अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
राहुल गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप सुबह से आज हमारे साथ चल रहे हैं। 20-25 किलोमीटर आप चले, आपने अपनी शक्ति, अपना प्यार इस यात्रा को दिया, इसके लिए मैं आप सबको दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं। शुरुआत हमने कन्याकुमारी से की। आज किसी ने मुझे माईल स्टोन दिखाया कि 450 किलोमीटर हम श्रीनगर से दूर हैं। 3,000 किलोमीटर से ज्यादा यात्री चले हैं। चलने के टाईम सब यात्रियों को लगा कि 3,700-3,800 किलोमीटर चलना आसान नहीं है।
मैंने भी सोचा, पहले 2-3 दिन में मैंने सोचा 50 किलोमीटर हुए हैं, अब 3,800 चलने हैं। अजीब सी बात हुई 5-6 दिन बाद थकान बिल्कुल गायब हो गई। सुबह उठते थे, 15 किलोमीटर चलते थे, शाम को 10-11 किलोमीटर और चलते थे और फिर हैरान हो जाते थे कि भाई थकान ही नहीं हो रही, सोचते थे की ठीक है आज नहीं हुई। पहले 10-15 दिन नहीं हुई तो 1 महीने बाद होगी, 1 महीने बाद नहीं हुई, 2 महीने बाद नहीं हुई, 3 महीने बाद नहीं हुई 4 महीने होने वाले हैं अब और मैं अपनी बात नहीं कर रहा हूं, सब यात्रियों की बात कर रहा हूं।
रास्ते में बारिश हुई, तूफान आए, गर्मी, पसीना, सब कुछ हुआ, मगर थके नहीं। इसका कारण है। ये हम अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। हम आपकी शक्ति का प्रयोग कर रहे हैं, आपकी शक्ति हमें पीछे से धकेल रही है और इसीलिए हम सुबह जैसे फ्रेश उठते हैं, वैसे ही हम रात को फ्रेश सोते हैं। क्यों – क्योंकि आपका प्यार, आपकी इज्जत, आपकी मदद हमको मिल रही है। इस यात्रा में लोगों को चोट लगी, हमने बताया नहीं, मगर 5-6 लोग शहीद हुए हैं, चलते हुए शहीद हुए हैं। इस यात्रा का लक्ष्य क्या है – ये सब लोग और अब लाखों लोग चले हैं, हर प्रदेश में चले हैं, इसका लक्ष्य क्या है? कभी-कभी कोई मुझसे आकर पूछता है कि आप चल क्यों रहे हो? इसके 2-3 लक्ष्य हैं। सबसे पहला कि इस देश में जो डर और नफरत फैलाई जा रही है, जो भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है, उसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए ये यात्रा चल रही है। मगर यात्रा में तपस्या की
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