अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: बम ब्लास्ट जैसी आपात स्थिति में तैयारियों की जांच किए जाने के लिए शुक्रवार को जिला प्रशासन की अगुवाई में सेक्टर 70ए स्थित अस्टायर गार्डन हाउसिंग सोसाइटी में प्रातः 11 बजे “ऑफ साइट इमरजेंसी ड्रिल” का आयोजन किया। इस मॉक ड्रिल में एसडीआरएफ की टीम ने रिहायशी क्षेत्र में बम ब्लास्ट की स्थिति में वहां पर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के तौर तरीकों के बारे में बताया। इस पूरी प्रक्रिया में एनडीआरएफ की टीम व हिपा से एक्सपर्ट डॉ भुवन कुमार आब्जर्वर की भूमिका में रहे। वहीं मॉक ड्रिल के बाद कमियों एवं त्रुटियों की चर्चा के लिए समीक्षा बैठक भी की गई। मॉक ड्रिल के तहत लघु सचिवालय स्थित जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम को सूचना प्राप्त हुई कि सेक्टर 70ए स्थित बीपीटीपी के अस्टायर गार्डन के टावर एक मे बम ब्लास्ट हुआ है। जिसमे करीब छह लोगों के फसे होने की आशंका है। सूचना मिलते ही पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग की टीम, एम्बुलेंस व बम निरोधक दस्ते टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए।
उसके बाद एसडीआरएफ द्वारा बम ब्लास्ट से संबंधित आपदा प्रबंधन की मॉक ड्रिल देखने को मिली। इस दौरान आपात स्थिति के तहत अग्निशमन की गाड़ियां, एंबुलेंस पहुंच रहीं थीं और लोगों को माइक के माध्यम से सूचना दी जा रही थी। यहां न आएं, बम ब्लास्ट की घटना हुई है। इस दौरान बम ब्लास्ट वाले बिल्डिंग को घेराबंदी करके अलग कर दिया गया। घटना स्थल पर उच्च लेवल की आपात स्थिति मानते हुए जिला आपदा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष एवं एडीसी हितेश कुमार मीणा भी स्वयं मौके पर पहुँचे व संबंधित आपदा प्रबंधन में जुटे अधिकारियों व कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।इसके बाद एसडीआरएफ की टीमें विभिन्न आपदा सुरक्षा उपायों के माध्यम से हालात पर काबू पाती हैं।
मॉक ड्रिल के उपरांत आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा कि आपदा कभी भी पूर्व सूचना देकर नही आती ऐसे में किसी भी आपात स्थिति में हमारा रिपोर्टिंग टाइम बढ़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम सभी को आपात स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षित उपायों का बुनियादी ज्ञान होना चाहिए ताकि राहत बल के पहुँचने तक हम खुद को सुरक्षित रखते हुए हालात पर काबू पा सके। इस दौरान उन्होंने मॉक ड्रिल में शामिल सभी विभागों की कार्यशैली की समीक्षा करते हुए त्रुटि वाले विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। एडीसी ने कहा कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से बेहतर तरीके से निपटने के लिए मॉक ड्रिल बेहद जरूरी है। मॉक ड्रिल के माध्यम से हम अपनी तैयारियों का आंकलन तथा समीक्षा कर आपदा के समय आपस में बेहतर समन्वय स्थापित कर राहत व बचाव कार्यों में तेजी ला सकते हैं।
इस अवसर पर बैठक में जीएम रोडवेज प्रदीप अहलावत, जिला आपदा प्रबंधन से प्रोजेक्ट ऑफिसर पूनम ,एनडीआरएफ व एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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