अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के बाढ़ एवं सिंचाई विभाग मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आज वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा किया, प्लांट में सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। यमुना में दोबारा से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यह दौरा किया। ज्ञात रहे पिछली बार यमुना का पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के भीतर आ जाने की वजह से वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करना पड़ा था। इस बार इस प्रकार की कोई भी परेशानी का सामना न करना पड़े, उन सभी समस्याओं से निपटने की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में मौजूद सभी अधिकारियों को मुस्तैद रहने तथा इस समस्या से निपटने के लिए सभी जरूरी एवं संभव कदम उठाने के निर्देश दिए।
दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया, कि एक बार फिर से यमुना का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है और इस वक्त यमुना का जलस्तर 206 मीटर से ऊपर है जो की खतरे के निशान से ऊपर है। उन्होंने बताया, कि हमें जो जानकारियां मिल रही है, उसके मुताबिक हथिनी कुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा क्षमता के साथ पानी छोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि वाटर कमीशन के अनुमान आज शाम तक यह स्तर 206.7 मीटर तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास आज शाम तक के ही आंकड़े आए हैं, हो सकता है कल यह जलस्तर और अधिक बढ़ जाए। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। उन्होंने बताया कि पिछली बार यह स्तर 208 मीटर के ऊपर तक गया था, जिसके कारण वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, ओखला ट्रीटमेंट प्लांट, और चंद्रावल ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करना पड़ा था। जिसके कारण दिल्ली में उत्पादित होने वाले पानी का लगभग 25% उत्पादन बाधित हुआ था। पिछली बार की परेशानियों को देखते हुए इस बार दिल्ली सरकार ने काफी तैयारियां की है। वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के आसपास की सभी दीवारों को ऊंचा कर दिया गया है, ताकि इस बार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के अंदर पानी ना जा सके। एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए उन्हें बताया कि इस बार वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के आसपास की दीवारों को इतना ऊंचा कर दिया गया है, कि यदि यमुना का जलस्तर 209 मीटर तक भी हो जाए, जो कि संभव नहीं है, बावजूद इसके पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के अंदर नहीं घुस पाएगा और इस बार वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों को बंद करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस समय सभी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर रहे हैं I यमुना में जलस्तर बढ़ने के कारण पीछे से पानी के साथ पेड़ पौधे और कुछ गंदगी जो बह कर आ रही है, कई बारी वह मोटर में आकर फंस जाती हैं, तो जो गोताखोर हैं वह लगातार उसकी सफाई के काम में लगे हुए हैं, परंतु अभी तक इस प्रकार की कोई परेशानी नहीं देखने में आई है जिसकी वजह से वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करना पड़े और आशा है कि आगे भी ऐसी कोई परेशानी नहीं आएगी I फिलहाल सभी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन जगहों से पानी यमुना से बाहर निकलकर पहले दिल्ली की सड़कों पर आ गया था, उन सभी जगहों की पूरी तरह से निगरानी की जा रही है और उन जगहों पर इस तरह की व्यवस्था की गई है, जैसे की दीवार बनाकर तथा अन्य व्यवस्थाएं करके, ताकि इस बार वह पानी बाहर निकल कर दिल्ली की सड़कों पर न आ सके। इस कार्य को करने के लिए सरकार ने 60 अलग-अलग टीमों का गठन किया है, जो कि दिल्ली के ऐसे ही स्थानों पर मुस्तैदी के साथ निगरानी रखे हुए हैं, जहां से पिछली बार पानी बाहर निकल कर दिल्ली की सड़कों पर आ गया था। यमुना के समीप वाले निचले क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों को पहले ही वहां से बाहर निकाल कर राहत शिविर कैंपों में शिफ्ट कर दिया गया था। साथ ही साथ लगातार उन क्षेत्रों में सरकार की तरफ से मुनादी की जा रही है, कि कोई भी व्यक्ति उस निचले क्षेत्र में ना जाए ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इन सभी राहत शिविर में लोगों को खाने पीने की सभी व्यवस्थाएं सरकार की तरफ से मुहैया कराई जा रही हैं I साथ ही साथ हर राहत शिविर कैंप में दो डॉक्टरों और उनके साथ कुछ स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है, जो लगातार वहां रहने वाले लोगों की देखरेख में लगे हुए हैं। सरकार की तरफ से सभी प्रकार की सुविधाएं इन राहत शिविर में रहने वाले लोगों को दी जा रही है। जब तक इन क्षेत्रों से पानी पूरी तरह से हट नहीं जाता तब तक इन लोगों को राहत शिविरों में ही सभी सुविधाओं के साथ रखा जाएगा और जब यहां से पानी खत्म हो जाएगा और किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होगा तो यह लोग वापस अपने घरों में लौट जाएंगे।
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