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अपराध गुडगाँव

आरटीआई एक्टिविस्ट हरिंद्र धींगड़ा व उसके परिजनों पर बैंकों के 15 करोड़ के फ्रॉड करने पर केस,बाप -बेटों को किया अरेस्ट

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गुरुग्राम:आरटीआई एक्टिविस्ट बताने वाले हरिंद्र धींगड़ा व उसके परिजनों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से जालसाजी, धोखाधड़ी करके बैंकों से 15 करोड़ रूपए के लोन लेने और लिए गए करोड़ों के लोन वापिस करने का एक मुकदमा डीएलएफ-फेस-1 थाना में मुकदमा दर्ज कर आरोपित हरेंद्र धींगड़ा ,तरुण धींगड़ा व प्रशांत धींगड़ा को अरेस्ट किए हैं। पुलिस की माने तो ये लोग आरटीआई के माध्यम से बिल्डर्स,सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर दवाब बनाकर अवैध तरीके से जमीनों पर कब्ज़ा करना और उनसे मोटी रकम ऐंठने का काम करते थे। 

पुलिस मुताबिक बीते 16 अप्रैल -2021 को गुरुग्राम पुलिस को एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई कि हरिन्द्र धींगड़ा, उसकी पत्नी पूनम धींगड़ा, उसके बेटे प्रशान्त धींगड़ा व तरुण धींगड़ा ने अपने प्लाॅट नम्बर- 7/डी.-4ए., डी.एल.एफ. फेस-1,गुरुग्राम पर वर्ष-2003 में अपनी कम्पनी M/s Elegance Fabrics Pvt. Ltd. के नाम से करोडों रुपये का लोन लेकर बैंक को लोन का पैसा ना देकर तथा उसी प्रोपट्री को दोबारा से ओरिएंटल बैंक कॉमर्स में Mortgage करके हरिन्द्र धींगड़ा के बेटे प्रशान्त धींगड़ा ने अपनी फर्म तरुण एक्सपोर्ट के नाम से करोडों का दोबारा से लोन ले लिया। इसके उपरान्त बैंकों से लिया गया। लोन का पैसा ना भरने की नीयत से बैंकों के साथ धोखाधडी व अदालतों में झूठी सूचना देकर जाली दस्तावेजों के आधार पर उपरोक्त प्लाॅट की हरिन्द्र धींगड़ा ने अपने दूसरे बेटे तरुण धींगड़ा व अपने पौत्र गर्व धींगड़ा पुत्र प्रशान्त धींगड़ा के नाम पर फर्जी तौर पर Transfer Deed in Blood relation कराकर आम जनता के करोडों रुपये बैंको से लोन के माध्यम से फ्रॉड किए है। पुलिस बतातें हैं कि इस प्रकरण को गंभीर ता लेते हुए इसकी जांच राजपत्रित अधिकारी द्वारा अमल में लाई गई। जांच के दौरान सामने आया कि हरिन्द्र धींगड़ा व उसकी पत्नी पूनम धींगड़ा ने वर्ष- 2001 मे प्रदीप कुमार से उपरोक्त प्लाॅट नम्बर 7/डी.-4ए., डी.एल.एफ. फेस-1, गुरुग्राम खरीदा था। इस प्रॉपर्टी में दोनों पति-पत्नी की आधी/आधी हिस्सेदारी थी।इसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक  के रिकार्ड अनुसार वर्ष- 2003 में पूनम धींगड़ा व उसके बेटे प्रशान्त धींगड़ा द्वारा अपनी कम्पनी M/s  Elegance Fabrics Pvt. Ltd के नाम से अलग-अलग प्रकार का लोन लिया और उसमें अपनी पर्सनल ग्रांटी रखी। उपरोक्त लोन व लोन एन. पी.ए. होने के बाद इस परिवार ने आपस में साजिश रचकर प्रशान्त धींगड़ा ने अपने माता-पिता (हरिन्द्र धींगड़ा व पूनम धींगड़ा) के खिलाफ लोक अदालत गुरुग्राम में उपरोक्त प्लाॅट के लिए  दावा डाल दिया। जिस पर बीते 27 नवंबर -2006 के लोक अदालत गुरुग्राम के आदेशा नुसार उपरोक्त प्लाॅट को समझौतें के आधार पर दोनों ने यह प्लाॅट अपने बेटे प्रशान्त धींगड़ा के नाम कर दिया। जिस पर प्लाॅट प्रशान्त धींगड़ा के नाम होने पर उसने उक्त प्लाॅट को ओरियंटल बैंक कॉमर्स  में Mortgage करके वर्ष- 2007 को अपनी फर्म तरुण एक्सपोर्ट के नाम करीब 8 करोड रुपये का लोन ले लिया। जो लोन ना भरने के कारण वर्ष- 2008 में एन.पी.ए. हो गया।
पुलिस की माने तो आरोपितों  द्वारा उपरोक्त दोनों बैकों के लोन को ना भरने पर बैंक द्वारा आरोपित  पक्ष को नोटिस भेजा गया। नोटिस मिलने के बाद आरोपित  ने आपस में मिलकर एक अन्य दावा गर्व धींगड़ा जो प्रशान्त धींगड़ा का बेटा है, के नाम से गुरुग्राम कोर्ट में डाल दिया। इसके बाद इन आरोपितों  ने मिलकर लोक अदालत के आदेश को रद्द कराने के लिए एक याचिका पंजाब & हरियाणा उच्च न्यायालय, चण्डीगढ में डाल दी। जिस पर उच्च न्यायालय के आदेश बीते 8 फ़रवरी -2016 को लोक अदालत गुरुग्राम के आदेश रद्द करते हुए यह प्लाॅट वापिस पति-पत्नी हरिन्द्र धींगड़ा व पूनम धींगड़ा के नाम पर आ गया। बैंकों द्वारा उपरोक्त प्लाॅट को attachment कराने की कार्रवाई  डीआरटी व  उच्च न्यायालय चण्डीगढ में विचारा धीन होने के बावजूद उपरोक्त सभी आरोपितों  ने मिलकर योजनाबद्ध  तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार करके झूठे तथ्यों के आधार पर हरिन्द्र धींगड़ा व पूनम धींगड़ा ने अपने दूसरे बेटे तरुण धींगड़ा व अपने पौत्र गर्व धींगड़ा पुत्र प्रशान्त धींगड़ा के नाम पर Transfer Deed in Blood relation करा दी। जिससे इनको बैंको का लोन ना भरना पडें और बैंक इनके प्लाॅट की निलामी भी ना करा सकें। पुलिस कहना हैं कि उपरोक्त परिवाद की जांच के दौरान यह सामने आया कि हरिन्द्र धींगड़ा ने अपनी पत्नी पूनम धींगड़ा व अपने दोनों बेटों प्रशान्त धींगड़ा, तरुण धींगड़ा व प्रशान्त धींगड़ा की पत्नी तानी धींगड़ा व अपने पौत्र गर्व धींगड़ा पुत्र प्रशान्त धींगड़ा के साथ मिलकर बडी चालाकी से आपस में साझ-बाझ होकर योजनाबद्ध  तरीके से बैंकों से करीब 15 करोड रुपये लोन के लेकर धोखाधड़ी करना पाया जाने पर उपरोक्त आरोपितों के विरुद्ध थाना डीएलएफ फेस-1, गुरुग्राम में भारतीय दंड सहिंता की उचित धाराओं 420,467,468,471,120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मुकदमा की गम्भीरता को देखते हुए मुकदमा के जांच हेतू एसीपी अपराध द्वितीय की देखरेख में एक विशेष जांच टीम का गठन किया जा चुका है। इस गठित की गई विशेष जांच  टीम द्वारा मुकदमा  का आगामी जांच अमल में लाया गया है। हरिन्द्र धींगड़ा जो अपने आपको एक RTI Activist बताता है। वह अपने साथी रविन्द्र यादव के साथ मिलकर RTI Act. का नाजायज फायदा उठाते हुए बैंकों,सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बनाने की नियत से आम जनता को सरकारी तन्त्र का भय दिखाकर उन पर दबाव बनाकर पैसें एठनें का काम करते है। इसके अलावा वर्ष- 2017 में हरिन्द्र धींगड़ा के विरुद्ध 186/506 /294 भा.द.स. का थाना सदर में एक मुकदमा दर्ज  किया गया। जिसमें आरोपित  हरिन्द्र धींगड़ा के विरुद्ध  कार्रवाई  करते हुए चालान न्यायालय में दिया जा चुका है। पुलिस कहना हैं कि आरटीआई के माध्यम से बिल्डर्स,सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बनाकर नाजायज तरीके से जमीनों पर कब्जा करना एवम् पैसें ऐठने का काम करते थे । आरोपित  हरिन्द्र धींगड़ा ने अपने साथी रविन्द्र यादव के साथ मिलकर डीएलएफ के प्लाॅटों पर नाजायज तरीके से कब्जा करने की शिकायत गुरुग्राम पुलिस को मिलने पर इनके कब्जा से डीएलएफ के दो बडें प्लाॅट जिस पर रविन्द्र यादव ने आरोपित  हरिन्द्र धींगड़ा के इशारे पर कब्जा कर रखा था, उसको छुडवाया गया। इसके अलावा आरोपित हरिन्द्र धींगड़ा का साथी रविन्द्र यादव जिसके खिलाफ भी मारपीट करने, महिला के साथ छेडछाड करने व गाली-ग्लौच करने, डीएलएफ फेस-1 की जनता को भय दिखाने उनके साथ गाली-ग्लौच करने, हथियार दिखाने व जान से मारने की धमकी देने के सम्बन्ध में अलग-अलग धाराओं में पहले से ही मुकदमा दर्ज  है। यह भी ज्ञात हुआ है कि आरोपित हरिंद्र धींगड़ा उपरोक्त अपने कई अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर आम जनता को आरटीआई एक्ट  का भय दिखाकर  परेशान करता है एवम् अवैध तरीके से पैसे ऐठनें जैसी हरकतें करता है। इसलिए गुरुग्राम पुलिस का आम जनता से यह अनुरोध है कि आरोपित हरिन्द्र धींगड़ा व इसके सहयोगियों के विरुद्ध  यदि किसी भी व्यक्ति के पास कोई ऐसी सूचना या दस्तावेज है, तो वह व्यक्ति बिना किसी भय व डर के गुरुग्राम पुलिस को सूचित करें ताकि इनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।

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