अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और साइबर अपराध शाखा की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सॉफ्टवेयर के जरिये रेलवे की फर्जी आईडी बनाकर एक्सप्रेस ट्रेनों के नकली ई-टिकट बेचने के गिरोह का खुलासा करते हुए एक साइबर कैफे के संचालक को गिरफ्तार किया है. आरपीएफ की टीम ने 15 नकली टिकट, 6220 रुपये, कंप्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर, मॉनिटर, की-बोर्ड, जिओ वाईफाई डोंगल, डेबिट-क्रेडिट कार्ड की स्वाइप मशीन आदि सामान बरामद किया गया है।
रेलवे के अधिकारियों को लगातार नकली ई-टिकट बेचने की शिकायत मिल रही थी। आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक एसके वर्मा ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि ग्रेटर नोएडा के दादरी के गांव समाधि पुर में रीवा इंटरनेट के नाम से चल रहे साइबर कैफे से ये नकली ई-टिकट बेचने धंधा किया जा रहा था, कैफे संचालक के नकली ई-टिकट बेचने की जानकारी होने पर टीम ने ग्राहक बनकर जांच की। आरोपी ने बातचीत के बाद ई-टिकट बनाकर दी। जिसके बाद आरपीएफ और साइबर अपराध शाखा की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए छापा मारा कर साइबर कैफे के संचालक रटीपाल को गिरफ्तार किया है. आरपीएफ की टीम ने 15 नकली टिकट, 6220 रुपये, कंप्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर, मॉनिटर , कीबोर्ड, जिओ वाईफाई डोंगल, डेबिट-क्रेडिट कार्ड की स्वाइप मशीन आदि सामान बरामद किया गया है। एसके वर्मा ने बताया कि जांच में पता चला कि रेलवे के अधिकृत एजेंट की दो व्यक्तिगत यूजर आईडी बनाकर सॉफ्टवेयर से नकली ई-टिकट बनाकर बेची जा रही हैं। आरोपी लगभग दो साल से फर्जीवाड़ा कर सैकड़ों यात्रियों को टिकट बेच चुका है। हालांकि, अभी दो माह का डाटा ही टीम को मिला है। यात्रियों से टिकट के बदले 150-200 रुपये अधिक लेता था। इससे भारतीय रेल को राजस्व का नुकसान भी हो रहा था। रेलवे एक्ट की धारा-143 के अंतर्गत केस दर्ज कर आरपीएफ की टीम अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।