते हैं, लाल रंग के कपड़े पहनते हैं, लाल रंग के कपड़े पहने हुए मुझे मिलता है। मैंने बातचीत शुरू की, मैंने कहा- कुली बनने से पहले तुम्हारा सपना क्या था? कहता है- राहुल जी, मैं इंजीनियर बनना चाहता था। मैंने कहा- क्या हुआ? कहता है- राहुल जी, मैंने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। हजारों रुपए मैंने प्राइवेट कॉलेज को दिए, रोजगार नहीं मिला। आज मैं कुली का काम कर रहा हूं। ये इस प्रदेश की और इस देश की सच्चाई है। युवाओं में कोई कमी नहीं है, ऊर्जा है। देश को मजबूत बनाना चाहते हैं, देश को खड़ा करना चाहते हैं। मगर ये देश करोड़ों युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रहा है।
तो सवाल उठता है, ये हो क्यों रहा है? युवाओं में कोई कमी नहीं है, अगर कमी होती तो, हम कहते- देखो भईया, युवा काम नहीं करना चाहते, युवाओं में कमी है, इसलिए रोजगार नहीं है। मगर युवाओं में कोई कमी नहीं है। दुनिया में सबसे कर्मठ, होशियार युवा हमारे देश में हैं, इस प्रदेश में हैं। लाखों युवाओं से मैं मिला हूं, कोई कमी नहीं है। बहुत अच्छी समझ है, ऊर्जा है, मगर रोजगार नहीं। तो सवाल ये है कि रोजगार क्यों नहीं?भाईयो और बहनो, रोजगार बड़े उद्योगपति नहीं देते। रोजगार छोटे व्यापारी, जो स्मॉल और मीडियम बिजनेस चलाते हैं, जो स्मॉल स्केल, मीडियम स्केल मैन्युफैक्चरिंग करते हैं, जो दुकान चलाते हैं, ये लोग रोजगार दिलवाते हैं। ऐसे हिंदुस्तान में पहले लाखों छोटे-छोटे यूनिट हुआ करते थे। कोई लोहे का काम करता था, कोई छोटे ऑटो कंपोनेंट्स का काम करता था, मैन्युफैक्चरिंग करता था। छोटे, छोटे, छोटे, छोटे लाखों यूनिट्स थे, ये हमारे युवाओं को रोजगार देते थे। नरेंद्र मोदी जी आए, बीजेपी की सरकारें आईं और उन्होंने इन यूनिट्स पर आक्रमण शुरु कर दिया। छोटे व्यापारियों पर, छोटे, स्मॉल मीडियम बिजनेस पर आक्रमण शुरु कर दिया। कैसे किया- नोटबंदी और जीएसटी। जीएसटी भाईयो और बहनो, ये टैक्स नहीं है। जीएसटी किसानों पर, छोटे व्यापारियों पर, स्मॉल और मीडियम बिजनेस वालों पर आक्रमण है, ये हथियार है जीएसटी। छोटे बिजनेस को मारने का, खत्म करने का हथियार।पहली बार, हिंदुस्तान में टैक्स लगता है- 12 प्रतिशत ट्रैक्टर पर, 18 प्रतिशत पेस्टिसाइड्स पर, 5 प्रतिशत फर्टिलाइजर्स पर। हमारा किसान जो इस देश की रीढ़ की हड्डी है, वो जीएसटी में टैक्स देता है और पूरा देश जीएसटी में हर रोज पैसा भरता रहता है। गाड़ी में पेट्रोल डाला, स्कूटर में पेट्रोल डाला – टैक्स। कपड़े खरीदे – जीएसटी। स्कूटर खरीदा- जीएसटी। किसान खेत में काम कर रहा है, ट्रैक्टर चला रहा है – जीएसटी। जीएसटी कौन देता है, जीएसटी देश की गरीब जनता देती है। और सुनिए, जीएसटी ओबीसी वर्ग देता है, दलित वर्ग देता है, पिछड़ा वर्ग, आदिवासी वर्ग देता है और जनरल वर्ग के गरीब लोग जीएसटी देते हैं।तो बीजेपी की सरकारें क्या करती हैं, आपसे जीएसटी लेती हैं, गरीबों से और बैंक का पूरा का पूरा पैसा तीन-चार उद्योगपतियों को पकड़ा देती है। अडानी, अंबानी, वो चार-पांच लोग हैं। अब मैं आपसे पूछता हूं, दो तरीके की सरकार होती है। एक सरकार होती है, जो गरीबों की जेब में पैसा डालती है। दूसरी सरकार होती है, जो दो-तीन बड़े उद्योगपतियों की जेब में पैसा डालती है। तीसरी सरकार नहीं होती, बस दो टाइप की होती है।अब देखिए, कांग्रेस पार्टी ने मनरेगा दिया। मनरेगा गरीबों की जेब में पैसा है या अमीरों की जेब में पैसा है (राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा) (जनसभा ने कहा – गरीबों की जेब में)। भोजन का अधिकार, गरीबों की जेब में या अमीरों की जेब में। (राहुल गांधी ने जनसभा से पुन: पूछा) (जनसभा ने कहा – गरीबों की जेब में)। नोटबंदी, जीएसटी, काले जो कानून लाए थे नरेंद्र मोदी जी किसान के खिलाफ, अमीरों की जेब में पैसा या गरीबों की जेब में पैसा (राहुल गांधी ने जनसभा से एक बार फिर पूछा) (जनसभा ने कहा – अमीरों की जेब में)। ये फर्क है। तो मध्य प्रदेश में क्या हुआ है। मध्य प्रदेश की जो नींव थी, जो फाउडेंशन थी, जैसे किसी भी इमारत में नींव होती है, उस नींव को बीजेपी ने उखाड़ कर फेंक दिया है। उठाकर फेंक दिया है, खत्म कर दिया है। नींव कौन है, नींव किसान हैं, नींव मजदूर हैं, नींव बेरोजगार युवा हैं, छोटे दुकानदार हैं, स्मॉल और मीडियम बिजनेस जो चलाते हैं, वो हैं और इन सबको पिछले 15 साल में यहाँ पर बीजेपी ने खत्म कर दिया है।छोटा सा आपको उदाहरण देना चाहता हूं। पास में छत्तीसगढ़ है, कुछ दिन पहले कैंपेन में मैं 10-15 किसानों से मिला और मैंने एक किसान से सवाल पूछा, उसकी जमीन पास में थी। मैंने पूछा- भईया, बताओ, ये आपकी जो जमीन है, इसका रेट क्या है? मैं हैरान हो गया, किसान मुझे कहता है, राहुल जी मुझे रेट नहीं मालूम। मैंने कहा- भाई, तुम्हें रेट नहीं मालूम, तुम्हें अपनी जमीन का रेट क्यों नहीं मालूम? कहता है- राहुल जी, मैं तो इसको कभी बेचूंगा नहीं। मैं बेचना नहीं चाहता जमीन को। अगर मैं बेचना नहीं चाहता, तो रेट का क्या मतलब? तो मैंने कहा- बेचना क्यों नहीं चाहते हो? तो कहता है- राहुल जी, मुझे यहाँ धान के लिए 2,640 रुपए प्रति क्विंटल मिलता है। बीजेपी की सरकार थी, डर लगता था, कर्जे में जीता था रोज। मुझे ये नहीं मालूम होता था कि कब आत्महत्या करने की जरुरत पड़ जाए। भाईयो और बहनो, मध्य प्रदेश में 18 हजार किसानों ने आत्महत्या की है पिछले 18 सालों में कर्जे के कारण। क्यों, क्योंकि बीजेपी ने उनको सही दाम नहीं दिया। मध्य प्रदेश में किसान को सही रेट मिलता ही नहीं है, कर्जा लेना पड़ता है, जमीन बेचनी पड़ती है। छत्तीसगढ़ में किसान कहता है कि भईया, हमें अपनी जमीन का दाम ही नहीं मालूम। वहाँ पर स्टेज पर पिछले चुनाव में और यहाँ मैंने वायदा किया था। छत्तीसगढ़ में मैंने कहा था कि देखिए, धान का रेट, पांच साल पहले की बात कर रहा हूं। धान का रेट 2,500 रुपए प्रति क्विंटल छत्तीसगढ़ के किसानों को गारंटी करके मिलेगा। पहला वायदा। दूसरा वायदा – छत्तीसगढ़ के किसान का कर्जा माफ होगा। तीसरा वायदा – हर महीने मजदूरों के बैंक अकाउंट में छत्तीसगढ़ की सरकार सीधा पैसा डालेगी। ये तीन वायदे किसानों, मजदूरों से किए हमने और ये हमने पूरे कर दिए।अब हुआ क्या, बीजेपी पैसा देते हैं, अडानी जी को, बड़े-बड़े कॉन्ट्रैक्टर्स को, अरबपतियों को। जब बीजेपी की सरकार अडानी को पैसा देती है, तो अडानी उस पैसे को कहाँ खर्च करता है। मध्य प्रदेश में खर्च करता है, आपके गांव में खर्च करता है, कस्बों में खर्च करता है? (राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा) (जनसभा ने कहा – नहीं) अमेरिका में जाकर घर खरीदता है, जापान में जाकर घर खरीदता है, दुबई में जाकर घर खरीदता है। दिल्ली में जाकर रेस्टोरेंट में खाना खाता है।तो आपका पैसा आपकी जेब से निकलता है, जीएसटी से निकलता है, अडानी की जेब में जाता है और बाकी दुनिया में चला जाता है और जब हम किसानों को पैसा देते हैं, मजदूरों को पैसा देते हैं, तो किसान क्या करता है- छोटे दुकानदार के यहाँ जाता है, गावों में, शहरों में माल खरीदता है। जैसे ही किसान और मजदूर दुकान में जाकर माल खरीदते हैं, छोटे व्यापारी का बिजनेस चालू हो जाता है। मतलब जैसे मोटरसाइकिल का इंजन चालू होता है, वैसे अर्थव्यवस्था चालू हो जाती है।तो आज मध्य प्रदेश में किसान डरा हुआ है, मजदूर डरा हुआ है। छोटा दुकानदार डरा हुआ है, छोटे व्यापारी डरे हुए हैं। क्योंकि आपकी जो अर्थव्यवस्था है, उसका इंजन चालू नहीं और इस भाषण में मैं आपको ये बताना चाहता हूं कि हमारा लक्ष्य, जो हमने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए किया है, वो हम मध्य प्रदेश के किसानों, मजदूरों और छोटे दुकानदारों के लिए करना चाहते हैं।हमने पिछले चुनाव में कर्जा माफी की बात की थी और हमने वो करके दिखा दिया था और फिर बड़े उद्योगपतियों ने, अरबपतियों ने नरेंद्र मोदी जी और चौहान जी से मिलकर मध्य प्रदेश से आपकी सरकार और हमारी सरकार चोरी की, क्योंकि वो जानते हैं कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस की सरकार अडानी जी के लिए काम नहीं करेगी, किसानों के लिए, मजदूरों के लिए, छोटे दुकानदारों के लिए काम करेगी।गैस सिलेंडर का रेट क्या है भईया- (जनता ने कहा- 1,200 रुपए)1,200 रुपए! छत्तीसगढ़ में क्या रेट है– (जनता ने फिर कहा- 500 रुपए) 500 रुपए! यहाँ पर 1,200 रुपए, वहाँ पर 500 रुपए। (जनता में से एक व्यक्ति ने कहा- बीजेपी अभी सिलेंडर सस्ता दे रही है) कितने दिन के लिए देगी भईया- एक महीने के लिए देगी। उसके बाद? हम पांच साल के लिए 500 रुपए का सिलेंडर देंगे, क्योंकि हम जानते हैं जब तक हमने जनता की जेब में पैसा नहीं डाला, तब तक मध्य प्रदेश पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता। मैंने छत्तीसगढ़, कर्नाटका के चीफ मिनिस्टर से साफ कह दिया और मध्य प्रदेश में भी यही कहूंगा, जितना पैसा बीजेपी ने अडानी और बड़े अरबपतियों को दिया है, उतना पैसा कांग्रेस पार्टी की सरकार सबसे गरीब लोगों को देने जा रही है। अब देखिए, मेरे सामने अभी आंकड़ा रखा गया। इससे आप पूरी की पूरी कहानी समझ जाओगे। 2021 में 670 किसानों ने मध्य प्रदेश में आत्महत्या की, 670! जानते हैं कितने किसानों ने छत्तीसगढ़ में आत्महत्या की 70! 670 मध्य प्रदेश में, 70 छत्तीसगढ़ में। तकरीबन दस गुना ज्यादा किसानों ने मध्य प्रदेश में आत्महत्या की है। क्यों– क्योंकि छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों की सरकार है, मजदूरों की सरकार है और मध्य प्रदेश की सरकार अरबपतियों की सरकार है।अब नरेन्द्र मोदी जी भाषण देने आए और मैंने उनका भाषण सुना। भाषण में नरेन्द्र मोदी जी कहते थे- भाईयो और बहनो, मैं ओबीसी वर्ग का हूं। जहां भी जाते थे- मैं ओबीसी वर्ग का हूं, मैं ओबीसी वर्ग का हूं, मैं ओबीसी वर्ग का हूं। (जनसभा में उपस्थिति किसी व्यक्ति ने कहा – चाय बेचता हूं)। भईया, दो करोड़ रुपए का सूट पहनते हैं, क्या चाय की बात कर रहे हो। हजारों-करोड़ रुपए के हवाई जहाज में जाते हैं, दो करोड़, तीन करोड़ का सूट पहनते हैं। खैर, कहते हैं मैं ओबीसी हूं, हर भाषण में बोल-बोलकर प्रधानमंत्री बन गए।भईया, एक दिन में नरेन्द्र मोदी कम से कम एक-दो सूट तो पहनेंगे, पहनेंगे… आपने कभी देखा दो दिन नरेन्द्र मोदी ने एक सूट पहन लिया, कभी देखा आपने, कभी देखा है – ( राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा) (जनसभा ने एक स्वर में कहा – नहीं)। मेरी ये सफेद शर्ट चलती है, बस ये ही चलती है, ये ही मैं पहनता हूं। नरेन्द्र मोदी हर रोज कोई न कोई नया कपड़ा पहनते हैं, लाखों रुपए का और फिर आपसे कहते हैं, पहले कहते थे – भाईयो और बहनो, मैं ओबीसी हूं। अब कुछ दिन पहले मैंने उनका भाषण सुना, कहते हैं- भईया, हिन्दुस्तान में सिर्फ एक जाति है, वो है गरीब। मतलब नरेन्द्र मोदी ओबीसी और देश में सिर्फ एक जाति, वो है गरीब?देश में न ओबीसी है, न दलित है, न आदिवासी है, न जनरल है, सिर्फ गरीब, ये इनका नया भाषण है। नरेन्द्र मोदी के दिमाग से जाति पता है क्यों गायब हो गई – क्योंकि मैंने जाति जनगणना की बात शुरू कर दी। जैसे मैंने कहा कि भईया ये पता लगाते हैं कि इस देश में कितने ओबीसी युवा हैं, कितने दलित हैं, कितने आदिवासी हैं, किसकी कितनी आबादी है, उस दिन से नरेन्द्र मोदी कहते हैं- हिन्दुस्तान में कोई जाति नहीं है, गायब हो गई जाति, खत्म। क्यों – क्योंकि वो ओबीसी युवाओं को, दलित युवाओं को, आदिवासी युवाओं को, जनरल युवाओं को देश की सच्चाई नहीं बताना चाहते।कन्याकुमारी से कश्मीर मैं चला, मेरे एक्सपीरियंस है सबसे ज्यादा, सबसे ज्यादा मुझे ओबीसी वर्ग के लोग मिले, जहां भी मैं गया सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग के लोग मिले। अंदाजे से कहता हूं कम से कम हिन्दुस्तान में 50 प्रतिशत ओबीसी वर्ग है, अंदाजे से कहता हूं। तो नरेन्द्र मोदी जी कहते हैं, शिवराज चौहान जी कहते हैं कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की सरकार चल रही है।मैंने आपके लिए आंकड़ा निकाला है। मध्य प्रदेश की सरकार को, दिल्ली की सरकार को एमएलए नहीं चलाते। मध्य प्रदेश, दिल्ली की सरकार को सरकारी अफसर चलाते हैं, आईएएस के लोग चलाते हैं, सही – (राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा) (जनसभा ने एक स्वर में कहा – सही बात है)। आप किसी भी बच्चे से पूछो, किसी भी युवा से पूछो- क्या करना चाहते हो? हम आईएएस में जाना चाहते हैं, आईपीएस में जाना चाहते हैं, क्योंकि वो जानते हैं देश को एमएलएज़ नहीं चलाते हैं, देश को आईएएस चलाते हैं, आईपीएस चलाते हैं, अफसर चलाते हैं।तो मैंने सवाल पूछा… मध्य प्रदेश को 53 सेक्रेटरी चलाते हैं, सरकारी अफसर हैं। मध्य प्रदेश का पूरा का पूरा बजट जो है, इसको ये 53 लोग बांटते हैं। तो मैंने पता लगाया… मध्य प्रदेश में ओबीसी की सरकार है, मैंने सुना है ओबीसी की सरकार है… तो अगर ओबीसी की सरकार है तो 53 ऑफिसर में से ओबीसी होंगे, नहीं, होने चाहिए न – (राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा) (जनसभा ने एक स्वर में कहा – होने चाहिए)।भाईयो और बहनो, 53 में से आप जानते हो कितने अफसर हैं ओबीसी वर्ग के मध्य प्रदेश में, जहां नरेन्द्र मोदी जी, शिवराज सिंह चौहान जी आपसे झूठ बोलते हैं कि ओबीसी की सरकार चल रही है, आपको मालूम है कितने हैं? 53 में से एक, 53 में से एक अफसर ओबीसी। अच्छा मजे की बात सुनो। 53 में से एक ओबीसी, अगर मध्य प्रदेश का बजट 100 रुपए का है, तो ओबीसी अफसर जो है, वो सिर्फ 33 पैसे पर निर्णय लेता है। मतलब ओबीसी 50 परसेंट, आपकी आबादी 50 परसेंट, आपकी भागीदारी 100 रुपए में से 33 पैसे। आबादी 50 परसेंट, भागीदारी 100 रुपए में से 33 पैसे, फिर से सुन लो… और नरेन्द्र मोदी जी और आपके चीफ मिनिस्टर कहते हैं- मध्य प्रदेश में ओबीसी की सरकार। कैसी ओबीसी की सरकार है ये, कौन सी ओबीसी की सरकार है? अगर बजट के सारे के सारे निर्णय 53 अफसर लेते हैं और उन 53 में से एक ओबीसी है और बजट का 0.3 परसेंट निर्णय ओबीसी ले रहे हैं, तो ओबीसी की सरकार कैसे? आपको झूठ बोला जा रहा है।यहां कोई ओबीसी की सरकार नहीं है, यहां पर ओबीसी की कोई भागीदारी नहीं है। इसीलिए नरेन्द्र मोदी जी ने अब कहा है कि हिन्दुस्तान में अब सिर्फ एक ही जाति है – वो है गरीब, क्योंकि नरेन्द्र मोदी आपको सच्चाई नहीं बताना चाहते। नरेन्द्र मोदी हिन्दुस्तान की सच्चाई ओबीसी वर्ग को नहीं बताना चाहते और मैं हिन्दुस्तान की सच्चाई ओबीसी वर्ग को बताना चाहता हूं। मैं ओबीसी वर्ग को कहना चाहता हूं कि आपकी आबादी 50 परसेंट, आपकी भागीदारी 0.3 परसेंट, शर्म की बात है। नरेन्द्र मोदी इस बात को छुपाना चाहते हैं, इसीलिए अपने किसी भी भाषण में नरेन्द्र मोदी जाति जनगणना की बात नहीं कर सकते, क्योंकि नरेन्द्र मोदी जी का रिमोट कंट्रोल अडानी जी के हाथ में है भाईयो और बहनों। रिमोट कहीं और है। टीवी यहां आपके सामने, रिमोट कहीं और, यह है सच्चाई।तो जैसे ही मध्य प्रदेश की सरकार आएगी, हमारा पहला कदम होगा जाति जनगणना सर्वे मध्य प्रदेश में और जैसे ही हमारी सरकार दिल्ली में आएगी, नेशनल जाति जनगणना कांग्रेस पार्टी करके दे देगी। होगा क्या… बात समझिए – किसी को चोट लगती है, किसी को पैर में चोट लगती है, पहला काम आप अस्पताल जाते हो, पहला काम होता है भईया एक्स-रे करिए… डॉक्टर कहता है जाकर एक्स-रे करो। एक्स-रे के बाद पता लग जाता है कि टांग टूटी हुई है या नहीं। जाति जनगणना देश का एक्स-रे है। एक्स-रे के बाद हर आदिवासी को, हर दलित को, हर ओबीसी को, हर जनरल कास्ट के युवा को पता लग जाएगा, मेरी आबादी इस देश में कितनी है, मेरी भागीदारी कितनी होनी चाहिए और फिर मध्य प्रदेश और देश का सच्चा विकास शुरू हो सकेगा। जिस दिन तक जाति जनगणना नहीं होगी, तब तक पिछड़ी जातियों को भागीदारी नहीं मिल सकती, ये सच्चाई है और ये क्रांतिकारी काम है, इससे देश बदल जाएगा, करोड़ों लोगों की जिंदगी बदल जाएगी।मैं उदाहरण देता हूं आपको छोटा सा, जिससे आप पूरी बात समझ जाएंगे। कन्याकुमारी से मैं कश्मीर तक चला, रास्ते में मुझे हजारों किसान मिले, तूफान आया, उनका नुकसान हुआ। मैंने उनसे पूछा और मैं एक की बात नहीं कर रहा हूं, मैं हजारों किसानों की बात कर रहा हूं। मैंने उनसे पूछा भईया एक बात बताओ ये जो फसल बीमा योजना है, जब आपके खेत में नुकसान हुआ, क्या इसका पैसा आपको मिला? हजारों किसानों ने मुझे कहा कि राहुल जी, जब नुकसान हुआ, हम ई-मेल करते रहे, फोन लगाते गए, कुछ नहीं हुआ, पैसा गायब हो गया, हजारों किसानों ने ऐसा कहा।अब सुनिए, होता क्या है? बीमा योजना का पैसा, 35,000 करोड़ रुपए – हिन्दुस्तान की सरकार ने 20,000 करोड़ रुपए दिए, स्टेट की सरकार ने 10,000 करोड़ रुपए दिए, किसानों ने तकरीबन 3-4 हजार करोड़ रुपए दिए। ये किसका पैसा है – ये गरीबों का पैसा है, जीएसटी से आया। आपने पेट्रोल खरीदा, टैक्स भरा। किसान ने ट्रैक्टर खरीदा, जीएसटी भरी। फर्टिलाइजर खरीदा, जीएसटी भरी, जीएसटी से पैसा आया। जीएसटी से पैसा आया, सरकार ने पैसा बीमा योजना में डाला।आप जानते हो बीमा योजना का पैसा कहां गया – 16 कंपनियों के पास। 16 कंपनियों को हिन्दुस्तान की सरकार ने पूरा का पूरा बीमा का पैसा पकड़ा दिया और जब आपको जरूरत पड़ी… आपका पैसा था, सरकार का पैसा नहीं था, मध्य प्रदेश की जनता का पैसा था, पिछड़ों का पैसा था, दलितों का पैसा था, आदिवासियों का पैसा था, जब आपको पैसों की जरूरत पड़ी, 16 कंपनियों ने आपसे कहा- भईया, नहीं मिलेगा, नहीं देंगे, आपका नुकसान नहीं हुआ, आप कह रहे हो कि ओला गिरा – ओला नहीं गिरा। आप कह रहे हो कि तूफान आया – तूफान नहीं आया। आप जानते हो, मैं जानता हूं, मध्य प्रदेश के किसान जानते हैं, पूरा का पूरा पैसा 16 कंपनियों में गया। अब मैं आपसे सवाल पूछना चाहता हूं, 16 कंपनियों में ओबीसी कितने, दलित कितने, आदिवासी कितने – जीरो, उसमें एक भी नहीं है।तो हुआ क्या – ओबीसी, दलित, आदिवासी की जेब में से पैसा निकाला गया और सीधा वो पैसा 16 कंपनियों में गया। अच्छा अगर 16 कंपनियों में दलित, आदिवासी, पिछड़े लोग होते, तो मैं कहता- ठीक है भईया, पिछड़ों की जेब से गया, दलितों की जेब से गया, आदिवासियों की जेब से गया, 16 कंपनियां हैं, उसमें आदिवासी लोग काम करते हैं, दलित लोग काम करते हैं, ओबीसी लोग काम करते हैं, ठीक है। मगर आपका तो उसमें एक आदमी नहीं है, एक आदमी नहीं है।तो आपकी जेब में से पैसा जा रहा है, 16 कंपनी की जेब में जा रहा है, आप देखते रहो, आपको बात समझ नहीं आ रही भईया हो क्या रहा है ये। हमने बीमा का पैसा भरा, जब नुकसान हुआ, कहते हैं नहीं है, ये सच्चाई है और नरेन्द्र मोदी जी का एक ही काम है – ओबीसी वर्ग की जो सच्ची आबादी है, वो ओबीसी वर्ग को न पता लग जाए, ये नरेन्द्र मोदी का काम है और मेरा काम है कि ओबीसी वर्ग को पता लग जाए, इस देश में कितने ओबीसी हैं? कौन-सी, कौन-सी जाति के ओबीसी हैं? मैं जाति जनगणना को करके दिखा दूंगा। मोदी जी कुछ भी करें, कितने भी भाषण दें, जाति जनगणना होगी। जैसे हमने छत्तीसगढ़ में वायदा किया था, यहां कर्जा माफी का वायदा किया था… कर्जा माफी होगी, छत्तीसगढ़ में 3,200 रुपए धान के लिए मिलता है, हमने वायदा किया था मिलेगा। मैं आपको यहां से गारंटी कह रहा हूं – जाति जनगणना होगी, कांग्रेस पार्टी करके दिखा देगी।
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