अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा;यमुना प्राधिकरण ने नए सेक्टर के डेवलपमेंट के लिए बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजनाएं तैयार की हैं जिनको पूरा करने के लिए इस वित्तीय वर्ष के लिए 9992 करोड़ का मेगा बजट तैयार किया है.यह बजट पिछले साल के बजट 5630 करोड़ का दोगुना है। कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स में हुई वृद्धि के कारण रेजिडेंशियल, कमर्शियल, इंडस्ट्रियल, इंस्टीट्यूशन और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी के आवंटन के रेट में बढ़ोतरी की गई है। जेवर एयरपोर्ट के लिए 70200 लाख और मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए 30000 लाख का बजट रखा गया है। बोर्ड बैठक के बाद यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ये जानकारी दी। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि 80वी बोर्ड बैठक में 9992 करोड़ का मेगा बजट पास किया गया है। वर्ष 2024 25 के लिए बोर्ड बैठक में पास किए गए बजट का 6063 करोड़ों भूमि अधिग्रहण के लिए खर्च किया जाएगा। जबकि 2000 करोड़ रुपए सेक्टर के डेवलपमेंट पर खर्च किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यमुना प्राधिकरण ने नए सेक्टरों के डेवलपमेंट के लिए बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजना तैयार की है नए-नए जो इनोवेटिव सेक्टर आ रहे हैं जिसमें सेमीकंडक्टर, डाटा पार्क शामिल है. इनके वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक के लिए आठ नए सेक्टर का लैंड एक्विजिशन किया जा रहा है. नया लैंड बैंक बनाया जा रहा है. विभिन्न कलस्टरों के बनने के कारण अलीगढ़ के टप्पल में भी 17 से 20 एकड़ लैंड ले रहे हैं जिसकी प्रक्रिया चल रही है इसलिए इस साल का बजट बहुत बड़े साइज का बनाया गया है। यमुना प्राधिकरण ने कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स में हुई 5.4% वृद्धि के कारण रेजिडेंशियल कमर्शियल इंस्टीट्यूशन और इंडस्ट्री के प्रॉपर्टी आवंटन और बीड के दरों में वृद्धि की है, जिसके कारण यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन खरीदना अब महंगा हो गया है। अरुणवीर सिंह का कहना है कि कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के कारण की गई ये वृद्धि न्यूनतम है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जेवर एयरपोर्ट के लैंड एक्विजिशन के लिए 700 करोड़ और मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए जो रैपिड रेल गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक आ रही है उसके लिए 300 करोड़ बजट में प्रावधान किया गया है. रेजिडेंशियल सेक्टर की सुविधा के लिए फल सब्जी और दूध के 21 बूथ लाने का निर्णय लिया है. रजिस्ट्री के बारे में जानकारी देते हुए अरुणवीर सिंह ने कहा कि हमारे वहां 9 बिल्डर हैं इन सभी को पत्र दे दिया गया है, उनमें से चार ने अपनी सहमति दी है हमारे यहां रजिस्ट्री के 5000 से ज्यादा केस पेंडिंग नहीं है।
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