अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : आठ साल के बच्चे को खाने-पीने और खेलने-कूदने के अलावा किसी अन्य बात की फिक्र नहीं होती, मगर इस उम्र के राजा के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसे ना तो खाना-पीना अच्छा लग रहा है, ना खेलना कूदना। वह अपने माता-पिता की फोटो सीने से लगाए हर समय बिलखता रहता है। हर किसी को वह फोटो दिखाकर रोते हुए वह बस यही गुहार लगाता है कि किसी तरह माता-पिता से मिलवा दे। राजा बीते 7 सितंबर को फरीदाबाद में लावारिश अवस्था में भटकता मिला था। किसी राहगीर ने उसे पुलिस को सौंप दिया। इस समय उसे खेड़ी पुल के पास स्थित कर्ममार्ग शेल्टर होम में रखा गया है। फरीदाबाद की मिसिग सेल उसके माता-पिता की तलाश में जुटी हुई है।
प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि बच्चा अपना नाम राजा, पापा का नाम संजय और मम्मी का नाम रिकी बता रहा है। उसे अपना घर का पता मालूम नहीं है। यह भी नहीं मालूम वह किस जिले या शहर का रहने वाला है। उसने बताया है कि उसकी मम्मी किसी मैडम के पास लाल रंग की कार चलाती है। बताया है कि पापा उसे कार में बिठा कर लाए थे और यहां छोड़कर चले गए। शेल्टर होम में माता-पिता को याद कर वह हर समय रोता रहता है। शेल्टर होम में अन्य बच्चों के साथ वह घुल-मिल भी नहीं रहा है। खाता-पीता भी कम है। जो भी उससे मिलने जाता है, वह माता-पिता की फोटो दिखाकर बिलखने लगता है और किसी तरह उन तक पहुंचाने की मिन्नत करता है। मिसिग सेल के अनुसार यह तय है कि बच्चा फरीदाबाद का रहने वाला नहीं है,
क्योंकि उन्होंने और उनकी टीम ने यहां सभी थाना चौकियों के माध्यम से पड़ताल कर ली है। बच्चा किसी अन्य शहर का रहने वाला है। यह भी अनुमान है कि उसके माता-पिता के बीच झगड़ा हुआ, जिसके बाद उसे जानबूझकर लावारिस छोड़ दिया गया। संयोग से माता-पिता की फोटो उसकी जेब में रह गई। अगर बच्चा गलती से बिछड़ता तो उसके माता-पिता फरीदाबाद पुलिस से जरूर संपर्क करते और सूचना देते। हम सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से बच्चे की तलाश में जुटे हैं। उसके माता-पिता को ढूंढकर ही दम लेंगे।