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लोकसभा में बोले राहुल- मोदी सरकार ने पूरे हिंदुस्तान को चक्रव्यूह में फंसाया

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि कुरुक्षेत्र की लड़ाई में जिस तरह अभिमन्यु को फंसाया था, उसी तरह इस 21वीं सदी में पूरे हिंदुस्तान को चक्रव्यूह में फंसा दिया गया है। इस दौरान नेता विपक्ष ने अपने धारदार भाषण में बजट की कई कमियों को रेखांकित किया। राहुल गांधी ने कहा कि जिस तरह से महाभारत के कुरुक्षेत्र में कौरवों ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाया था, उसी तरह से देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, मध्यम और लघु उद्योगों को भी चक्रव्यूह में धकेला गया है। उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले अभिमन्यु को चक्रव्यूह में छह लोगों ने मारा था। 21वीं सदी में एक और चक्रव्यूह तैयार किया गया है। जो अभिमन्यु के साथ हुआ, वही हिंदुस्तान के साथ किया जा रहा है। आज भी चक्रव्यूह के बीच में छह लोग हैं। ये छह लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अडानी और अंबानी हैं।  भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वह कमल जैसा दिखता है। उन्होंने कहा कि मोदी अपने सीने पर कमल का चिन्ह धारण करते हैं। आज 21वीं सदी का कमल के आकार का चक्रव्यूह हिंदुस्तान को फंसा रहा है और इसे छह लोगों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। इस आधुनिक चक्रव्यूह ने हमारे युवाओं को बेरोजगारी और पेपर लीक के चक्रव्यूह में फंसा दिया है। किसान कर्ज के चक्रव्यूह, मध्यम वर्ग कर के चक्रव्यूह, एमएसएमई कर आतंकवाद के चक्रव्यूह, जवान अग्निपथ के चक्रव्यूह, एससी-एसटी-ओबीसी- अल्पसंख्यक अन्याय के चक्रव्यूह में फंस गए हैं। उन्होंने कहा कि चक्रव्यूह बनाने वालों को गलतफहमी है। उन्हें लगता है कि देश के युवा और पिछड़े लोग अभिमन्यु हैं। लेकिन वे अभिमन्यु नहीं हैं, अर्जुन हैं, जो आपका चक्रव्यूह तोड़कर फेंक देंगे। राहुल गांधी ने कहा कि इंडिया गठबंधन गारंटीड लीगल एमसपी और जाति जनगणना इस सदन में पास करेगी।राहुल गांधी ने शिक्षा के लिए बजट का मात्र ढाई प्रतिशत आवंटन करने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पिछले 20 वर्षों में सबसे कम है। उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्री जी ने बजट में इंटर्नशिप कार्यक्रम की बात की। ये एक मजाक है, क्योंकि उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप प्रोग्राम देश की 500 बड़ी कंपनियों में होगा। 99 प्रतिशत युवाओं का इस कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। सच्चाई ये है कि सरकार ने बेरोजगारी और पेपर लीक का चक्रव्यूह बना दिया है। युवाओं के लिए पेपर लीक आज सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन बजट में इसकी बात नहीं की गई। इसके उलट सरकार ने शिक्षा का बजट घटा दिया है। बजट ने देश भर के लोगों की आशाओं और अपेक्षाओं को धोखा दिया है। देश का मध्यम वर्ग शायद इस बजट से पहले प्रधानमंत्री का समर्थन करता था। कोरोना में जब प्रधानमंत्री ने मध्यम वर्ग से थाली बजाने और मोबाइल की लाइट जलाने के लिए कहा, तो उन्होंने ये सब किया। लेकिन इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडेक्सेशन लाभ हटाने और कैपिटल गेन्स टैक्स बढ़ाकर मध्यम वर्ग के लोगों पर ही प्रहार किया है। राहुल गांधी ने भागीदारी न्याय का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 20 अफसरों ने मिलकर हिंदुस्तान का बजट बनाया है, जिसमें सिर्फ एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी है। बजट का हलवा बंट रहा है, लेकिन इसे बांटने वाले 20 अफसरों में देश की 90 प्रतिशत आबादी में से सिर्फ दो अफसर हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर शहीद अग्निवीर को मुआवजे के मामले में सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह ने दावा किया था कि अग्निवीर को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है, जबकि वास्तव में यह राशि बीमा से दी गई थी। उन्होंने कहा कि सेना के जवानों को मोदी सरकार ने अग्निवीर के चक्रव्यूह में फंसा दिया है। बजट में अग्निवीरों की पेंशन के लिए एक रुपया नहीं है। मोदी सरकार खुद को देशभक्त कहती है, लेकिन जब अग्निवीरों की मदद और जवानों को पैसा देने की बात आती है, तो बजट में एक रुपया नहीं दिखता।किसानों के मुद्दे उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार में किसानों के लिए तीन काले कानून, कमजोर जमीन अधिग्रहण बिल और फसलों की कम कीमत जैसे चक्रव्यूह बनाए गए। इस चक्रव्यूह से निकलने के लिए किसानों ने सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी मांगी। लेकिन मोदी सरकार ने किसानों को बॉर्डर पर रोक दिया और उनसे बात करने को तैयार तक नहीं हुए। इंडिया गठबंधन की तरफ से देश के किसानों से कहना चाहता हूं कि हम किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देंगे। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना देश की 90 प्रतिशत आबादी से संबंधित है। जाति जनगणना से देश बदल जाएगा। उन्होंने खेद जताया कि वित्त मंत्री ने संसद में उनके द्वारा इस मुद्दे को उठाते समय इसका मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया से ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर भाजपा की मानसिकता, सोच और इरादे का पता चलता है।उन्होंने कहा कि इस बजट का एकमात्र उद्देश्य बड़े व्यवसायों, व्यवसाय के एकाधिकार और राजनीतिक एकाधिकार के ढांचे को मजबूत करना है, जो लोकतांत्रिक संरचनाओं को नष्ट कर देता है। इस चक्रव्यूह ने नोटबंदी, जीएसटी और कर आतंकवाद के जरिए एमएसएमई पर हमला किया है। सत्ता पक्ष पर तीखा हमला करते हुए गांधी ने कहा कि देश में भय का माहौल है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग इतने डरे हुए हैं कि एक व्यक्ति के अलावा कोई और प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देख सकता।

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