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दिल्ली

दिल्ली के वरिष्ठजनों को पहली बार मिला वाजिब सम्मान, सीएम केजरीवाल ने “वरिष्ठ सम्मान” से नवाजा

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:उम्र के आखिरी पड़ाव में भी दिल्ली के ढेरों बुजुर्ग अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं देकर अपने समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बन कर उभरे दिल्ली के 24 बुजुर्गों को सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज ‘वरिष्ठ सम्मान’ देकर सम्मानित किया और दिल्ली व देश की तरक्की के लिए उनसे आशीर्वाद लिया। दिल्ली में पहली बार केजरीवाल सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम, समाज कल्याण,कला-संस्कृति, चिकित्सा और खेल जगत में योगदान देने वाले वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया है। शाह ऑडिटोरियम में आयोजित ‘वरिष्ठ सम्मान’ उत्सव के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम हर पल संघर्ष करते रहते हैं। जिस वक्त हम संघर्ष करना छोड़ देते हैं, हमारा बुढ़ापा आ जाता है।

65 साल की उम्र में शूटिंग शुरू करने वाली दादी प्रकाशी तोमर जैसे तमाम बुजुर्ग हैं, जो देश का नाम रौशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, जिस समाज में बुजुर्गों की सेवा और सम्मान नहीं होता है। वह समाज की कभी भी तरक्की नहीं कर सकता है। हमने ओल्ड एज होम में बुजुर्गों की खुशी के लिए खाने-पीने के साथ लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स, सत्संग समेत सभी सुविधाओं का इंतजाम किया है। बुजुर्गों का हमारे ऊपर आशीर्वाद है। इसी वजह से हम दिन दूनी-रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं। दरअसल, दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग की तरफ से आज राज निवास मार्ग पर स्थित शाह ऑडिटोरियम में ‘वरिष्ठ सम्मान’ उत्सव का आयोजन किया गया। सुबह करीब 11 बजे शुरू हुए कार्यक्रम में साहित्य कला परिषद की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। वहीं, बतौर मुख्य अतिथि सीएम अरविंद केजरीवाल ने दोपहर करीब 12 बजे दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल, समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। 

वरिष्ठ नागरिकों को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने इतनी उम्र में भी हमारे बुजुर्ग इतने अच्छे काम कर रहे हैं। कोई संगीत, कोई जनता की सेवा, तो कोई फ्री में प्रशिक्षण दे रहा हैं। दिल्ली सरकार की ओर से यह पहला वरिष्ठ सम्मान उत्सव आयोजित किया गया है। अलग-अलग क्षेत्रों में सेवा देने वाले बुजुर्गों को यह सम्मान मिला और हमारा यह सम्मान समारोह आयोजित करना सफल रहा। इस समारोह में बड़ी संख्या में लोग आए, जिससे सम्मानित होने वाले लोगों को हौसला मिला। उन्होंने कहा कि ‘वरिष्ठ सम्मान’ के लिए आवेदन मांगे गए थे और 133 आवेदन मिलेे। इस बार प्रचार ज्यादा नहीं होने की वजह से बहुत से लोगों को इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। अगले साल इसका अधिक प्रचार करेंगे, ताकि अधिक से अधिक आवेदन आएं। मैं चाहता हूं कि दिल्ली का हर बुजुर्ग आवेदन करें और बताएं कि वो किस क्षेत्र में सेवा दे रहे हैं। मुझे यकीन है कि सभी बुजुर्ग अलग-अलग क्षेत्र में कुछ न कुछ अवश्य कर रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज सुबह उनके पास वाट्सएप पर आए एक मैसेज का जिक्र किया। जिसमें लिखा था, ‘‘उम्र सिर्फ एक संख्या है। दादी प्रकाशी तोमर ने जब शूटिंग शुरू की थी, तब उनकी उम्र 65 साल थी। दिल्ली के नजफगढ़ देहात के मलिक पुर गांव की रहने वाली 94 साल की भगवानी देवी ने फिनलैंड वल्र्ड मास्टर एथलेटिक चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया था।’’ इसका मतलब कि उम्र से फर्क नहीं पड़ता है। हरियाणा की चरखी दादरी की रहने वाली 105 वर्षीय दादी राम बाई ने 100 मीटर की फर्राटा रेस 45 सेकेंड में पूरी कर नया रिकॉर्ड बनाया। जम्मू की स्टार जोड़ी 68 वर्षीय तरसेम लाल बसोत्रा और 62 वर्षीय सुदेश बसोत्रा ने माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप 5364 मीटर की चढ़ाई पूरा करके देश का नाम रौशन किया था। जिंदगी खुश रहने का नाम है। खुश रहने के लिए उम्र महत्वपूर्ण नहीं है।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हर एक की जिंदगी में कुछ न कुछ जुनून होता है। किसी का म्यूजिक, किसी का पेंटिंग, तो किसी का समाज सेवा करने का जुनून होता है। यही जुनून व्यक्ति को जिंदा रखना है। यह जूनून कभी किसी को बूढ़ा नहीं होने देता है। हिंदू धर्म में कहा जाता है कि 84 लाख योनियों के बाद मनुष्य का जीवन मिलता है। अब पता नहीं मनुष्य का जीवन कब मिलेगा। फिर भी हम रो-रोकर इसे गंवा देते हैं। रोने से कोई फायदा नहीं है। हमें खुश रहना चाहिए। उम्र सिर्फ एक नंबर है। यह सही बात है। आदमी की सोच सबसे महत्वपूर्ण होती है। गीता में लिखा, हर पल हर व्यक्ति संघर्ष कर रहा होता है। कौरव-पांडव का उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि इसमें एक सही और एक गलत है। वो कुरुक्षेत्र की लड़ाई हर पल हमारे मन, वचन और कर्मों में चलती रहती है। हम हर पल संघर्ष करते रहते हैं। जिस वक्त हम संघर्ष करना छोड़ देते हैं, हमारा बुढ़ापा आ जाता है। 30 वर्ष की उम्र में भी अगर हमने अपना संघर्ष करना छोड़ दिया, तो बुढ़ापा आ गया। अगर किसी ने 100 साल की उम्र में भी संघर्ष करना नहीं छोड़ा है, तो उसकी खुशी कोई नहीं छीन सकता और उसका बुढ़ापा कभी नहीं आएगा। इसलिए संघर्ष का नाम ही जीवन है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस घर में बुजुर्गों का सेवा-सत्कार नहीं होता है, उस घर के बच्चे जितनी मर्जी कोशिश कर लें, लेकिन बरकत नहीं हो सकती। वैसे ही जिस समाज के अंदर बुजुर्गों का सेवा व सम्मान नहीं होता है, वह समाज और देश की कभी तरक्की नहीं कर सकता है। मैं समझता हूं कि दिल्ली के बुजुर्ग बहुत खुश हैं, दिल्ली के बुजुर्गों का हमारे ऊपर आशीर्वाद है और उनके आशीर्वाद की वजह से हम दिन दूनी-रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं। हमने कई सारे ओल्ड एज होम बनाए हैं। मैंने कई ओल्ड एज होम का उद्घाटन किया है। कई बच्चे अपने माता-पिता को अपने साथ नहीं रखते हैं या नहीं रख सकते हैं। उनके लिए हम लोगों ने ओल्ड एज होम बनाए हैं और उसमें सभी सुविधाएं दी है। ओल्ड एज होम में हमने सभी बुजुर्गों की खुशी का इंतजाम किया है। उसमें खाने-पीने के साथ ही लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स, सत्संग आदि का इंतजाम किया गया है। मैं नहीं चाहता हूं कि किसी को ओल्ड एज होम जाने की जरूरत पड़े, लेकिन अपवाद स्परूप किसी को जरूरत पड़े, तो दिल्ली सरकार ने उसका इंतजाम किया हुआ है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली का स्वास्थ्य मॉडल आज दुनिया के सबसे अच्छे देश से मुकाबला कर रहा है। पूरी दुनिया में चंद विकसित देश हैं, जहां स्वास्थ्य सेवाएं सबके लिए पूरी तरह से फ्री है। अमेरिका में भी स्वास्थ्य सेवाएं सबके लिए फ्री नहीं है, लेकिन दिल्ली में फ्री है। जो काम अमेरिका नहीं कर पाया, वो काम दिल्ली ने कर दिखाया। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सबका इलाज फ्री है। सरकारी अस्पतालों में टेस्ट, इलाज, दवाइयां, ऑपरेशन सब फ्री है। बुजुर्गों में स्वास्थ्य को लेकर सबसे ज्यादा चिंता होती है कि अगर वो बीमार हो गए तो उनके बच्चे सही से इलाज करा पाएंगे या नहीं? कुछ लोगों ने इंश्योरेंस भी करा रखा है। लेकिन इंश्योरेंस भी 5 लाख रुपए का है। कई बार 5 लाख रुपए कम पड़ जाते हैं। लेकिन अब दिल्ली में इस बात को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार ने सरकारी अस्पतालों के अंदर सबका सारा इलाज मुफ्त कर दिया है। अगर सारा इलाज मुफ्त हो जाए, तो यह हर परिवार के लिए बहुत बड़ा सहारा होता है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हर एक व्यक्ति के मन में इच्छा होती है कि वो जिंदगी में कम से कम एक बार कहीं तीर्थ यात्रा पर चला जाए। भगवान ने बहुत सारे लोगों को बहुत कुछ दिया है। वो तो कई जगह तीर्थ यात्रा पर जा चुके होंगे। वो हवाई जहाज से भी जा चुके होंगे। फाइव स्टार होटल में भी रुके होंगे। लेकिन इस देश की अधिकांश आबादी ऐसी है, जिनकों एक बार भी तीर्थ यात्रा नसीब नहीं होती है। उनको हम तीर्थ यात्रा कराएंगे। जो लोग तीर्थ यात्रा पर जाते हैं, वो हमें आर्शीर्वाद देते हैं और उनके आशीर्वाद से हम और तरक्की करते हैं। हमने योगा क्लासेज भी शुरू किया है। योगा से काफी लोगों को फायदा हुआ है। किसी कारण वश क्लासेज बंद हो गई हैं। कुछ दिन के बाद हम उसको दोबारा शुरू करेंगे। हम कई और योजनाएं शुरू कर रहे हैं। मेरी सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि कभी भी अपने मन में बुढ़ापा मत आने देना। जिस दिन मन में बुढ़ापा आ गया, उस दिन बुढ़ापा आ गया। जब तक मन में बुढ़ापा नहीं आएगा, तब तक आप जवान हैं। इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा कि हम अपने बड़े बुजुर्गों से कटकर न तो किसी समाज की कल्पना कर सकते हैं और न किसी समाज का निर्माण कर सकते हैं। अगर हम अपने बड़े बुजुर्गों से कट जाएंगे तो अपने इतिहास, अपनी परंपराओं और विरासतों से कट जाएंगे। अगर हम अपने इतिहास, विरासत और परंपराओं से कट गए, तो हम समाज तो बना लेंगे, लेकिन वो समाज किसी काम का नहीं रह जाएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सभी परिवारों को अपना परिवार समझते हैं और परिवार के सभी बुजुर्गों को अपने माता-पिता का ओहदा देते हैं। अगर किसी बुजुर्ग को उसके परिवार वाले नहीं संभाल पाते हैं, तो सीएम अरविंद केजरीवाल उस बुजुर्ग के बुढ़ापे की लाठी बनकर खड़े होते हैं। पिछले दिनों मैंने एक ओल्ड एज होम का दौरा किया था। वहां एक बुजुर्ग ने अपनी कहानी साझा की। उस बुजुर्ग के दो बेटे हैं, उनको उन्होंने पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया और वो अमेरिका में रहते हैं। उनके पास सबकुछ है। बुजुर्ग ने बताया कि उनके बेटों के पास बड़ा घर, गाड़ी समेत सबकुछ है, लेकिन उनके दिल में अपने पिता को रखने के लिए जगह नहीं है। मेरे बेटों के पास अपने पिता को रखने के लिए जगह हो या न हो, लेकिन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के दिल में मेरे जैसे तमाम बुजुर्गों को रखने की बहुत जगह है। मंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि केजरीवाल सरकार अपना काम ईमानदारी से कर रही है। दिल्ली में 60 से अधिक उम्र के व्यक्ति को दो हजार रुपए मासिक पेंशन दी जाती है और 70 से अधिक उम्र के बुजुर्गों को 2500 रुपए महीना पेंशन दी जाती है। यह वरिष्ठ सम्मान उत्सव उन वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान में रखा गया है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में देश और समाज के लिए अविस्मरणीय कार्य किया है। इस दौरान दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि जिन बुजुर्गों ने अपने-अपने क्षेत्र में काम किया है, उनको आज सम्मानित किया गया। यह विचार केजरीवाल सरकार के किसी मंत्री के जेहन में ही आ सकता है। अन्य सरकारों के जेहन में आसानी से नहीं आता है। जिस दिन अरविंद केजरीवाल ने बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा शुरू की थी, उस समय आजादी के 70 साल हो चुके थे। इन 70 सालों में अनेकों सरकारें आई और गईं, लेकिन किसी सरकार के जेहन में यह बात नहीं आई कि बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराना भी सेवा का एक माध्यम हो सकता है और अभी भी नहीं है। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि दिल्ली की जनता को ऐसी सोच का मुख्यमंत्री मिला है। जिन बुजुर्गों को सम्मानित किया गया है, उनसे हम सभी को कुछ न कुछ सीखने की जरूरत है। बुजुर्ग हमारे लिए वृक्ष की छांव की तरह होते हैं।

‘वरिष्ठ सम्मान’ उत्सव के दौरान कुछ नन्हें बच्चे भी आकर्षण का केंद्र रहे। वे विभिन्न वेशभूषा में बुजुर्ग बन कर कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इन बच्चों ने सीएम अरविंद केजरीवाल को फूल भेंट करने की इच्छा जाहिर की। जिसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने उन्हें मंच पर बुलाया और उनसे फूल स्वीकार कर उनको अपना आशीर्वाद दिया।

‘वरिष्ठ सम्मान’ उत्सव के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुजुर्गों से बात भी की और उनसे उनका स्वास्थ्य जाना। सीएम ने समाज और देश के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया और ऐसे ही आगे भी देश व समाज के विकास के लिए अपना अमूल्य योगदान देते रहने की अपील की।

दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग ने 2020-21 में वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित करने के लिए ‘वरिष्ठ सम्मान’ उत्सव की घोषणा की थी। इसके तहत विभाग ने 75 या इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों से पांच क्षेत्रों में सम्मानित करने के लिए आवेदन मांगा था। जिसमें प्रतिष्ठित वरिष्ठ, कला और संस्कृति, खेल, मेडिकल और स्वतंत्रता सेनानी कैटेगरी शामिल है। वरिष्ठ नागरिकों से प्राप्त आवेदनों को लेकर हुई मीटिंग और विश्लेषण के उपरांत 24 आवेदकों को वरिष्ठ सम्मान उत्सव में पुरस्कृत करने के लिए चुना गया। 

1- एम. लाला एक कोरोना वॉरियर हैं। इन्होंने कोरोना काल में प्लंबर, इलेक्टीशन समेत अन्य लोगों और कई बच्चों को ट्रेनिंग देकर उनकी मदद की। 
2- जयकिशन अग्रवाल नेत्रहीन समाजसेवी हैं और लंदन की अंगदान संस्था में काम करते हैं। 
3- श्रीनिवास शर्मा पर्यावरणविद हैं। 40 साल स्काउटिंग को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर चुके हैं। ये 2016 में गोल्ड अवॉर्ड विजेता रहे हैं। 
4- सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन एस.सी. बेहरी भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत हैं। शिक्षा और दिव्यांगों की मदद करने के क्षेत्र में अहम योगदान दे चुके हैं। इन्हें राष्ट्रीय शिक्षा अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। 
5- जीवन राम गुप्ता दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों की सहायता और सुविधा के लिए बनाई गई कई समितियों का हिस्सा रह चुके हैं। नीति निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा बनकर दिल्ली सरकार की काफी मदद कर चुके हैं।
6- ज्ञान चंद जैन आईटी और कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में अहम योगदान दे चुके हैं। पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित हैं। उत्तर भारत के कई विद्यालयों के संस्थापक सदस्य हैं।

*कला और संस्कृति में वरिष्ठ सम्मान*

7- हरीश श्रीवास्तव ऑइल पेंटिंग में महारत रखते हैं। इन्होंने ललित कला अकादमी और साहित्य कला परिषद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनकी बुनाई कला और लेख देश की कई किताबों और मैगजीन में प्रकाशित है।
8- जलाबला वैद्य थिएटर कलाकार हैं, जिन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुति दी है। अक्षरा थिएटर की संस्थापक सदस्य हैं। संगीत नाट्य अकादमी के टैगोर अवार्ड से सम्मानित हैं। उनकी बेटी इस वरिष्ठ नागरिक पुरस्कार को लेने पहुंची थीं।
9- पंडित रास बिहारी दत्ता सितार वादक और म्यूजिक कंपोजर हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रस्तुति दे चुके हैं। ऑल इंडिया रेडियो में भी प्रस्तुति दे चुके हैं।  
10- आर.एस. बिष्ट मूर्तिकार हैं। दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स के बाल भवन में इनके कार्य की काफी सराहना हुई है। भारत और विदेश में कई प्रमुख मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। साहित्य कला परिषद सम्मान सहित कई पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। 
11- रघुनाथ सिंह का कार्य टीवी और मीडिया के क्षेत्र में सराहा गया है। डीडी किसान के जरिए देश की जनता को जोड़कर कृषि क्षेत्र में नए बदलाव लाने का इनका योगदान बहुत सराहनीय है। कृषि के क्षेत्र में इनके योगदान के लिए इन्हें एफएओ संयुक्त राष्ट्र द्वारा वल्र्ड फूड डे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
12- वी.एस.के. सूद संगम कला ग्रुप के संस्थापक हैं। इन्होंने संगीत और रचनात्मक कला के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य किया है। इन्होंने नए कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं, उन्हें प्लेटफॉर्म दिया है। अंतर्राष्ट्रीय फिल्म और टेलीविजन क्लब से इन्हें लाइफटाइम मेंम्बरशिप अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।  *मेडिकल में वरिष्ठ सम्मान*
13- डाॅ. अनिल कुमार चतुर्वेदी एक फिजिशियन हैं। 53 वर्षों से ज्यादा मेडिकल क्षेत्र में सेवा दे चुके हैं। वयोश्रेष्ठ सम्मान अवार्ड 2016 से सम्मानित हैं। साइंटिफिक कम्युनिकेशन के क्षेत्र में इनके योगदान के लिए मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से सम्मानित किया गया है। 
14- डॉ. शांति तलवार पीडियाट्रिक सर्जन हैं। बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के क्षेत्र में चार दशकों से कार्य कर रही हैं। डॉ. बीसी रॉय नेशनल अवॉर्ड और इंदिरा गांधी वुमन अचीवर अवॉर्ड से सम्मानित हैं। 
15- शमशुल अशफाक यूनानी दवाओं के विशेषज्ञ हैं। पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में योगदान के लिए इन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। यूनानी दवाओं से लोगों का उपचार करने के लिए इन्हें धनवंतरी अवॉर्ड और अजमल खान मेमोरियल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। 
16- डॉ. राजेंद्र नाथ श्रीवास्तव पीडियाट्रिक और न्यूफ्रॉलाॅजिस्ट हैं। इन्होंने दिल्ली एम्स में बतौर डॉक्टर और शिक्षक 30 साल से अधिक वर्षों तक सेवा दी है। आईसीएमआर की ओर से के-मेनन अवार्ड से सम्मानित हैं। वैस्कुलर एक्सेस की एसोसिएशन द्वारा द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किए जा चुके हैं। 
17-  विनोद कुमार वरिष्ठ नागरिकों की सहायता, स्वास्थ और बढ़ती उम्र पर कई लेख लिखे हैं। इंडियन कॉलेज ऑफ फिजिशियंस ने इन्हें मास्टर टीचर अवॉर्ड से सम्मानित किया है। डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर ओल्ड एज केयर के क्षेत्र में कार्य किया है। 
18- डाॅ. चंद्र प्रकाश वर्मा आयुर्वेदिक दवाओं के डॉक्टर हैं। उपकार सेवा संस्थान के अध्यक्ष हैं। आयुर्वेद के क्षेत्र में इनके योगदान के लिए केंद्रीय आर्य युवा परिषद, ऑल इंडिया नेचर केयर कॉन्फ्रेंस सहित कई संस्थाओं ने इनके कार्य को सराहा है।
19- वैद्य ताराचंद शर्मा आयुर्वेदिक दवाओं के डॉक्टर हैं। ऑल इंडिया आयुर्वेद इंस्टीट्यूट से शिक्षक सम्मान पात्रा से सम्मानित हैं। अंतर्राष्ट्रीय पटल पर विश्व आयुर्वेद परिषद ने इनके कार्य को सराहा है। 
20- ओमकार नाथ को मेडिसिन बाबा के नाम से भी जाना जाता है। ये 15 सालों से भी अधिक समय से अकेले अपने दम पर गरीब लोगों को निःशुल्क दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। एम्स और आरएमएल की मदद से उन लोगों की मदद करते हैं जो दवाएं खरीद नहीं पाते। वे घर-घर जाकर लोगों के इस्तेमाल में न आने वाली दवाओं को एकत्रित करने का काम करते हैं, ताकि उन हजारों लोगों की मदद कर सके, जिन्हें इनकी वाकई जरूरत है। इन्हें चिकित्सा रत्न पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
*स्पोट्र्स में वरिष्ठ सम्मान*

21- हरविंदर सिंह प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी और कोच हैं। ओलंपिक खेलों में दो बार गोल्ड मेडल विजेता रह चुके हैं। टोक्यो ओलंपिक 1964 में भारतीय वुमन हॉकी टीम के चीफ कोच रह चुके हैं। अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित हैं। 

22- ए.एन. शर्मा क्रिकेट कोच हैं। ये वीरेंद्र सहवाग और प्रदीप सांगवान जैसे क्रिकेट खिलाड़ियों के कोच रहे हैं। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया से सम्मानित हो चुके हैं। 

23- वीरेंद्र राज मेहता को दिव्यांग लोगों की मदद के लिए 2015 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। लैंड माइन्स में ब्लास्ट के पीड़ितों की मदद करने के उनके कार्य को सराहा जाता है। वे इस समय आईसीयू में एडमिट हैं। इस कारण उनका परिवार भी सम्मान समारोह में शामिल नहीं हो सका।   

*स्वतंत्रता सेनानी वरिष्ठ सम्मान*
24- एस.एन. कक्कड़ 1942 और 1947 में आजादी मूवमेंट का हिस्सा रहे हैं। संग्राम मेडल और आजादी के 25वीं सालगिराह के अवॉर्ड से सम्मानित हैं। इन्होंने इंडिया-पाकिस्तान 1971 के युद्ध में भी देश के लिए लड़ाई लड़ी है।दिल्ली सरकार वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगों को पेंशन देकर वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ वंचित समाज के लोगों के लिए सेवाएं दे रही है। समाज कल्याण विभाग ने ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार वित्तीय सहायता योजना’ शुरू की है। जिसके तहत समाज कल्याण विभाग कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों के परिवारों के लिए 2500 रुपए की मासिक पेंशन देता है। ‘वृद्धावस्था पेंशन योजना’ के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 (नवंबर 2021 तक) में 4,29,443 लाभार्थियों को 1,474 करोड़ रुपए के आवंटित बजट में से 985.29 करोड़ रुपए दिए गए। ‘विकलांग पेंशन योजना’ के तहत 2021-22 (नवंबर 2021 तक) में 1,11,901 लाभार्थियों को 320.35 करोड़ रुपए के आवंटित बजट में से 261.93 करोड़ वितरित किए गए। ‘दिल्ली परिवार लाभ योजना’ के तहत 2021-22 (नवंबर 2021 तक) में 29.7 करोड़ रुपए के आवंटित बजट में से 12,813 लाभार्थियों को पहले ही 25.51 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार वित्तीय सहायता योजना’ के तहत 2021-22 (नवंबर 2021 तक) इसकी स्थापना के बाद से 9,039 लाभार्थियों को 6.75 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

*पेंशन संबंधित समस्याओं के लिए हेल्प डेस्क*

समाज कल्याण विभाग ने एक हेल्प डेस्क बनाया है। जहां पेंशन संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिए वाट्सएप, टेक्स्ट मैसेज, ईमेल और कॉल के जरिए शिकायत दर्ज की जा सकती है। हेल्प डेस्क नंबर 9289550124 और ईमेल- ेू/कमसीपण्हवअण्पद पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक लाभार्थी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। 

*आठ वृद्धाश्रम का चल रहा निर्माण*

दिल्ली सरकार ने बिंदापुर, वजीरपुर, ताहिरपुर और कांति नगर में चार वृद्धाश्रम शुरू किया है। बिंदापुर वृद्धाश्रम में 45 और वजीरपुर वृद्धाश्रम में 17, ताहिरपुर वृद्धाश्रम में 115 और कांति नगर वृद्धाश्रम में 13 लोग रहते हैं। इसके अलावा चितरंजन पार्क, रोहिणी, पश्चिम विहार, गीता कॉलोनी, छतरपुर, जनकपुरी, सरिता विहार और वसंत कुंज, डेरा मंडी में 8 और वृद्धाश्रम के निर्माण का कार्य चल रहा है।

*वरिष्ठ नागरिकों के लिए एल्डर लाइन*

दिल्ली सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘एल्डर लाइन’ नामक एक हेल्पलाइन भी चला रही है। एल्डर लाइन का हेल्पलाइन नंबर-14567 है। अब तक इस हेल्पलाइन पर 75 हजार से अधिक कॉल प्राप्त हुई हैं और कई वरिष्ठ नागरिक इससे लाभान्वित हुए हैं।

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