अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:मजदूरों और कर्जदाताओं को पैसा न देना पड़े, इस लिए आरोपित ने रची थी लूट की झूठी साजिश,असल में शख्स ने बैंक से 4 लाख 40 हजार रूपए निकलवाए थे और उस रकम को अपने छोटे भाई की पत्नी को दे दिया। इसके बाद ये लूट की वारदात की सूचना पुलिस को दी,इसके बाद उसके बताए गए सभी पहलुओं पर पुलिस के काम करने के बाद, ये मामला झूठा निकला। पुलिस ने शख्स से सख्ती से पूछताछ की तो उसने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया और पुलिस ने उसकी निशानदेही 4 लाख 40 हजार रुपए बरामद कर लिया। अब पुलिस को झूठी शिकायत देने का मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक आज लगभग 11.50 एएम पर कमल सिंह नामक एक शख्स ने गुरुग्राम पुलिस को सूचना दी कि आज वह इंडियन बैंक सेक्टर-5 गुरुग्राम से 4,40,000 रुपये निकलवाकर अपनी गाड़ी न.एचआर-26 EJ 6626 में सवार होकर नोएडा जा रहा था। जब वह झाड़सा फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पल्सर बाइक पर सवार होकर आए तीन नौजवान लड़को ने गन पॉइंट पर 4,40,000 रुपये छीन लिए । इस सूचना पर थाना सिविल लाइन के एसएचओ पंकज कुमार अपनी टीम के साथ तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे। डीसीपी वेस्ट रविंद्र तोमर, एसीपी सिटी राजेंद्र सिंह, अपराध शाखा , सेक्टर -31 व उप-निरीक्षक गुणपाल अपराध शाखा से.-40 गुरुग्राम भी घटनास्थल पर पहुँचे तथा मामले को सुलझाने के लिए 3 टीमें गठित की गई। पुलिस टीमों ने शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए घटना की सच्चाई जानने हेतु घटना स्थल व आसपास के लगभग 100 सीसीटीवी कैमरों को चेक किया। शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए घटनाक्रम व सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से मामला संदेहजनक पाया गया। शिकायतकर्ता कमल सिंह से सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गहनता से पूछताछ करने पर शिकायतकर्ता ने बताया कि वह लेबर कॉन्ट्रैक्टर है तथा उसे नोएडा मे लेबर को रुपये देने थे। इसके अतिरिक्त उसके ऊपर काफी कर्ज हो गया था। इसलिए उसने लूट का नाटक रच दिया तथा सोचा की यदि इस वारदात को सही साबित कर दूंगा तो लेबर व ऋणदाताओं के रुपये नही देने पड़ेंगे। इसी योजना के अनुसार उसने उसके साथ लूट होने की झुठी कहानी रची थी। उसने बताया कि बैंक से रुपये निकलवाकर उसने सारी रकम अपने छोटे भाई की पत्नी को उसके घर पर राजेंद्र पार्क गुरुग्राम में दे दिए थे। पुलिस टीम द्वारा शिकायतकर्ता के भाई के घर से 4,40,000/- रुपये बरामद कर लिए हैं। कमल के विरुद्ध थाना सिविल लाईन में पुलिस को झुठी सुचना देने के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 182 IPC के अनुसार कार्रवाई की जा रही है जिसे शीघ्र अति न्यायालय में दिया जाएगा ।
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