अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में सोमवार की शाम संगीत व सुरों के दीवानों के नाम रही। मुख्य चौपाल पर सजी इस सुरीली शाम को सारेगामापा फेम गायिका डॉ. रिकू कालिया व लखनऊ की रहने वाली देश की जानी मानी लोक गायिका वंदना मिश्रा ने अपनी प्रस्तुति से यादगार बना दिया।
डॉ.रिकू ने हिदी, पंजाबी गीतों से रंग जमाया। सूफियाना अंदाज में गाया दमा दम मस्त कलंदर जब प्रस्तुत किया तो श्रोता झूम उठे। इसके बाद रिकू कालिया ने लग जा गले के फिर हंसी रात हो ना हो, अजीब दास्तां है ये, बड़ी लंबी जुदाई भी प्रस्तुत किया। वहीं वंदना मिश्रा ने भोजपुरी, अवधी, सूफी व फिल्मी गीतों से श्रोताओं को कार्यक्रम से जोड़े रखा। वंदना मिश्रा ने अपनी जादुई आवाज से भिन्न भिन्न भाषाओं के लोक गीतों से मुख्य चौपाल पर धमाल किया।
पर्यटकों ने हर गीत पर जोरदार तालियों से रिकू कालिया तथा वंदना मिश्रा का हौसला बढ़ाकर सुरमयी शाम का लुत्फ उठाया। वंदना मिश्रा ने कहे तोसे सजना, हे गंगा मैया तोहे, तुझे प्यार करते करते, कोठे ऊपर कोठरी तथा दरवाजा खुला छोड़ आई गीतों से सजी महफिल को और हसीन बना दिया।