संवाददाता, दिल्ली : दिल्ली आने वाली ट्रेनों के आउटर सिग्नल पर रूकने की समस्या खत्म होने वाली है। इसके लिए सबसे व्यस्त दो रूटों पर रेलवे लाइनों को बढ़ाया जाएगा। साथ ही ट्रैक और सिग्नलिंग सिस्टम को भी बड़े स्तर पर बदला जाएगा, ताकि ट्रेनों को और अधिक सुरक्षित तरीके से चलाया जा सके। दिल्ली डिविजन के डीआरएम अरुण अरोड़ा ने बताया
कि बजट में दिल्ली के लिए 444 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इससे तीन बड़े काम होने हैं। इनमें सबसे अधिक 159 करोड़ रुपये रेलवे ट्रैक को नया करने के लिए दिए गए हैं। अब उन तमाम लाइनों को नया करने का काम शुरू किया जाएगा, जिनमें क्रैक होने की थोड़ी भी गुंजाइश है। इसी तरह से ट्रैफिक सिस्टम के लिए 144 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इनमें आधुनिक सिग्नल सिस्टम लगाने का काम किया जाएगा। इनमें कोहरे के दौरान ट्रेन ट्रैफिक को और अधिक टाइम से चलाने के लिए भी सिस्टम को लगाया जाएगा। रेलवे ने बताया कि कई जगह लाइनों को डबल किया जाना है। दयाबस्ती में 47 करोड़ रुपये खर्च करके ग्रेड सेपरेटर बनाया जाएगा। अभी सोनीपत-पानीपत-अंबाला और शकूरबस्ती-रोहतक-भंटिडा वाले रूट दयाबस्ती में आकर आपस में एक-दूसरे को क्रॉस करते हैं। ऐसे में एक रूट पर जब ट्रेनें होती हैं, तो दूसरे रूट पर उन्हें रोका जाता है। ऐसे में यहां इन लाइनों के ऊपर से एक नई लाइन बनाई जाएगी। इसके बाद फिर एक रूट नीचे से चलता रहेगा तो दूसरा फ्लाईओवर के रूप में बनाई गई नई रेल लाइन से ट्रेनें चलती रहेंगी।
इसी तरह से अभी नई दिल्ली आते वक्त अधिकतर ट्रेनों को आनंद विहार, तिलक ब्रिज और तुगलकाबाद आउटर सिग्नल पर रोक लिया जाता है। लाइनें कम होने की वजह से ट्रेन स्टेशन तक नहीं पहुंच पाती हैं। इस समस्या को दूर करते हुए नई दिल्ली से तिलक ब्रिज के बीच दो और लाइनें बनाई जाएंगी। इसके बीच में अभी चार लाइनें हैं। आनंद विहार से तिलक ब्रिज के बीच भी अभी जो दो लाइनें हैं, उन्हें बढ़ाकर चार किया जाएगा। तुगलकाबाद से पलवल के बीच भी एक नई लाइन बिछाई जाएगी। इसके बाद फिर बाहर से आने वाली ट्रेनों को आउटर पर रुकने की जरूरत नहीं होगी।