अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिलाधीश डा यश गर्ग द्वारा मंगलवार को संशोधित कंटेनमेंट जोन आदेश जारी किए गए जिसके अनुसार गुरूग्राम जिला में अब 7 पीएचसी व यूपीएचसी क्षेत्रों में 26 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कंटेनमेंट पुनरीक्षण समिति की संस्तुति पर जिलाधीश ने कंटेनमेंट के जो नए आदेश जारी किए हैं उसमें सबसे ज्यादा 7 कंटेनमेंट जोन बादशाहपुर पीएचसी क्षेत्र में बनाए गए हैं तथा एक जोन पीएचसी वजीराबाद, 5 यूपीएचसी चंद्रलोक, 6 यूपीएचसी तिगड़ा, 2 यूपीएचसी फाजिलपुर तथा 2 पीएचसी गढ़ी में बनाया गया है। आदेशों में कहा गया है कि यदि इन क्षेत्रों में कोई भी नया पॉजिटिव केस नहीं आता है तो 14 दिन की अवधि के बाद कंटेनमेंट जोन स्वतः ही उस श्रेणी से बाहर माना जाएगा।
आदेशों में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में आम जनता के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा और केवल आवश्यक सेवाएं तथा आपातकालीन स्थिति में आवागमन की अनुमति होगी। पूरे कंटेनमेंट जोन को सील किया जाएगा। एसडीएम गुरुग्राम तथा एसडीएम बादशाहपुर अपने – अपने क्षेत्र के एसीपी या एसएचओ से तालमेल करके कंटेनमेंट जोन क्षेत्र की सीमाएं तय करते हुए उसमें प्रवेश तथा निकासी के स्थानों को चिन्हित करेंगे। साथ ही एसडीएम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि इन क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं तथा आपात कालीन आवागमन के लिए अधिकृत व्यक्तियों को पास आदि जारी किए जाएं।इन कंटेनमेंट जोन क्षेत्रों में सिविल सर्जन गुरूग्राम द्वारा डोर टू डोर स्क्रीनिंग अथवा थर्मल स्कैनिंग के लिए पर्याप्त संख्या में टीमें लगाई जाएंगी। ये टीमें सिविल सर्जन की देख-रेख में काम करेंगी तथा इन क्षेत्रों में लगाए जाने वाले स्टाफ को अपनी सुरक्षा के लिए पीपीई उपकरण आदि दिए जाएंगे। गुरूग्राम महानगर सिटी बस लिमिटिड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा हरियाणा राज्य परिवहन गुरूग्राम के महाप्रबंधक को आदेश दिए गए हैं कि वे क्रमशः 4 और 2 बसंे अर्थात् कुल 6 बसंे स्वास्थ्य विभाग की स्क्रीनिंग टीमों को अस्पताल से कंटेनमेंट जोन पहुंचाने तथा वापस लाने के कार्य में लगाएंगे। संबंधित एसडीएम को उनके कार्यक्षेत्र में पड़ने वाले कंटेनमेंट जोन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, आदेशों में कहा गया है कि संबंधित कंटेनमेंट जोन के कलस्टर प्रभारी उस क्षेत्र मंे इंसीडेंट कमांडर के तौर पर राहत कार्यों की देखरेख करेंगे। इंसीडेंट कमांडर एसओपी के अनुसार काम करेंगे।आदेशों में सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन सही ढंग से करेंगे अन्यथा उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 51 से 60 के अंतर्गत सख्त कार्यवाई की जाएगी।
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