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अपराध दिल्ली

44 एटीएम मशीन में 2,22,54,300 करोड़ रुपए भरने के लिए दिया गया था,लेकर हुआ फरार,आरोपित को पुलिस ने किया।  

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच, सेंट्रल रेंज की टीम ने आज पांच साल पुराने मामले में एक आरोपित को अरेस्ट किया हैं। अरेस्ट किये गए आरोपित  मोहम्मद कादिर , उम्र 28 साल , निवासी आदिल नगर, गाने का पुरवा , लखनऊ , उत्तर प्रदेश हैं। इस आरोपित पर  ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का 2,22,54,300  करोड़ रूपया  राशि गबन करने का आरोप हैं। ये रकम को एटीएम में उपलब्ध कराना था। 

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक वर्ष 2018 में, ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जनकपुरी, दिल्ली के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता संदीप जांगड़ा की शिकायत पर पीएस आर्थिक अपराध शाखा , दिल्ली में 2,22,54,300  रुपये की राशि के गबन के संबंध में आपराधिक विश्वासघात का मामला दर्ज किया गया था। आरोपित ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के एटीएम में रकम भरने के लिए कैश के कस्टोडियन के रूप में काम कर रहा था। दिनांक 23. 02.2018 को अचानक आरोपित  बिना कंपनी को बताए गायब हो गया। जब नकद शेष की पूछताछ की गई, तो यह पाया गया कि आरोपित  मो. अब्दुल कादिर द्वारा 2,22,54,300/- रुपये की राशि का गबन किया गया था। आरोपित  ने अपना पता कंपनी जे-एक्सटेंशन, फिरदोज मस्जिद, किशन कुंज, थाना शकरपुर, दिल्ली के पास दिया, जहां वह किराए पर रहता था। पुलिस ने आरोपित की तलाश की लेकिन वह पकड़ा नहीं जा सका। इस प्रकार उन्हें सुश्री पूजा तलवार, सीएमएम पश्चिम जिला, तीस हजारी न्यायालय के आदेश दिनांक 30.08.2019 द्वारा घोषित अपराधी घोषित किया गया था।

पूछताछ:
         
पूछताछ के दौरान आरोपित  मो. अब्दुल कादिर निवासी आदिल नगर, गाने का पुरवा,लखनऊ, उत्तर प्रदेश ने खुलासा किया कि वह वर्ष 2014 के अंत में ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में शामिल हो गया था। उसे 42 एटीएम में नकद राशि भरने का काम सौंपा गया था। उसने यह भी खुलासा किया कि उसने एटीएम में पूरी राशि नहीं भरी और कथित नकदी राशि का गबन किया।

अभियुक्त का प्रोफाइल:
आरोपित मो. अब्दुल कादिर निवासी आदिल नगर, गनेका पुरवा, लखनऊ, उत्तर प्रदेश। उसने 10वीं तक ही पढ़ाई की थी। वह 2014 में दिल्ली आया और ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जनकपुरी दिल्ली में नकदी के संरक्षक के रूप में कार्यरत हो गया। अपराध करने के बाद, वह भाग गया और पांच साल से अपनी गिरफ्तारी से बच रहा था। इस दौरान आरोपित दिल्ली से गोरखपुर से लखनऊ होते हुए ठिकाने बदलता रहा। आरोपित  ने अपना सही पता और संपर्क नंबर कंपनी या उस जगह को नहीं बताया जहां वह काम करता है। वह अपने दोस्तों या अपने साथ काम करने वाले के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करता था। आरोपित फिलहाल लखनऊ में एक रेस्टोरेंट में काम कर रहा था, जब उसे पकड़ा गया।

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