अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए शिवसेना और कांग्रेस द्वारा सत्ता का दुरूपयोग कर हनुमान चालीसा का पाठ करने और निष्पक्ष पत्रकारिता करने वालों पर राजद्रोह का मुकदमा दायर करने के मामले को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। साथ ही, प्रियंका वाड्रा गांधी की एक पेंटिंग को जबरन दो करोड़ रुपये में बेचे जाने का मामला उठाते हुए उन्होंने कहा कि “पेंटिंग बेचना तो बहाना है असल में भ्रष्टाचार में नहाना है।“भाटिया ने सवाल उठाया कि कांग्रेस पार्टी देश में किस तरह की राजनीति करवा रही है? क्या देश में हुनमाल चालीसा का पाठ करना राजद्रोह है? क्या निष्पक्ष एवं निर्भीक पत्रकारिता करना राजद्रोह है?
अशोक गहलोत की नेतृत्व वाली राजस्थान की कांग्रेस सरकार अलवर के राजगढ़ में मंदिर पर बुलडोजर चलावा देती है और संप्रदायिक राजनीति को उजागर करने वाले ईमानदार, निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकार अपनी रिपोर्ट दिखाता है तो उन पर राजद्रोह का मुकदमा दायर की जाती है। मुम्बई में सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा द्वारा जब हनुमान चालीसा पाठ करने की घोषणा की जाती है तो उद्धव ठाकरे की सरकार उन पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करती है। शिवसेना और कांग्रेस पार्टी सत्ता का दुरूपयोग कर लोगों को प्रताड़ित कर रही है। चाहे केन्द्र हो या राज्य, जहां भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है वहां संविधान की रक्षा और कानून का पालन करते हुए अपराधियों को सजा दिलायी जाती है। किन्तु कांग्रेस पार्टी दोहरे चरित्र वाली “विचित्र पार्टी” है। कांग्रेस पार्टी आज सत्ता में रहकर आईपीसी में उल्लेखित राजद्रोह की धाराओं का दुरूपयोग कर रही है जबकि लोकसभा चुनाव 2019 के पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) को हटाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इस धारा का दुरूपयोग किया जाता है, अतः इसे हटा दिया जाना चाहिए।
एकतरफ कांग्रेस राजद्रोह की धारा हटाने की बात करती है दूसरी ओर एक निर्भीक पत्रकार, एक सांसद नेत्री और एक विधायक पर राजद्रोह का आरोप लगाकर कार्रवाई कर रही है। केन्द्र या प्रदेश में जहाँ भी कांग्रेस सत्ता में रही है तो उनकी सरकार द्वारा संविधान का उल्लंघन करते हुए सत्ता का दुरुपयोग ही करती आई है। शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की विचाराधारा का जिक्र करते हुए भाटिया ने कहा कि श्रद्धेय बाला साहेब ठाकरे जी जहां भी होंगे उन्हें बहुत कष्ट हुआ होगा, क्योंकि हनुमान चालीसा का पाठ करने पर राजद्रोह की धारा लगा दी गयी। एक पार्टी जीवंत तबतक रहती है जबतक उसकी विचारधारा मजबूत हो। किन्तु आज महाराष्ट और राजस्थान में अराजक तत्व हावी हो गए है, क्योंकि ये लोग आम जनता से कट गए हैं। इन्हें सिर्फ वसूली करना है, इसलिए इनका नाम वृहत वसूली अघाड़ी हो गया है। उन्होंने कहा कि अराजकता की आलम यह है कि भाजपा नेता नारायण राणे के बयान के बाद शिवसैनिकों ने गुंडगर्दी की। शिवसैनिकों द्वारा कुछ माह पूर्व, मुम्बई में नौसेना के पूर्व अधिकारी के साथ मारपीट की गयी। राजस्थान के करौली में हिन्दू नववर्ष मनाने पर पत्थरबाजी होती है और उसका मुख्य आरोपी मतलूब अहमद आजतक यानी 21 दिन होने पर भी गिरफ्तार नहीं हुआ। कांग्रेस के हिन्दू विरोधी अभियान में शिवसेना की संलिप्तता पर तंज कसते हुए भाटिया ने कहा कि यह दर्शाता है कि किस तरह से खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है। अब वे भी हुनमान चालीसा
और हिन्दुओं की आस्था से नफरत करने लगे है जो बाला साहब ठाकरे के विचारधारा को लेकर चलने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि आज देश सवाल पूछ रहा है कि आईपीपीसी की धारा 153(ए) धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान, निवासस्थान, भाषा इत्यादि के आधार पर सामाजिक सौहार्द्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वालों पर कार्रवाई करने की बात करता है तो क्या हनुमान चालीसा का पाठ करना इसके तहत आएगा? यह कानून की कैसी व्याख्या है? भाटिया ने कहा कि भाजपा जिन जिन राज्यों में विपक्ष में है, वहां लोकतंत्र और जनता की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई लोकतंत्र और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का कोई गला नहीं घोंटे। बीती रात मुम्बई में भाजपा नेता किरीट सोमैया पर हमला किया गया है, जो निन्दनीय है और जिसका लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। महाराष्ट्रमें वृहत वसूली सरकार और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार हताशा में अराजकता की राजनीति का सहारा ले रही है। प्रियंका वाड्रा गांधी द्वारा यश बैंक के पूर्व निदेशक को जबरन दो करोड़ रूपये में एक पेंटिंग बेचने के
मसले पर भाटिया ने कहा कि एक बार फिर कहना गलत नहीं होगा कि “कांग्रेस का हाथ भ्रष्टाचार के साथ।“ जनता की गाढ़ी कमाई बैंक में जाने के बाद उसके बाद उसे एक आपराधिक साजिश के तहत गाँधी परिवार तक पहुंचाया जाता था। ऐसा लगता है, कांग्रेस का मूलमंत्र है “आम जनता त्रस्त और गांधी परिवार मस्त।“ ईडी के समक्ष यश बैंक के पूर्व निदेशक राणा कपूर का बयान दर्शाता है कि किस तरह से अभियुक्त के नहीं चाहने पर भी दो करोड़ में एक पेंटिंग्स खरीदने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मंत्रियों द्वारा उनपर दबाव बनाये गए और कहा गया कि अगर आपने दो करोड़ रुपये में प्रियंका वाड्रा गांधी की पेटिंग्स खरीदी तो पद्मभूषण दिए जायेंगे। भाटिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाने वालों का उत्साह बढ़ाने के लिए उन्हें पद्म सम्मान से सम्मानित करते हैं और इस माध्यम से यह बताने की छोटी सी कोशिश होती है कि उनकी भूमिका के प्रति देश ऋणी है। जबकि गांधी परिवार पद्म अवार्ड का लुभावना ऑफर देकर खरीद फरोख्त की राजनीति करती थी। भाटिया ने कहा कि
पेटिंग खरीद का रुपया प्रियंका वाड्रा गांधी को बैंकिंग ट्रांजेक्शन के माध्यम से दिया गया है। पूरा देश सवाल पूछ रहा है कि प्रियंका वाड्रा गाँधी या वाड्रा कांग्रेस बताये कि क्या आप कोई पेंटिंग्स 2 करोड़ रुपये में दबाव बनाकर ऐसे अभियुक्त को बेची थी या नहीं बेची थी? चौबीस घंटे के अन्दर प्रियंका वाड्रा गांधी अपनी चुप्पी तोड़कर पेंटिंग खरीद की सच्चाई सार्वजनिक करें अन्यथा निष्कर्ष यही निकालेगा कि इस भ्रष्टाचार में गांधी परिवार का हाथ है।
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