जूही खान : जयपुर। परिवहन विभाग द्वारा मंगलवार को राजस्थान पुलिस अकादमी में नौ जिलों के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के लिए पांच दिवसीय सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ। यह प्रशिक्षण जोधपुर, पाली, अजमेर, टोंक, कोटा, राजसमन्द, सिरोही, डूंगरपुर, बारां जिलों के कुल 215 शिक्षकों को प्रदान किया जा रहा है। परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की प्रभारी परिवहन उपायुक्त श्रीमती निधि सिंह ने बताया कि यह प्रशिक्षण विभाग द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना 2016-17 के अन्तर्गत सेंटर फोर रोड सेफ्टी, सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय, जोधपुर के माध्यम से एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। श्रीमती सिंह ने बताया कि वर्ष 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी किए जाने का लक्ष्य है जिसके लिए विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा से जोड़ना जरूरी है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सरकारी विद्यालयों के शिक्षक “सड़क सुरक्षा” विषय में प्रशिक्षक के रूप में तैयार होंगे और विद्यार्थियों को जागरूक करेंगे। शिक्षा विभाग ने भी विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए कक्षा 6 से 10 तक के पाठ्यक्रम में इस विषय को सम्मिलित किया है और परीक्षा में भी इस विषय पर आधारित प्रश्नों को शामिल कर लिया गया है। सेंटर फॉर रोड सेफ्टी की सेंटर को ऑर्डिनेटर प्रेरणा सिंह ने बताया कि प्रतिभागियों को वाहन तकनीक, मोटर वाहन अधिनियम, लाइसेंस प्रणाली, सड़क दुर्घटना में न्यूरो एवं मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं और दुर्घटना के बाद प्राथमिक सहायता एवं सीपीआर जैसे विषयों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जा रही है।
प्रशिक्षण के पहले दिन सड़क उपयोगकर्ता के व्यवहार, अनुशासन, सम्मान के बारे में चर्चा की गई। भारत और विदेशों के सड़क उपयोगकर्ता की संस्कृति में अंतर को स्पष्ट करते हुए विडियो के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को प्रदर्शित किया गया। दुर्घटनाओं को रोकने में शिक्षकों की विशेष भूमिका पर भी चर्चा की गई ताकि वे बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारें में बेहतर ज्ञान उपलब्ध करा सकें और भविष्य में आदर्श सड़क उपयोगकर्ता तैयार हो सकें।
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