अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को इंडिया गठबंधन की ‘लोकतंत्र बचाओ महारैली’ आयोजित हुई। लोकसभा चुनाव से पहले आयोजित हुई इस विशाल महारैली में उमड़ी लाखों की भीड़ के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत इंडिया गठबंधन से जुडी पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। महारैली में उमड़ी भीड़ ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। रामलीला मैदान लोगों से खचाखच भरा हुआ था और लोगों का जोश सातवें आसमान पर था। इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इंडिया गठबंधन की ओर से पांच सूत्रीय मांगें भी देश के सामने रखीं।
इस दौरान अपने प्रभावशाली संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता देश, लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए एकजुट हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतंत्र नहीं चाहते, वे तानाशाही की विचारधारा के हैं। प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ चंद अमीरों का विकास चाहते हैं। आज लोकसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं हो रहे हैं। देश की जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर नेताओं और राजनीतिक दलों को डराया जा रहा है। भाजपा ने नेताओं को डरा-धमकाकर, खरीदकर सरकार बनाई। चुनाव के समय अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया गया। कांग्रेस पर हजारों करोड़ का जुर्माना लगा दिया गया,ताकि कांग्रेस चुनाव प्रचार न कर सके। चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर होना सबसे जरूरी है। खरगे ने कहा कि भाजपा-आरएसएस के लोग देश की आजादी के लिए कभी नहीं लड़े, वे सरकारी नौकरी करते थे। कांग्रेस के नेता देश को आजाद कराने के लिए लड़े और सूली पर भी चढ़े। आज लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए हमें लड़ना है। संविधान रहेगा, तभी जनता को अधिकार मिल पाएंगे।
जब तक देश से मोदी की विचारधारा नहीं हटेगी, तब तक देश में सुख-समृद्धि नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, किसानों की एमएसपी, जातिगत जनगणना, भाजपा के भ्रष्टाचार, देश के संविधान और लोकत्रंत को बचाने जैसे मुद्दों पर होगा। वहीं अपने ज़ोरदार संबोधन में राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 400 पार का नारा दिया है। लेकिन बिना ईवीएम, बिना मैच फिक्सिंग के भाजपा 180 सीटें भी पार नहीं कर सकती है। मोदी चाहते हैं कि विपक्ष चुनाव न लड़ पाए। कांग्रेस पार्टी के सभी बैंक खाते बंद कर दिए गए हैं। नेताओं को धमकाया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया गया। पैसे देकर सरकारें गिराई जा रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव आयोग में अपने लोग बैठाए हैं। न्यायपालिका पर दबाव डाला जा रहा है। ये सब इसलिए कि मैच फिक्स हो, संविधान रद्द किया जाए और नरेंद्र मोदी सत्ता में रहें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के चंद उद्योगपतियों के साथ मिलकर मैच फिक्सिंग करने का प्रयास कर रहे हैं।
मैच फिक्सिंग का एकमात्र लक्ष्य हिंदुस्तान की जनता के हाथ से संविधान छीनना है। भाजपा सांसद ने कहा कि जैसे ही हम 400 सीटें जीतेंगे, संविधान को बदल देंगे। राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन ये संविधान खत्म हो गया, उस दिन हिंदुस्तान नहीं बचेगा। संविधान ही हिंदुस्तान की जनता की आवाज है। दुनिया की कोई ताकत हिंदुस्तान की आवाज को नहीं दबा सकती है। राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से देश के किसानों, युवाओं, गरीबों और छोटे व्यापारियों का कोई फायदा नहीं हुआ। देश में 40 साल में आज सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। चंद लोगों के पास देश का पूरा धन है। जातिगत जनगणना, किसानों की एमएसपी, बेरोजगारी, महंगाई देश के सबसे बड़े मुद्दे हैं। देश की जनता को सावधान रहने की अपील करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर जनता ने पूरी ताकत से वोट नहीं किया तो भाजपा की मैच फिक्सिंग सफल हो जाएगी। मैच फिक्सिंग सफल होते ही संविधान खत्म हो जाएगा, गरीबों का हक, आरक्षण खत्म हो जाएगा। आम जनता का धन पांच-छह लोगों के हाथों में चला जाएगा। इसलिए ये चुनाव देश, संविधान और जनता के हक को बचाने का चुनाव है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इंडिया गठबंधन की ओर से पांच सूत्रीय मांगें भी देश के सामने रखीं। उन्होंने कहा, इंडिया गठबंधन की पहली मांग है कि भारत के चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए। दूसरी मांग है कि चुनाव आयोग को चुनाव में हेरा-फेरी करने के उद्देश्य से विपक्षी राजनीतिक दलों के खिलाफ आयकर विभाग, ईडी और सीबीआई द्वारा की जाने वाली बलपूर्वक कार्रवाई को रोकना चाहिए। तीसरी मांग है कि हेमंत सोरेन एवं अरविंद केजरीवाल जी की तत्काल रिहाई की जाए। चौथी मांग है कि चुनाव के दौरान विपक्ष के राजनीतिक दलों का आर्थिक रूप से गला घोंटने की जबरन कार्रवाई तुरंत बंद होनी चाहिए। पांचवी मांग है कि इलेक्टोरल बॉन्ड का उपयोग करके भाजपा द्वारा बदले की भावना, जबरन वसूली और धनशोधन के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी गठित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन द्वारा पैदा की गई अलोकतांत्रिक बाधाओं के बावजूद इंडिया गठबंधन लड़ने, जीतने एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए दृढ़ और आश्वस्त है। इस दौरान प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े, तो उनके पास सत्ता नहीं थी, उनके पास संसाधन नहीं थे। लेकिन भगवान राम के पास सत्य, आशा, आस्था, प्रेम, परोपकार, विनय, धीरज, साहस था। वह प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहती हैं कि सत्ता हमेशा किसी के पास नहीं रहती, सत्ता आती-जाती रहती है और फिर अहंकार चूर-चूर हो जाता है। इंडिया गठबंधन की इस रैली में सोनिया गांधी, शरद पवार, मुख्यमंत्री भगवंत मान, मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, तेजस्वी यादव, सीताराम येचुरी, फारूक अब्दुल्ला, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य, महबूबा मुफ्ती, डेरेक ओ ब्रायन, कल्पना सोरेन, तिरुचि शिवा, सुनीता केजरीवाल, देवराजा, थिरु थोल, खुर्रम अनीस उमर समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
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