अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पत्नी की गला घोंटकर व जला कर सनसनीखेज हत्या की वारदात को अंजाम देने वाला भारतीय सेना के पूर्व जवान, जिसे अदालत ने आजीवन कारावास की सजा, पैरोल पर जेल से बाहर, जो समय पूरा होने पर जेल वापिस जाने के बजाए फरार हो गया। अब उसे पूरे 20 साल के बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा चाणक्य पूरी की अंतरराज्यीय प्रकोष्ठ टीम ने आज गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपित का नाम अनिल कुमार तिवारी निवासी चुरहट, सीधी, मध्य प्रदेश, उम्र- 58 वर्ष है।
डीसीपी क्राइम , आदित्य गौतम ने आज जानकारी देते हुए बताया कि आरोपित अनिल कुमार तिवारी के खिलाफ दिल्ली कैंट पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 196/1989 दिनांक 14.05.1989 धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसे अपनी पत्नी “एम” को आग लगाकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शवपरीक्षा और संबंधित उपखंड अधिकारी द्वारा जांच करने के बाद एफआईआर दर्ज की गई। आरोपित को 31.05.1989 को गिरफ्तार किया गया और बाद में उसे दोषी ठहराया गया और आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। इसके बाद, 21.11.2005 को उसे उच्च न्यायालय, दिल्ली द्वारा 02 सप्ताह की अवधि के लिए सजा का अंतरिम निलंबन दिया गया था, लेकिन अंतरिम निलंबन अवधि पूरी होने के बाद वह वापस नहीं आया।
आरोपित को पकड़ने के लिए टीम और प्रयास:
डीसीपी क्राइम गौतम का कहना है कि निरीक्षक सतेंद्र मोहन की देखरेख और सहायक आयुक्त पुलिस रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में निरीक्षक महिपाल, उप-निरीक्षक अंकित व गौरव, सहायक उप-निरीक्षक सत्यवीर, प्रधान सिपाही नवीन, सुनील, तरुण, विनोद और सिपाही धर्म सिंह की एक टीम का गठन किया गया, ताकि पिछले 20 वर्षों से फरार चल रहे आरोपित को गिरफ्तार किया जा सके। सभी संभावित स्रोतों का इस्तेमाल किया गया,तकनीकी और मैनुअल इनपुट प्राप्त किए गए और पाया गया कि आरोपित को पहले प्रयागराज, यूपी और फिर उसके गांव के पास देखा गया था। टीम ने व्यापक खोज की और ताजा सूचना पर कार्रवाई करने के लिए चुरहट, सिद्धि, मध्य प्रदेश के लिए रवाना हुई। आखिरकार 12.04.2025 को आरोपित को उसके गांव से पकड़ लिया गया।
पूछताछ और आरोपी का प्रोफाइल:
गौतम का कहना है कि अनिल कुमार तिवारी की शादी वर्ष 1981 में रीवा, मध्य प्रदेश निवासी “एम” से हुई और बाद में, वह 1986 में दिल्ली कैंट, दिल्ली में ऑर्डिनेंस कोर यूनिट में ड्राइवर के रूप में भारतीय सेना में शामिल हो गया। उसने 18 साल तक भारतीय सेना में सेवा की और भारत के विभिन्न हिस्सों में तैनात रहा। उसके वैवाहिक संबंध अंततः छोटी-छोटी बातों और घरेलू झगड़ों के कारण खराब हो गए। और एक दिन, आरोपित ने पहले अपनी पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर उसे जलाकर मार डाला। बाद में, उसने पूरी घटना को आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की, लेकिन जब घटनाओं का पूरा क्रम सामने आया, तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया और अदालती सुनवाई के बाद उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उसने आगे खुलासा किया कि आरोपित को भारतीय सेना ने वर्ष 2005 में नायक के पद से बर्खास्त कर दिया था वह अक्सर अपने काम और रहने की जगह बदलता रहता था। खुद को चलाने के लिए वह ड्राइवर का काम करता था और हमेशा नकद में ही लेन-देन करता था ताकि कोई इलेक्ट्रॉनिक सबूत न छूटे। बाद में उसने दोबारा शादी कर ली और अब उसके 4 बच्चे हैं।
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