अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य,पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि साथियों, आज राजस्थान में जो घटनाक्रम हुआ, वो आप सबने देखा और आप सब इस बात को जानते हैं कि राजस्थान में आज से 29 दिन के बाद विधानसभा के चुनाव हैं। राजस्थान में और अन्य राज्यों में विधानसभा का चुनाव घोषित हो चुका है,आचार संहिता लग चुकी है और आज ही के दिन भारत सरकार की जो एजेंसी हैं, उन्होंने जो कार्रवाई की है, जयपुर में और अन्य शहरों के अंदर, उन कार्रवाईयों की जो टाइमिंग है, जो उद्देश्य है और जो इंटेट हैं, वो पूर्ण रुप से संदिग्ध है और ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि जो एजेंसी भारत सरकार की हैं, उनका दुरुपयोग लगातार हो रहा है, ये अब जगजाहिर हो चुका है, लेकिन चुनाव से ठीक पूर्व, ठीक इलेक्शन से पहले जिस प्रकार से एजेंसी को राजस्थान में छोड़ा गया है, कांग्रेस पार्टी के नेताओं को भयभीत करने के लिए, आतंकित करने के लिए, देश और प्रदेश इस बात को बहुत गंभीरता से देख रहा है।
कांग्रेस पार्टी करप्शन के खिलाफ है, भ्रष्टाचार के खिलाफ है। अगर कोई भी निष्पक्ष जांच होती है और कोई सबूत प्रमाण के साथ संदिग्ध पाया जाता है, उस पर कार्रवाई हो, इसके पक्ष में हम लोग हैं, लेकिन इलेक्शन में अपनी हार देखते हुए अगर केन्द्रीय सरकार इस बात को समझ गई है कि वहाँ बीजेपी चुनाव हार रही है और फिर नेताओं को स्पेसिफिकली टारगेट करके बिना सबूत और तथ्य के कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर, जिस प्रकार से उनके घर रेड डाली गई। उनको कोई समन नहीं, कोई बुलावा नहीं, कोई सबूत नहीं और इस प्रकार की जो रेड डाली गई है, वो सिर्फ एक संकेत देने के लिए दी गई है, मैसेज देने के लिए दी गई है कि अगर हम पॉलिटिक्ली कमजोर पडेंगे तो हमारा साथ देने के लिए नाना प्रकार की जो एजेंसियां भारत सरकार की हैं, चाहे वो सीबीआई हो, ईडी हो, इंकम टैक्स हो,उनका हम दुरुपयोग करेंगे और लोगों के अंदर एक तरह का भय पैदा करने की हम कोशिश करेंगे। इसका कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से विरोध करती है और मैं समझता हूं कि लोकतंत्र में पॉलिटिकल पार्टी को अपने विजन, अपने मैनिफेस्टो,अपनी विचारधारा, अपने नेताओं के दम पर चुनाव लड़ना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी सभी पांचों राज्यों में फिलहाल पीछे चल रही है और मैं ऐसा मानता हूं कि जो आज की कार्रवाई है, वो इस बात का स्पष्ट संकेत है।
जहाँ तक मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत जी को जो समन दिया गया है, वो भी आप जानते हैं। उन्होंने खुद कहा वैभव जी ने कि ये 12 साल पुराना कोई प्रकरण था और पोलिंग डेट अनाउंस होने के बाद अचानक से समन भेजा जाना, सब लोग समझते हैं कि इसके पीछे क्या सोच हो सकती है।मैं फिर रिपीट करना चाहता हूं, करप्शन के खिलाफ, गलत काम करने वालों के खिलाफ हम सब लोग हैं, लेकिन कार्रवाई करती है ईडी और जवाब दे रही है बीजेपी। एक्शन इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट ले रहा है और बीजेपी उसकी सफाई दे रही है, स्पष्टीकरण दे रही है, ये समझ से परे है। तो एक पॉलिटिकल वेपन की तरह एजेंसियों का इस्तेमाल करना, ये लोकतंत्र के लिए बहुत ही नकारात्मक संकेत है।मैं समझता हूं हम सबको राहुल गांधी जी से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके ऊपर भी नाना प्रकार के केस थोपे गए। ईडी ने उनको कई बार बुलाया, हर बार वो पेश हुए, अपनी बात को रखा। इसलिए कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं को डरने की कोई जरुरत नहीं है। हम लोग ये चुनाव मजबूती से लड़ेंगे और चुनाव जीतेंगे। तो ये जो कोशिश की गई है आज के दिन कि चुनाव से ठीक पहले जब मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लगा हुआ है, तब आप इस प्रकार की कार्रवाई कर रहे हैं, तो ये बात सब लोग समझ रहे हैं कि ये कार्रवाई क्यों करनी पड़ रही है। अगर वो चुनाव जीत रहे होते, बहुमत की तरफ बढ़ रहे होते, तो शायद इस प्रकार की कार्रवाई होती। तो जो टाइमिंग है, जो इंटेट हैं, जो ऑब्जेक्टिव है, वो संदिग्ध है, सस्पिशियस है।ये पहली बार नहीं हो रहा है कि इलेक्शन गोइंग स्टेट के अंदर भाजपा सरकार द्वारा इस प्रकार की कार्रवाई की जा रही है। जो टॉप लीडर्स हैं, उनको टारगेट किया जाता है, स्पेसिफिकली टारगेट किया जाता है और जब चुनाव खत्म हो जाता है, तो वो खबरें जब सुर्खियों से हट जाती हैं, तो उसका कुछ अता-पता रहता नहीं है, उन केसिस का, उन आरोपों का, उन छापों का, उन नोटिसेज़ का, उन समन्स का। तो पॉलिटिकल टूल की तरह इसको इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बात को राजस्थान की भी और देश की जनता भी देख रही है। इसलिए, जब-जब मैं यह समझता हूं कि रुलिंग डिस्पेंसेशन जो दिल्ली में है, जब अपने आपको कमजोर पाती है, तो इस प्रकार की एजेंसी की वो पूरी सहायता लेकर अपना हित साधने में लग जाती है। ये एक बहुत गलत परंपरा है, ये लोकतंत्र के लिए जैसा मैंने पहले कहा एक अच्छा संकेत नहीं है और जैसा मैंने कहा कि आज जो हुआ है, उसको पूरा प्रदेश देख रहा है, इलेक्शन गोईंग स्टेट है। राजस्थान के अंदर जब-जब करप्शन के इशू आए, उस पर कार्रवाई करने की मांग पहले भी होती है, आज भी होती आई है, लेकिन अब जब चुनाव डिक्लेयर हो गए हैं, अब जब इलेक्शन सिर्फ तीन-चार हफ्ते दूर हैं, अब अचानक आप जाकर पुराने केसिस को उठाएं, समन भेजें, छापे डालें और एक प्रकार से लोगों को टारगेट करके उनका चरित्र हनन करने की कोशिश करें।जांच से कोई डरता नहीं है, आप कोई भी जांच कराइए, सब जांच फेस करने के लिए तैयार हैं। जैसा मैंने कहा कि राहुल गांधी जी फेस कर रहे हैं, सब लोग फेस कर रहे हैं। लेकिन इलेक्शन की पूर्व संध्या पर इस प्रकार की कार्रवाई होना, इसकी मैं भर्त्सना करता हूं, इसकी मैं निंदा करता हूं कि ये जो किया गया है ये पूर्णतया पॉलिटिक्ली मोटिवेटिड है।एक प्रश्न पर कि पेपर लीक मामले को लेकर राजस्थान में आपने एक लंबे समय तक आंदोलन किया है और इस मुद्दे को उठाया है, आज इसी मामले को आधार बनाकर ईडी कार्रवाई कर रही है, क्या कहना चाहेंगे आप? श्री सचिन पायलट ने कहा कि ईडी का कोई स्टेटमेंट आया है, क्या ईडी ने स्पष्ट किया है कि वो किसलिए कार्रवाई कर रही है, किसके ऊपर कार्रवाई कर रही है, क्या टाइमिंग उसकी है, क्या ऑब्जेक्टिव उनका है। ये खबरें फैलाई जाती हैं कि फलां-फलां मुद्दे को लेकर कार्रवाई की गई। मुझे तो अभी तक… मैंने कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट उस एजेंसी का देखा नहीं, पहली बात।दूसरी बात, पेपर लीक के खिलाफ पहले भी मैं था, हम सब लोग थे, आज भी हैं और हमेशा रहेंगे। पेपर लीक अगर होता है तो लाखों नौजवानों के भविष्य पर अंधकार का काला साया आता है, इसको कोई सपोर्ट नहीं कर सकता है, लेकिन मुझे खुशी है जब इस मुद्दे को हमने उठाया था, एआईसीसी ने इसका संज्ञान लिया था और हमारी सरकार ने विधान सभा में एक कानून पारित किया कि जहां पेपर लीक में अगर कोई पकड़ा जाएगा, उस पर उम्र कैद का प्रावधान किया गया, जो देश में कहीं नहीं है। हम लोगों ने जब बात को उठाया तो आजीवन कारावास का प्रावधान विधान सभा में पारित करवाया है। तो हम गंभीर हैं कि पेपर लीक जैसे इशू पर हम कार्रवाई करवाएंगे, लेकिन अभी तक जो कार्रवाई हुई है, ये सिर्फ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हो या कोई मुख्यमंत्री हो या कोई बड़ा नेता हो उस पर की जा रही है, इसका पेपर लीक से कोई लेना-देना हो, ऐसा मुझे लगता नहीं है, वो तो एक खबर चल रही है।जैसे मैंने कहा कि एक्शन ईडी लेता है और जवाब बीजेपी देती है। कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट अब तक देखा नहीं मैंने या उन्होंने कुछ कहा हो, स्पष्टीकरण दिया हो। अब आप किसी के घर छापा डाल दें, विजुअल्स दिखा दें, मीडिया में बातें फैला दें, तो वो तो कहीं न कहीं मोटिवेटेड है और सब सिंक्रोनाइज्ड है, इलेक्शन डेट को देखते हुए।
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