अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज़ (एमआरआईआईआरएस) में सोमवार को तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ब्रिक्सेस-2024 का शुभारंभ हुआ।‘बच्चों और युवाओं के लिए समग्र स्वास्थ्य और खेल में प्रगति: विज्ञान के जरिए नवाचार, एकीकरण और स्थिरता’ विषय पर आयोजित हुए इस चार दिवसीय सम्मेलन में 20 देशों से आए 450 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने शारीरिक गतिविधि, नवीन प्रौद्योगिकी के एकीकरण और प्राचीन बीमारियों में कमी लाने के लिए नवीनतम शोध के महत्व जैसे विषयों पर विचार रखे।सम्मेलन की शुरुआत स्वागत सत्र के साथ हुई, जिसमें मेयो क्लिनिक,यूएसए के प्रोफेसर व अमेरिकन सोसाइटी फॉर प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष स्टीफन कोपेकी ने सभी को संबोधित करते हुए बीमारियों से बचाव के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहने पर ज़ोर दिया। साथ ही स्वस्थ शरीर के लिए पोषण, उचित नींद, खेलकूद, मनोरंजन जैसे विषयों पर भी बात की।
सत्र की अध्यक्षता प्रति उप कुलपति एमआरआईआईआरएस प्रोफेसर जीएल खन्ना और डॉ. जतिन सोनी ने की।इसके बाद सम्मानित अतिथियों और वक्ताओं ने सम्मेलन में विषय के दृष्टिकोण और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। एमआरआईआईआरएस के प्रति उपकुलपति और ब्रिक्सेस के संस्थापक सदस्य व उपाध्यक्ष प्रो. जी. एल. खन्ना ने स्वागत भाषण देते हुए खेल और स्वास्थ्य विज्ञान पर वैश्विक चर्चा को आगे बढ़ाने में सम्मेलन की महत्वपूर्ण भूमिका पर बात की। उन्होंने खेल शिक्षा और अनुसंधान की दिशा में एमआरआईआईआर एस की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताते हुए कहा कि संस्थान खेलों को बढ़ावा के लिए प्रमुखता से काम कर रहा है। एमआरईआई के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने अध्यक्षीय संबोधन में खेल और स्वास्थ्य विज्ञान में उत्कृष्टता के लिए सहयोग, नवाचार और प्रतिभाओं को तराशने के महत्व पर फोकस किया। उन्होंने कहा कि भारत विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है और पूरे विश्व की नजर देश पर है। खेलों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत सपने को पूरा किया जा सकता है। एमआरआईआईआरएस के उपकुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा में आधुनिक चुनौतियों के समाधान में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर विचार रखे। उन्होंने सामाजिक कल्याण के लिए नवाचार और अनुसंधान की तरफ से किए जा रहे कार्यों पर भी चर्चा की। ब्रिक्सेस के अध्यक्ष और संस्थापक सेक्रेटरी-जनरल, दक्षिण अफ्रीका के प्रोफेसर हंस डी रिडर ने ब्रिक्सेस पर उद्घाटन भाषण देते हुए सम्मेलन के विषय को विस्तार से समझाया। साथ ही खेल व स्वास्थ्य विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान के भविष्य पर अपनी बात रखी। लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. जगबीर सिंह चीमा ने बतौर सम्मानित अतिथि कहा कि सम्मेलन का विषय व्यक्तिगत और सामाजिक तौर पर हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है। हर आयु वर्ग के लोगों को मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ होना जरूरी है और इसके बारे में जागरूकता को ऐसे सम्मेलन मददगार साबित होते हैं। माननीय मुख्य अतिथि, श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, खेल सचिव, भारत सरकार ने सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित किया। उन्होंने खेल और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सरकार के दृष्टिकोण और उठाए गए सराहनीय प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलन सरकारी नीतियों के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और पूरी उम्मीद है कि इस सम्मेलन से भी बेहतरीन निष्कर्ष निकलेंगे। समारोह के दौरान ब्रिक्सेस स्मारिका, जर्नल और पुस्तक का विमोचन भी किया गया। समापन सत्र में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार वितरित किए गए। अंत में आयोजन सचिव डॉ. संजीव गुप्ता ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि ये सम्मेलन सहयोग, अनुसंधान और नवाचार की भावना को दर्शाता है। ब्रिक्स काउंसिल ऑफ एक्सरसाइज एंड स्पोर्ट्स साइंस (BRICSCESS) की स्थापना लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के संबंध में ब्रिक्स की विशिष्ट चिंताओं को संबोधित करने की आवश्यकता को लेकर की गई है।इस सम्मेलन को लेकर कई अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ प्री-कॉन्फ्रेंस कार्यशालाओं का आयोजन करने में जुटे हैं। इनमें ब्रिक्सेस के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. मिंग-काई चिन, ब्रिक्सस के वर्तमान अध्यक्ष प्रो. हं
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments